अगले साल से खाद सब्सिडी सीधे खाते में
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किसानों से वादा किया है कि उनकी आमदनी को दोगुना तक बढ़ा दिया जाएगा। इस सिलसिले में कई कदम उठाये जा रहे हैं। देश भर के किसानों को खाद की सब्सिडी सीधे खाते में दी जाएगी। केंद्र सरकार ने दिल्ली समेत सात छोटे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में उर्वरक सब्सिडी के लिए डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) व्यवस्था एक अक्टूबर से लागू कर दी है। अगले चरण में पंजाब, मध्य र्पदेश और आंध्र र्पदेश समेत 12 बड़े राज्यों में यह व्यवस्था लागू होगी। जनवरी 2018 तक यह व्यवस्था पूरे देश में लागू हो जाएगी। उर्वरक मंत्रालय के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी है। किसानों को रियायती कीमत पर खेतों के लिए पोषक तत्व सुलभ कराने के लिए सरकार को उर्वरक सब्सिडी पर हर साल करीब 70 हजार करोड़ रुपये खर्च करने होते हैं। रसोई गैस पर डायरेक्ट सब्सिडी के विपरीत उर्वरकों पर यह व्यवस्था अलग तरह से लागू होगी। अधिकारी ने पहचान न बताने की शर्त पर जानकारी दी कि उर्वरकों के लिए डीबीटी स्कीम इस तरह तैयार की गई है जिससे किसानों पर कोई अतिरिक्त भार नहीं पड़ेगा और सरकार कंपनियों को सब्सिडी का भुगतान करेगी। रसोई गैस के मामले में उपभोक्ता बाजार मूल्य पर सिलेंडर खरीदते हैं और सरकार बाद में उनके खाते में सब्सिडी की राशि ट्रांसफर करती है। अधिकारी ने बताया कि डीलर द्वारा रियायती उर्वरकों की बिक्री करने के बाद इसके आंकड़े वेबसाइट पर लोड करने के बाद ही कंपनियों को सब्सिडी दी जाएगी। किसानों, डीलर और बिक्री का विवरण दर्ज करने के लिए करीब ६० फीसद पीओएस मशीनें विभिन्न राज्यों में लगा दी गई हैं। मशीनों की कोई कमी नहीं है। जल्दी ही यह काम पूरा कर लिया जाएगा।
मौजूदा समय में उर्वरक सब्सिडी के लिए डीबीटी व्यवस्था एक अक्टूबर से दिल्ली, मिजोरम, नगालैंड, पुडुचेरी, गोवा, दमन व ड्यू और, दादरा व नगर हवेली में लागू की गई है। अगले महीने से एक दर्जन अन्य राज्यों में यह व्यवस्था लागू करने के लिए चयन किया जा चुका है। चरणबद्ध तरीके से अन्य राज्यों में यह व्यवस्था लागू होगी। जनवरी तक पूरे देश में इसे लागू कर दिया जाएगा।
डीबीटी के फायदों पर अधिकारी ने कहा कि इससे पारदर्शी तरीके से सब्सिडी का भुगतान वास्तविक बिक्री से जुड़ जाएगा। पात्र लाभार्थियों को इसका लाभ मिलेगा और उद्योगों को अवैध रूप से रियायती उर्वरकों की सप्लाई रुकेगी। चूंकि बिक्री के आंकड़े डिजिटल फॉर्मेट में रिकॉर्ड होंगे। ऐसे में कंपनियों को बिना देरी के सब्सिडी का भुगतान हो सकेगा। सरकार १९ जिलों में पायलट र्पोजेक्ट के तौर पर यह स्कीम पहले ही लागू कर चुकी है। उर्वरकों के मामले में किसानों के पहले भुगतान करके महंगे उर्वरक खरीदना मुश्किल होता है। ऐसे में किसानों को डीलर के यहां से रियायती दर पर उर्वरक पहले की तरह मिलते रहेंगे। नई व्यवस्था के तहत किसानों की खरीद का ब्यौरा प्वाइंट ऑफ सेल (पीओएस) मशीन के जरिये दर्ज किया जाएगा। इसके बाद सरकारी कंपनियों को सब्सिडी का भुगतान करेगी। (हिफी)
चार उपक्रमों के विनिवेश आमंत्रित
सरकार ने सलाहकार कंपनियों एनपीसीसी, एचएससीसी और ईपीआई में अपनी समूची हिस्सेदारी की खरीद के लिये केंर्दीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (सीपीएसई) से बोलियां आमंत्रित की हैं। सरकार का इरादा सभी सलाहकार सेवा कारोबार को एक इकाई के तहत लाने का है। इसके अलावा सरकार का इरादा कोलकाता की निर्माण कंपनी ब्रिज एंड रूफ कंपनी में अपनी ९९.३५ प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने का भी है। यह कंपनी भारी उद्योग मंत्रालय के तहत आती है। बोलियां आमंत्रित करने के नोटिस के अनुसार सरकार नेशनल प्रोजेक्ट्स कंस्ट्रक्शन कारपोरेशन (एनपीसीसी) में अपनी समूची ९८.