वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट इस दृष्टिकोण से बनाया है ताकि देश के आर्थिक विकास का ढांचा मजबूत हो सके। सरकार ने बजट मे इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने पर ध्यान दिया क्योंकि जब तक उत्पादन के लिए ढांचा मजबूत नहीं होगा, तब तक स्थायी रूप से आर्थिक विकास संभव नहीं है। इसी के तहत देश भर मंे करीब 11 हजार किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है। सड़कें देश की धमनियां हैं। इसी प्रकार रेलवे का भी विस्तार किया जा रहा है। बजट को किसानों के हित में भी बताया जा रहा है। कृषि कानूनों के विरोध को ध्यान में रखते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीता रमण के न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर बजट में कहा कि इसे जारी रखा जाएगा। उन्हांेने कहा कि 2020-2021 मंे किसानों से 1.72 लाख करोड़ रुपये का धान खरीदा गया है। इसी तरह गेहूं की चर्चा करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि 2013-14 में किसानों को 33874 करोड़ रुपये मिले थे जबकि 2019-20 में यह आंकड़ा बढ़कर 62 हजार करोड़ और 2020-21 मंे 75.50 करोड़ रुपये 43.36 लाख किसानों को मिले हैं। वित्तमंत्री ने बताया कि टेक्सटाइल क्षेत्र को और ज्यादा विकसित करने का बजट में प्रावधान किया गया है।
मोदी सरकार की ओर से 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में आम बजट-2021-22 पेश किया। वित्त मंत्री ने बजट भाषण के शुरुआत में ही यह साफ कर दिया कि इस बार का आम बजट 6 पिलर्स पर आधारित होगा। इसी में से एक है इंफ्रास्ट्रक्चर यानी आधारभूत संरचना। इसके तहत उद्येाग जगत को भी बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर मुहैया कराने की प्रतिबद्धता के तहत निर्मला सीतारमण ने बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने टेक्सटाइल सेक्टर को और गति देने के लिए मेगा पार्क स्कीम लाने की घोषणा की है। इसके जरिए इस सेक्टर को समुचित सुविधाएं एक जगह मुहैया कराने की कोशिश की जाएगी, ताकि उत्पादन को विश्व स्तर पर और भी प्रतिस्पर्धी बनाया जा सके। मेगा टेक्स्टाइल पार्क स्कीम के साथ मोदी सरकार मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर को और रफ्तार देने व वैश्विक स्तर पर भारत को एक्सपोर्टिंग हब तौर पर विकसित करना चाहती है।
बजट भाषण में मेगा टेक्सटाइल स्कीम लॉन्च करने की घोषणा करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, टेक्सटाइल सेक्टर में व्यापक पैमाने पर निवेश करने को लेकर स्कीम लॉन्च की जाएगी। यह प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव के अतिरिक्त होगा। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत अगले 3 वर्षों में 7 मेगा टेक्सटाइल पार्क बनाए जाएंगे। इन टेक्सटाइल पार्क में सभी तरह की एकीकृत सुविधाएं मिलेंगी, ताकि ट्रांसपोर्टेशन के करण होने वाले नुकसान को कम से कम किया जा सके। साथ ही इस योजना के जरिये निवेश को भी आकर्षित करने का प्लान है, ताकि कपड़ा निर्यात में भारत अन्य अग्रणी देशों को टक्कर दे सके।
अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए सरकार ने इस साल देशभर में करीब 11 हजार किलोमीटर के राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण का लक्ष्य भी रखा है। साथ ही रेलवे ने नेशनल रेल प्लान भी तैयार किया है। जिसमें कई फ्रंट कोरिडोर बनाए जाएंगे। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि भारत माला प्रोजेक्ट के तहत देश में 13 हजार किलोमीटर लंबाई के राष्ट्रीय राजमार्ग बनाए जा रहे हैं। इस प्रोजेक्ट पर सरकार 5.35 लाख करोड़ रुपए खर्च कर रही है जिनमें से 3.3 लाख करोड़ दिए जा चुके हैं। अभी 3800 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण का काम चल रहा है। मार्च 2022 तक सरकार ने देशभर में 11 हजार किलोमीटर के राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण का लक्ष्य रखा है। इसके तहत तमिलनाडु, केरल, पश्चिम बंगाल और असम में बड़े राजमार्ग प्रोजेक्ट्स पर काम शुरू किया जाएगा। साथ ही 65 हजार करोड़ से एक हजार किलोमीटर का मुंबई कन्याकुमारी हाइवे का निर्माण किया जाएगा और 25 हजार करोड़ से कोलकाता से सिलीगुड़ी रोड की मरम्मत की जाएगी। रेलवे के लिए सरकार ने बजट में 1.10 लाख करोड़ रुपए का ऐलान किया है। इनमें से 1.7 लाख करोड़ रुपए कैपिटल एक्सपेंडिचर के लिए होंगे। रेलवे ने नेशनल रेल प्लान तैयार किया है। जिसके तहत 2030 तक भविष्य की जरूरत को देखते हुए फ्रेट कोरिडोर आदि प्रोजेक्ट का निर्माण किया जाएगा। इससे लॉजिस्टिक लागत को कम करने में मदद मिलेगी, जिससे मेक इन इंडिया को बढ़ावा मिलेगा। पब्लिक बसों के लिए सरकार ने बजट में 18 हजार करोड़ रुपए का ऐलान किया है। पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के आधार पर बजट में बंदरगाहों के सुधार के लिए 2000 करोड़ रुपए का ऐलान किया गया है।
इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने से सबसे बड़ा फायदा मेक इन इंडिया के रूप में मिलेगा। दरअसल अभी देश में मैन्यूफैक्चर प्रोडक्ट को बंदरगाह तक पहुंचाने में काफी समय लगता है। ऐसे में देश में सड़कों और रेल लाईनों का जाल बिछ जाने के बाद इसमें कमी आएगी और हम कम समय में अपने प्रोडक्ट्स को दुनिया के अन्य देशों में भेज सकेंगे। एलआईसी में निवेश को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बड़ा ऐलान किया है। निर्मला सीतारमण ने कहा है कि इसी वित्त वर्ष में एलआईसी का आईपीओ लाया जाएगा। इसके साथ ही अगले साल कई पीएसयू कंपनियों का विनिवेश का भी प्लान सरकार ने तैयार कर लिया है। इसके लिए नए कानून बनाये जाएंगे। मोदी सरकार इस वित्त वर्ष में विनिवेश के जरिए 175000 करोड़ रुपए हासिल करने का अनुमान लगाया है. बता दें कि आज एलआईसी की कुल संपत्ति 32 लाख करोड़ रुपए से भी ज्यादा की है। एलआईसी की कुल संपत्ति दुनिया के 75 देशों की जीडीपी से भी अधिक है।
गौरतलब है कि पिछले कई दिनों से एलआईसी में आईपीओ लाने की बात कही जा रही थी। आज वित्त मंत्री ने इसको लेकर बड़ा ऐलान कर दिया। जानकार मान रहे हैं कि केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद आने वाले दिनों में इंश्योरेंस सेक्टर में बड़े पैमाने पर निवेश की संभावना बढ़ेगी। रोजगार के भी मौकों में काफी इजाफा होगा। स्वाभाविक रूप से विपक्षी दलों ने सरकार के बजट की आलोचना की है। बीमा में विरोध को लेकर बीमा कर्मचारियों के संघ भी विरोध करेंगे।
फिलहाल सरकार के बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर यानी आधारभूत संरचना। इसके तहत उद्येाग जगत को भी बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर मुहैया कराने की प्रतिबद्धता के तहत निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने टेक्सटाइल सेक्टर को और गति देने के लिए मेगा पार्क स्कीम लाने की घोषणा की है। इसके जरिय इस सेक्टर को समुचित सुविधाएं एक जगह मुहैया कराने की कोशिश की जाएगी, ताकि उत्पादन को विश्व स्तर पर और भी प्रतिस्पर्धी बनाया जा सके। (हिफी)
