बहुत बुरा हुआ था इनके साथ। इनका नाम है मनमोहन। पुरानी फ़िल्मों का एक जाना-पहचाना हुआ चेहरा। अधिकतर विलेनियस किरदारों में दिखाई देते थे। 28 जनवरी 1933 को जमशेदपुर में मनमोहन जी का जन्म हुआ था। मनमोहन जी के पिता जमशेदपुर के नामी व्यापारी थे। लेकिन अपने पिता के बिजनेस में मनमोहन जी को कोई रूचि नहीं थी। क्योंकि इन्हें फ़िल्में पसंद थी। ये फ़िल्मों में हीरो बनना चाहते थे। इसलिए 1950 में मनमोहन जी हीरो बनने का इरादा मन में लिए बम्बई अब मुंबई आ गए थे।
मनमोहन जी ने सोचा था कि थोड़ी मेहनत करने के बाद ये आराम से हीरो बन ही जाएंगे। मगर फ़िल्मों में कोई रोल हासिल करने में मनमोहन जी को 13 साल का लंबा समय लग गया। 1963 में आई फिल्म ‘ये रास्ते हैं प्यार के’ मनमोहन जी की पहली फ़िल्म थी। लेकिन इनका रोल बड़ा छोटा सा था। उस फिल्म करने के बाद भी मनमोहन जी का संघर्ष चलता रहा। मगर 1965 में मनमोहन जी को मनोज कुमार जी की फिल्म शहीद में काम करने का मौका मिला।
शहीद इनके पूरे करियर की सबसे खास फ़िल्म रही। इस फ़िल्म में में मनमोहन जी ने अमर शहीद चंद्रशेखर आज़ाद का किरदार निभाया था। वक्त ने कुछ ऐसी करवट ली कि फिल्मों में हीरो बनने जमशेदपुर से मुंबई आए मनमोहन सपोर्टिंग कलाकार के तौर पर टाइपकास्ट कर दिए गए। फिल्मों में उन्होंने अधिकतर निगेटिव किरदार ही निभाए। जबकी कुछ फ़िल्मों में मनमोहन जी अच्छे किरदारों में भी दिखे थे।
मनोज कुमार जी के साथ मनमोहन जी महाराष्ट्र के एक दूर-दराज के गांव में शूटिंग करने गए थे। वो गांव ऐसा था कि वहां बिजली नहीं थी। ऐसे में फिल्म यूनिट के सभी लोग रात को तंबुओं में सोते थे। और रोशनी के लिए पेट्रोमैक्स लैंप का इस्तेमाल करते थे। एक दिन मनमोहन जी पैट्रोमैक्स जला छोड़कर ही सो गए।
रात को किसी वक्त पैट्रोमैक्स फट गया। और मनमोहन जी के तंबू में आग लग गई। आग की चपेट में मनमोहन भी आ गए। मनमोहन जी बहुत बुरी तरह से झुलस गए। उनका शरीर 80 प्रतिशत तक जल गया था। उन्हें फौरन एक अस्पताल ले जाया गया। कई दिनों तक उनका इलाज चला। उन्हें बचाने की काफ़ी कोशिशें की गई। लेकिन वो बच ना सके। 26 अगस्त 1979 को मात्र 46 साल की उम्र में मनमोहन जी ये दुनिया छोड़ गए।
मनमोहन जी के पुत्र नितिन मनमोहन भी बतौर प्रोड्यूसर फिल्म इंडस्ट्री में आए थे। उन्होंने कुछ बड़ी फिल्में बनाई थी जैसे बोल राधा बोल, लाडला, चल मेरे भाई, आर्मी व और कुछ। 2022 में मनमोहन जी के पुत्र नितिन मनमोहन की भी मृत्यु हो गई।