९९ प्रतिशत हिस्सेदारी बेचना चाहती है। इसके अलावा उसका हॉस्पिटल सर्विसेज कंसल्टेंसी कॉरपोरेशन (एचएससीसी) में समूची १०० प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने का इरादा है। हालांकि सरकार यह हिस्सेदारी सिर्फ सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों को बेचना चाहती है। यह हिस्सेदारी बिक्री वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा २०१७-१८ के बजट में की गई घोषणा के अनुरूप है। वित्त मंत्री ने बजट में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के विलय की मंशा जताई थी जिससे बड़े सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम बनाए जा सकें। एनपीसीसी, एचएससीसी और ईपीओ के लिए बोलियां ८ नवंबर तक दी जा सकती हैं। वहीं ब्रिज एंड रूफ कंपनी के लिए बोलियां देने की तारीख ११ दिसंबर तक है। निवेश एवं लोक संपत्ति र्पबंधन विभाग (दीपम) ने नोटिस में कहा है कि सरकार ने एनपीसीसी में अपनी समूची हिस्सेदारी के विनिवेश का सैद्धान्तिक फैसला किया है। इसमें प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के जरिये प्रबंधन नियंत्रण का भी स्थानांतरण किया जाएगा। एनपीसीसी जल संसाधन मंत्रालय के र्पशासनिक नियंत्रण में आती है। वहीं एचएससीसी स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत आती है। (हिफी)
हवाई यात्रियों को दीपावली का तोहफा
इस साल दिवाली हवाई यात्रा करने वालों के लिए भी राहत लेकर आ रही है। हर साल के उलट इस बार हवाई किराया बढऩे के बजाए घटते दिखाई दे रहे हैं। ट्रैवल पोर्टल्स के अनुसार त्यौहारी सीजन पर दिल्ली से मुंबई का हवाई किराया २५०० से ३००० रुपये के बीच है, जबकि चेन्नई से दिल्ली का किराया ४२००-५००० रुपये के बीच है। वहीं हैदराबाद से दिल्ली का किराया ४५०० से ५००० रुपये के बीच है। ऑनलाइन ट्रैवल पोर्टल यात्राडॉटकॉम से मिले आंकड़ों के मुताबिक, सबसे व्यस्त रूटों जैसे दिल्ली-मुंबई और हैदराबाद-दिल्ली के किराये में ३८ फीसद और ३२ फीसद की कमी दर्ज की गई है। ये किराये एक सप्ताह पहले की बुकिंग के हैं।
आमतौर पर त्यौहारी सीजन पर मांग बढऩे के कारण हवाई किराये में बढ़ोतरी दर्ज की जाती रही है। इस साल इसके विपरीत किराये घट रहे हैं। खास बात यह है कि तत्काल बुकिंग वाली टिकटों के भी किराये में कमी आई है। जानकारों का कहना है कि कुछ रूटों पर क्षमता बढऩे की वजह से इस साल किराये में कमी आई है। क्लियरस्ट्रिप के प्रमुख (एयर एंड डिस्ट्रीब्यूशन) बालू रामचंद्रन का कहना है कि सभी एयरलाइनों ने ज्यादा हवाई यात्रियों को सेवाएं सुलभ कराने की क्षमता तैयार कर ली है, जबकि मांग में कमी बनी हुई है। इस वजह से किराये कम हो रहे हैं। कुछ रूटों पर किराया घटा है, मगर कुछ रूट ऐसे भी हैं, जिन पर किराये में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। मसलन दिल्ली-बेंगलुरु और मुंबई-गोवा रूट पर किराये में १५ फीसद और १९ फीसद का इजाफा हुआ है। यात्राडॉटकॉम के सीओओ का कहना है कि व्यस्त रूटों पर क्षमता बढऩे के कारण तत्काल टिकट के किराये में कमी आई है। हालांकि जिन रूटों पर क्षमता ज्यादा नहीं बढ़ी है, उन पर किराये में बढ़ोतरी हुई है।
एयर इंडिया एक्सप्रेस ने दिल्ली से कोयंबटूर के लिए नई उड़ान की घोषणा की है। अगले महीने शुरू होने वाली यह फ्लाइट कोयंबटूर से सिंगापुर जाएगी। एयर इंडिया की किफायती एयरलाइन, एयर इंडिया एक्सप्रेस ने एक बयान में कहा कि दिल्ली-कोयंबटूर-सिंगापुर फ्लाइट सप्ताह में तीन दिन मंगलवार, गुरुवार और शनिवार को मिलेगी। इसके अलावा चार्टर्ड विमान सेवा की सुविधा भी बढऩे जा रही है। ईजी चार्टर्स एविएशन ग्रुप एयर वन ने एक नई सेवा पेश की है। इसके जरिये ग्राहक दुनिया के ३८ शहरों के लिए चार्टर्ड प्लेन की बुकिंग करवा सकेंगे। इसी प्रकार ईजी चार्टर्स के नाम की कंपनी चार्टर्ड विमान सेवाओं की बढ़ती मांग को एग्रीगेटर के रूप में पूरा करने का र्पयास करेगी। एयर वन ग्रुप के चेयरमैन आलोक शर्मा ने कहा कि ग्राहक 500 विमानों में से कोई भी चुन सकेंगे, जिनकी क्षमता पांच से ३०० यात्रियों की होगी। (हिफी)