भोपाल। कांग्रेस के नेता एवं विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने शिवराज सिंह चौहान की सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की नोटिस भले ही दे दी है लेकिन उनकी माता सरोज सिंह ने अदालत में जिस तरह से मामला उठाया उससे वे पारिवारिक उलझन में ही ज्यादा फंस गये हैं।शिवराज सरकार के खिलाफ कांग्रेस विधायक दल ने 20 जून को विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव की सूचना दे दी। नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह सुबह विधानसभा पहुंचे और उन्होंने प्रमुख सचिव विधानसभा अवधेश प्रताप सिंह को अविश्वास प्रस्ताव की सूचना दी। अविश्वास प्रस्ताव की सूचना देने के लिए कांग्रेस विधायकों में से कोई भी मौजूद नहीं था, केवल नेता प्रतिपक्ष वहां थे। नेता प्रतिपक्ष ने आशंका जताई है कि सरकार प्रस्ताव पर चर्चा से बचने के लिए सत्र को समय से पूर्व समाप्त कर सकती है। नेता प्रतिपक्ष ने प्रमुख सचिव श्री सिंह से सवाल किया कि अब तक कितने छोटे सत्र बुलाए गए हैं तो उन्होंने 1986 से लेकर अब तक बुलाए गए ऐसे सत्रों के बारे में बताया। 23 से 26 जून 1986, 17 से 21 दिसंबर 1990, 7 से 11 जुलाई 2008 और 16 से 20 मार्च 2009 चार से छह दिन के सत्र थे। विस के प्रमुख सचिव ने कहा कि पांच दिन के सत्र में भी अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा पूरी कराई जा सकती है। नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार ने 2013 की तरह षड्यंत्र करना शुरू कर दिया है। पिछली बार एक विधायक को अपने साथ कर लिया था और इस बार मेरे परिवार को इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने मां (सरोज कुमारी) द्वारा अदालत में लगाए गए परिवाद को इसी षड्यंत्र का हिस्सा बताया है। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह की पत्नी सरोज सिंह की ओर से अदालत में परिवाद दायर किए जाने से उनके पुत्र व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह बेहद दुखी हैं। उन्होंने कहा, मेरी मां निश्चित ही वृद्धा हैं, पर लावारिस नहीं, क्योंकि उनके दो बेटे हैं। मेरे पिताजी के स्वर्गवास के बाद कई सालों तक मैं माताजी को भोपाल लाने का प्रयास और अनुरोध करता रहा, पर मैं असफल और असमर्थ रहा। कोई एक ऐसी शक्ति थी जो उन्हें हमसे ज्यादा प्रभावित और संचालित कर रही थी। दुर्भाग्य से वह हमारे ही परिवार की सदस्य हैं। अजय सिंह ने आगे कहा, वर्तमान में हालात ऐसे हैं कि वे हमारी बहन वीना सिंह के बगैर कहीं और रहना नहीं चाहतीं और वीना सिंह हमारे साथ रह नहीं सकतीं, क्योंकि राजनीतिक कारणों से हमारे-उनके रिश्ते कई वर्षो से सामान्य नहीं हैं। इतने सबके बावजूद मैं उनसे मिलने की और उनके संबल बनने की हमेशा कोशिश करता रहा हूं। उन्होंने न तो मुझसे बात करना उचित समझा और न ही इस दुविधा को सुलझाने में कोई रुचि दिखाई। श्री सिंह ने मामले के न्यायालय में पहुंच जाने पर कहा, यह पूरा मामला कोर्ट में है तो मैं सिर्फ इतना ही कहना चाहंूगा कि मुझ पर लगाए गए आरोपों से मैं अत्यंत दुखी और व्यथित हूं, क्योंकि मेरी मां ने किसी के बहकाने पर जो कुछ कहा, वह सरासर झूठा और असत्य है। वक्त मुझे इंसाफ देगा। अजय सिंह ने सरोज सिंह की ओर से संपत्ति को लेकर परिवाद दायर होने के बाद कहा था कि इसके पीछे राजनीतिक साजिश है। इस पर मुख्यमंत्री चैहान ने कहा, मां तो मां होती है, तकलीफ इस बात की है कि इसको लेकर सरकार पर आरोप लगा दिया। यह घटियापन की पराकाष्ठा है। दुनिया में मां से बड़ी दौलत नहीं होती। दुख इस बात का है कि देश के मूर्धन्य नेता अर्जुन सिंह की पत्नी 83 वर्ष की आयु में इस तरह से परेशान हों। सरोज सिंह ने 19 जून को भोपाल की जिला अदालत में एक आवेदन देकर कहा है, मेरे बेटे अजय सिंह व अभिमन्यु सिंह ने घरेलू हिंसा कारित कर मुझे घर से बेदखल कर दिया है और मेरा भरण-पोषण करने से इनकार कर दिया है। सरोज सिंह की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि अर्जुन सिंह ने जीवन पर्यन्त उन उसूलों पर काम किया, जो पार्टी के थे। उन्होंने महिलाओं और असहाय व्यक्तियों का सहयोग किया। उन उसूलों को ताक पर रखकर अजय सिंह ने मुझे घर से बेदखल कर दिया। नेता प्रतिपक्ष पर इस तरह का आरोप उनकी और कांग्रेस दोनों की किरकिरी कर रहा है। (हिफी)