स्वप्निल संसार।लखनऊ। तंदुरुस्ती हजार नियामत . महात्मा गांधी भी मानते थे कि हीरे मोती नहीं अच्छा स्वास्थ्य ही सच्चा धन है और महान विचारक हिपोक्रिटीइज़ की तो शुभ भावना थी “हे मानव तुम्हारा भोजन ही औषधि हो जाय“. परन्तु आज परिदृश्य बड़ा भयावह है. रोगों और रोगियों की संख्या निरंतर बढ़ती जा रही है. मधुमेह रोग (diabetes) ने तो महामारी का रूप ले लिया है. भारत में प्रतिवर्ष 10 लाख लोग diabetes से मर जाते हैं. सात करोड़ से अधिक रोग ग्रस्त हैं और इसके दो गुना लोग बीमारी की सीमा रेखा पर हैं. यह जानकारी मधुमेह रोग विशेषज्ञ डाक्टर श्रीमंत साहू ने चार सत्रों में चले “ परास्त करें मधुमेह” शिविर में दी. पूर्व में सरकारी अस्पताल में कार्यरत रहे डाक्टर साहू नौकरी छोड़करविगत छह वर्षों से ब्रह्माकुमारीज़ के माउंट आबू स्थित ग्लोबल हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर में समर्पित सेवाएँ दे रहे हैं.
इस शिविर में उन्होंने मधुमेह रोग क्या है ,रोग की परिभाषा, प्रकार, कारण, लक्षण, इन्सुलिन का महत्व तथा बीमारी से कैसे बचा जाय आदि की समग्र जानकारी अपने अनुभव व वैज्ञानिक तथ्यों के आधार से दी. डाक्टर साहू ने बताया कि diabetes अनुवांशिक हो सकता है अर्थात परिवार में किसी को यह रोग होने पर उसकी संतति में रोग पनपने की संभावना रहती है परन्तु उससे भी अधिक चिंताजनकहैं परिवेशीय कारण . इनमें भी प्रमुख है मोटापा , असंयमित भोजन, मीठी चीजेंअधिक खाना, शहरीकरण, सुविधापरक जीवनशैली, खेती में रासायनिक खाद व कीटनाशकों का प्रयोग,स्टेरॉयड दवाओं का सेवन तथा तनाव, दबाव व चिंता.
उन्होंने बताया कि मधुमेह असंक्रामक रोग है और इस पर पूरा नियंत्रण पाया जा सकता है. कहते हैं “उपचार से बचाव बेहतर”. अतः रोग से बचाव के लिए भोजन , व्यायाम तथा मेडिटेशन पर विशेष अटेंशन रखना होगा. यद्यपि संतुलित-सात्विक आहार और नियमित व्यायाम बहुत लाभकारी है लेकिन सर्वाधिक महवपूर्ण है मेडिटेशन. उन्होंने इसे उपचार का अध्यात्मिक आयाम (Holistic Approach) बताया . क्योंकि आत्मा स्वस्थ तो तन मन भी स्वस्थ. प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज़ ईश्वरीय विश्वविद्यालय में परमात्मा का जो ज्ञान एवं शिक्षायें दी जाती हैं, जीवन जीने का जो ढंग बताया जाता है तथा राजयोग का अभ्यास कराया जाता है उससे मनुष्य की दिनचर्यास्वतः व सहज ही व्यवस्थित हो जाती है . खान पान में संतुलन व सात्विकता आने के साथ ही आत्मिक बल भी इतना बढ़ जाता है कि तनाव , चिंता ,भय निकट भी नहीं आते हैं. ईश्वरीय विश्वविद्यालय की पढाई है ही निर्विकारी ,गुणसंपन्न एवं श्रेष्ठ आचरण युक्त आदर्श मानव बनाने की. अतः जब रोग लाने वाले कारक ही समूल नष्ट हो जाते तो जीवन स्वस्थ और सुखद हो ही जाता है.
डाक्टर साहू ने बड़े परिश्रम से मधुमेह रोग सम्बन्धी समग्र जानकारी देने वाली dvd बनवाई है जिससे लाभ उठाया जा सकता है. उन्होंने शिविर केचारों सत्रों में विशेष प्रकार के व्यायाम भी कराये जिसमेंसैकड़ों की संख्या में उपस्थित लोगों ने बढ़ चढ़ कर सहभागिता की.
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी राधा बहन , राज्य के न्याय एवं कानून मंत्री ब्रजेश पाठक, आयुष मंत्रालय के मनोज मेश्राम ,IMRT के एम० डी० श्री डी० आर० बंसल ,KGMU के डाक्टर सूर्यकांत त्रिपाठी , प्रिंसिपल सेक्रेटरी जितेन्द्र कुमार (भाषा)आदि उपस्थित रहे.समापन सत्र में लखनऊ की महापौर संयुक्ता भाटिया;आशुतोष टंडन मंत्री चिकित्सा-शिक्षा; डाक्टर महेंद्र सिंह मंत्री ग्राम्य-विकास, समग्र ग्राम विकास,चिकित्सा-स्वास्थ्य,भी उपस्थित रहे.