मिखाइल कलाश्निकोव की पुण्यतिथि है
AK-47 रायफल 20वीं सदी का सबसे खतरनाक हथियार माना गया है. दुनिया में सबसे ज्यादा इसी रायफल का इस्तेमाल किया गया है.AK-47 रायफल 20वीं सदी का सबसे खतरनाक हथियार माना गया है. दुनिया में सबसे ज्यादा इसी रायफल का इस्तेमाल किया गया है. AK-47 में A का मतलब है एवटोमेट यानी मशीन और K का अर्थ है कलाश्निकोवा. यह नाम इसे तैयार करने वाले मिखाइल कलाश्निकोव के नाम पर रखा गया था. इनका निधन 23 दिसम्बर 2013 को हुआ था. मिखाइल कलाश्निकोवका जन्म 10 नवंबर 1919 को सोवियत संघ के कुर्या में हुआ था. इन्हें दो चीजों से सबसे ज्यादा प्यार था, पहला- मशीनें और दूसरा- कविताएं. मशीनों से लगाव के कारण मिखायल सेना में बतौर टैंक मैकेनिक भर्ती हुए. मात्र 19 साल की उम्र में वे रूसी सेना से जुड़े. दूसरे विश्व युद्ध के दौरान 1941 में जब हिटलर ने सोवियत संघ पर हमला किया तो 88 लाख से अधिक सैनिकों की मौत हुई थी. इसी हमले में मिखाइल के टैंक में भी आग लग गई थी और बुरी तरह घायल हो गए थे/युद्ध में घायल होने के बाद रिकवरी शुरू हुई. इसी रिकवरी के दौरान ही मिखाइल ने हथियार बनाना शुरू किया. 1947 में मिखाइल ने AK-47 को तैयार किया. उस वक्त वे मात्र 28 साल के थे. AK-47 का निर्माण 1947 में हुआ था, इसलिए इसके नाम में 47 जोड़ा गया. इस तरह यह बनी.मिखायल की इस रायफल की चर्चा दुनिया भर में हुई. इस रायफल को एक खासियत से समझा जा सकता है कि यह कितनी असरदार है. फुल ऑटोमेटिक सेटिंग पर इस रायफल से एक मिनट में 600 राउंड फायर किए जा सकते हैं. इस हथियार के बारे में जब मिखायल से सवाल पूछा गया कि आपके बनाए हथियार से हजारों लोगों की जान जाती है, ये सोचकर आपको नींद कैसे आती है तो उन्होंने जवाब दिया, ‘मैं बहुत अच्छे से सोता हूं, धन्यवाद’। मिखायल ने जीवनभर कविताएं लिखीं. उन्होंने इतनी कविताएं लिखीं कि उन्हें 6 किताबों में सहेजा गया. हालांकि इन्हें AK-47 के ही लिए जाना गया. उम्र के अंतिम पड़ाव पर मिखायल ने कहा था, उन्हें दोबारा कुछ बनाने का मौका मिला तो वो ऐसी चीज बनाएंगे जो AK-47 से कम खतरनाक हो. जैसे- किसानों के लिए खास घास काटने की मशीन. ( military.com)