6 अप्रैल 2016 लखनऊ मोमिन अन्सार सभा का छठा राष्ट्रीय पसमान्दा अधिकार महासम्मेलन रविन्द्रालय, चारबाग, लखनऊ में सम्पन्न हुआ। जिसमें प्रदेष व देष भर से मोमिन अन्सार समाज (बुनकर) दस्तकारों सहित पसमान्दा समाज के लोग हजारो की तादात में शामिल हुए। महासम्मेलन की सरपरस्ती हाजी मो. हाषिम अन्सारी, मुद्दई बाबरी मस्जिद व सरपरस्त मोमिन अन्सार सभा व मेहमान एजाज़ी मा. हाजी महबूब अली, कैबिनेट मंत्री, रेषम एवं हथकरघा वस्त्रोद्योग, उ.प्र. शासन थे तथा सम्मेलन की अध्यक्षता मोमिन अन्सार सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मो. अकरम अन्सारी ने की निज़ामत रहमत लखनवी, प्रदेष अध्यक्ष, उ.प्र. मोमिन अन्सार साहित्य अदब सभा (प्रकोष्ठ) ने की राष्ट्रीय अध्यक्ष अकरम अन्सारी ने कहा कि आज हिन्दुस्तान में मुसलमानों और खासकर पसमान्दा मुसलमानों के जो हालात है बहुत ही सोची समझी साजिषों के तहत बनाये गये हैं आज रोज़ बरोज़ नये नये नारे देकर विवाद पैदा करने की कोषिषें की जा रही है। कभी लव जिहाद, कभी भारत माता की जय का नारा देकर इस तरीके से पेष किया जाता है। जिससे देष में असहिष्णुता को बढ़ावा मिलता है। इसके पीछे आर.एस.एस. की बड़ी साजिष है। यह ऐसी तन्ज़ीम है जिसने कभी भी हिन्दुस्तान को आजाद कराने या देष के लिये कभी भी कोई कुर्बानी पेष नहीं की। लेकिन महात्मा गांधी के हत्यारों का महिमामण्डन करके मुल्क को नुकसान पहुंचाने का काम कर रहे हैं। इसको हम पसमान्दा समाज को गहराई से समझना होगा। हमे अपनी जिन्दगी में जिस तरह रोजी रोटी के लिए मषक्कत करनी होती है उसी तरह से हिन्दुस्तान को तोड़ने वाली साजिषो को समझना होगा। क्योंकि सबको पता है कि हिन्दुस्तान में मुसलमानों की कुल आबादी का 85 फीसद मुसलमान पसमान्दा जिसके हालात दलितों से भी ज्यादा बदतर है। यह 85 फीसद समाज जो दस्तकारी से जुड़ा है इस पसमान्दा समाज पर तिरछी नज़र रखने वाले विभिन्न पार्टियों में मौजूद आर.एस.एस. के लोग साजिषें रचा करते हैं। वह चाहते हैं कि दस्तकारी उद्योग को तोड़ दे जिससे पसमान्दा अवाम भी टूट जाये। क्योंकि जो रोज़गार किसी तरह मिल भी रहा है जब वो भी खत्म हो जायेगा तो अपने आप सब खत्म हो जायेगा। आज आप उ.प्र. में ही बुनकरों और दस्तकारों के हालात को देख लीजिए। प्रधानमंत्री जी हमारे उ.प्र. में विष्व भर में अपने हुनर की अलग पहचान रखने वाले जि़ले बनारस से सांसद हैं और वहां पर भी बुनकरों के हालात इतने बद्तर हैं कि आर्थिक तंगी के कारण बुनकरों ने आत्महत्याऐं की है। आज दस्तकारी के काम चाहे वो दरदोजी हो या चिकनकारी, पीतल की दस्तकारी, बुनकरी के काम जिसकी वजह से हिन्दुस्तान को कभी सोने की चिडि़या कहा जाता था। बहुत ही बद्तर हालत मेें हैं ये हुनरमन्द लोग दूसरे क्षेत्रों में पलायन कर रहे हैं।
अकरम अन्सारी ने कहा कि अब एक होने का वक्त आ गया है जब तक हम अपने वोटो की ताकत को एकजुट नहीं रखेंगे तब तक हमारी दुष्वारियां बढ़ती ही जायेंगी। पष्चिम बंगाल में चुनाव होने जा रहे हैं उसके बाद उ.प्र., पंजाब आदि प्रदेषों में भी चुनाव होना है। उसके लिए अभी से काम करने की जरूरत है। हम जिस पार्टी को भी वोट देने का फैसला करेंगे तो हमारा शत प्रतिषत वोट उसी पार्टी को दिया जायेगा। क्योंकि अब हम पसमान्दा अवाम ‘‘बेगानी शादी में अब्दुल्लाह दीवाना’’ की कहावत की तरह कोई काम नहीं करेंगे। मोमिन अन्सार सभा का यह फैसला है कि अब उस पार्टी को ही भरपूर समर्थन जारी करेंगे। जो राजनीतिक पार्टी पसमान्दा मुसलमानों को आबादी के अनुपात में हिस्सेदारी देने की बात करेगी। आबादी के अनुपात में पसमान्दा मुसलमानों को मोमिन अन्सार सभा द्वारा चिन्हित उम्मीदवारों को टिकट देगी। उसी सेकुलर पार्टी को समर्थन दिया जायेगा। यदि कोई पार्टी ऐसा नहीं कर रही है तो 2017 के लिए मोमिन अन्सार सभा नया विकल्प लायेगी।
राष्ट्रीय अध्यक्ष मो. अकरम अन्सारी ने अपने अध्यक्षीय भाषण में हाजी मो. हाषिम अन्सारी व माननीय हाजी महबूब अली जी, कैबिनेट मंत्री और सम्मेलन में आये हुए सभी मेहमानो का इस्तकबाल किया। सरकार द्वारा पहली बार बुनकर पेंषन योजना के लिए 30 करोड़ रूपये का बजट में प्रवधान किये जाने पर हाजी महबूब अली को सम्मानित किया और बुनकर, दस्तकारों से सम्बन्धित 13 सूत्रीय मांग पत्र को हाजी महबूब अली जी को इस उम्मीद के साथ सौंपा कि इन समस्याओं का जल्द निराकरण हो सकेगा। इसी के साथ पसमान्दा मुसलमानों की समस्याओं से सम्बन्धित एक मांग पत्र मुख्यमंत्री के नाम कैबिनेट मंत्री मा. हाजी महबूब अली को सौंपा।