रवीन्द्रनाथ टैगोर (07 मई, 1861– 07 अगस्त,1941 ) को गुरुदेव के नाम से भी जाना जाता है। वे विश्वविख्यात कवि, साहित्यकार, दार्शनिक और भारतीय साहित्य के नोबल पुरस्कार विजेता हैं। बांग्ला साहित्य के माध्यम से भारतीय सांस्कृतिक चेतना में नयी जान फूँकने वाले युगदृष्टा थे। वे एशिया के प्रथम नोबेल पुरस्कार सम्मानित व्यक्ति हैं। वे एकमात्र कवि हैं जिसकी दो रचनाएँ दो देशों का राष्ट्रगान बनीं – भारत का राष्ट्र-गान जन गण मन और बाँग्लादेश का राष्ट्रीय गान आमार सोनार बाँग्ला गुरुदेव की ही रचनाएँ हैं।
यह परिचय रवीन्द्रनाथ टैगोर का लखनऊ में जिलाधिकारी आवास के सामने रवींद्र उपवन में गुरुवर की मूर्ति की स्थापना 2009 में की गयी थी। तब इस मौके पर तत्कालीन महापौर डॉ.दिनेश शर्मा भी मौजूद थे ।
गुरुवर की मूर्ति स्थापना हो गयी,पत्थर पर गुरुवर की जीवनी भी अंकित हो गयी। गुरुवर के योगदान को याद किया गया था। माल्यापर्ण हुआ फोटो भी हुई। सब ख़ुशी ख़ुशी अपने अपने घरों को लौट आये। उसके बाद यहाँ साल में 2 बार गुरुवर को याद करने की रस्म निभायी जाने लगी।
गुरुवर की मूर्ति इस मुकाम पर स्थापित होगी यह फैसला लखनऊ नगर निगम का नहीं हो सकता है इसमें जिला प्रशासन भी शामिल है । जो भी गुरुवर की मूर्ति के लिए ज़िम्मेदार रहें हैं क्या उन्हें नहीं पता था की रवीन्द्रनाथ टैगोर का निधन 07 अगस्त,1941 को हुआ था। नाकि 02 अगस्त,1941 को ।
यहाँ स्थापित पत्थर यही बता रहा है की 02 अगस्त,1941 को रवीन्द्रनाथ टैगोर का निधन हुआ था।
लखनऊ बंगीय नागरिक समाज के प्रमुख संयोजक प्रकाश कुमार दत्ता लगातार यह मांग करते रहें हैं की यहाँ रवीन्द्रनाथ टैगोर के निधन की तिथि की सही किया जाये। पर वो अब तक ठीक नहीं हुई है।
संजोग वॉल्टर।