झंडा दिवस की बधाई
एजेंसी इनपुट के साथ संजोग वॉल्टर। उत्तर प्रदेश पुलिस को झंडा 23 नवंबर 1952 को दिया गया था पुलिस ध्वज,प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने दिया था पुलिस ध्वज,झंडा दिवस पर शहीद पुलिसकर्मियों को दी जाएगी श्रद्धांजलि। झंडा दिवस पुलिस के लिए गौरवशाली अतीत का जीवांत प्रतीक भी है। पुलिस की अहर्निश जनसेवा, कर्तव्यपरायणता, पराक्रम, शौर्य तथा आत्मबलिदान की अनगिनत गाथाओं के बाद पुलिस ध्वज प्राप्ति की इस गौरवमयी उपलब्धि का मार्ग प्रशस्त हो सका। पूरे देश में उत्तर प्रदेश ही ऐसा पहला राज्य है जिसके नागरिक पुलिस व पीएसी बलों को देश के प्रधानमंत्री द्वारा ध्वज प्रदान किए गए है। तब यह समारोह लखनऊ की पुलिस लाइन में आयोजित किया गया था। यूपी पुलिस के इतिहास में 23 नवम्बर का दिन विशेष महत्व रखता है।
उत्तर प्रदेश पुलिस 20 करोड़ जनसंख्या ( 2011 के अनुसार) में न्याय एवं कानून व्यवस्था बनाये रखने हेतु उत्तरदायी पुलिस सेवा है। ये पुलिस सेवा न केवल भारत वरन विश्व की सबसे बड़ी पुलिस सेवा है। सेवा के महानिदेशक-पुलिस की कमान की शक्ति 1.70 लाख के लगभग है जो 75 जिलों में 31 सशस्त्र बटालियनों एवं अन्य विभागों में बंटी व्यवस्था का नियामन करती है। इन विभागों में प्रमुख हैं: इंटेलिजेंस, इन्वेस्टिगेशन, एंटी-करप्शन, तकनीकी, प्रशिक्षण एवं अपराध-विज्ञान। संगठित अपराध, आर्थिक अपराध इत्यादि से निपटने के लिए प्रदेश पुलिस बल में विशेषज्ञता प्राप्त विभिन्न प्रकोष्ठ अस्तित्व में आए हैं। अपराध विज्ञान, प्रशिक्षण, कम्प्यूटर, दूर संचार, नवीनतम उपकरण, आधुनिक शस्त्र और नए वाहन तकनीकी साधनों के क्षेत्र में आधुनिकीकरण पर उचित बल दिया जा रहा है।
समय के साथ सिविल पुलिस का विकास होता गया और भारत की स्वतन्त्रता के बाद श्री बी. एन. लाहिरी उत्तर प्रदेश के पहले भारतीय पुलिस महानिरीक्षक बने। अपराध नियंत्रण और विधि-व्यवस्था बनाए रखने में प्रदेश पुलिस के कार्य प्रदर्शन को बहुत सराहा गया और इसे देश के पहले पुलिस बल के रूप में 23 नवंबर 1952 को तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू द्वारा ‘कलर्स’ प्राप्त करने का गौरवपूर्ण सौभाग्य हासिल है। तभी से इस पुलिस बल ने सांप्रदायिक और सामाजिक सौहार्द्र और विधि-व्यवस्था बनाए रखने, और अपराध पर नियंत्रण रखने की अपनी गौरवशाली परंपरा को कायम रखा हुआ है ताकि जनमानस के बीच सुरक्षा की भावना समाहित करने और राज्य का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित किया जा सके। फोटो सोशल मीडिया से।