नाज़िया हसन ने महज 15 साल की उम्र में बॉलीवुड का ब्लॉकबस्टर गाना ‘आप जैसा कोई मेरी जिंदगी में आए’ गाकर रिकॉर्ड बना दिया। कुर्बानी (1980) फिल्म के इस गाने के लिए उन्हें बेस्ट फीमेल प्लेबैक सिंगर का फिल्मफेयर अवॉर्ड भी दिया गया। वो पहली पाकिस्तानी सिंगर थीं, जिन्हें भारत में फिल्मफेयर अवॉर्ड से नवाजा गया.साथ ही सबसे कम उम्र में यह अवार्ड पाने वाली वो प्रथम महिला थीं क्योंकि उस समय उनकी आयु मात्र 15 वर्ष की थी। एक तरफ जहां नाज़िया हसन म्यूजिक इंडस्ट्री में धमाल मचा रही थीं, 35 साल की उम्र तक होते-होते उन्होंने अपनी जिंदगी में काफी कुछ झेल लिया था ।
आप जैसा कोई मेरी जिंदगी में आए तो बात बन जाए….’ 80 के दशक के इस मशहूर गाने को आप सभी ने जरूर सुना होगा। आज भी यह गाना लोगों के जेहन में चलते रहता है। यह गाना फिरोज खान की मूवी ‘कुर्बानी’ का है, जब यह गाना रिलीज हुआ था, तब इस गाने को लोगों ने खूब पसंद किया था। ‘आप जैसा कोई मेरी जिंदगी में आए’ गाने के रिलीज होने के बाद इस गाने ने देश के अलावा विदेश में भी धूम मचा दी थी। उस दौर में यह गाना इतना ज्यादा हिट हुआ था कि बच्चे से लेकर जवानों तक हर कोई इस गाने के बोल को रटते रहते थे। जब यह गाना सुपरहिट हुआ, तो हर कोई ये जानने के लिए बेकरार था कि आखिर इसे गाया किसने है? लोग हैरान तो तब हुए जब उन्हें पता चला कि इस सुपरहिट गाने की सिंगर कोई भारतीय गायिका नहीं बल्कि पाकिस्तानी पॉप सिंगर नाज़िया हसन है। यहां तक तो ठीक था लेकिन लोग और भी ज्यादा हैरान तो तब हुए जब उन्हें यह पता चला कि नाज़िया हसन महज 15 साल की हैं। अपनी आवाज से लोगों के दिलों में राज करने वाली नाज़िया हसन ने मात्र 35 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कहा था। कहा जाता है कि इन्हें न जीते जी खुशी मिली और न मरने के बाद आखिर ऐसा क्या हुआ था जो महज 35 की उम्र में उन्हें अलविदा कहना पड़ा ।
मात्र 15 साल की उम्र में नाज़िया हसन दुनिया भर में मशहूर हुई थीं। कुदरत ने इन्हें खूबसूरत आवाज के साथ साथ बेमिसाल सुंदरता से नवाजा था। लेकिन वो कहते हैं न कि सब को सब कुछ नहीं मिलता, नाज़िया हसन के साथ भी हुआ था। इन्हें बेमिसाल खूबसूरती और आवाज तो मिली लेकिन इसे जीने के लिए उम्र नहीं मिली।
नाज़िया हसन सिंगर होने के साथ साथ वकील और समाज सेविका भी थीं। नाज़िया नामी बिजनेसमैन बासिर हसन और समाज सेविका मुनीजा बासिर की बेटी थीं। नाज़िया हसन का पालन पोषण और बचपन लंदन में बीता था। इन्होंने अपने 35 साल के उम्र में कई उतार चढ़ाव देखे थे। जब नाज़िया हसन 30 साल की थीं तब उन्हें अपने कैंसर की बीमारी के बारे में पता चला था, जिसके 5 साल बाद इनका निधन हो गया था। मौत के 10 दिन पहले ही उनका तलाक हो गया था।
पढ़ाई पूरी होने के बाद 1995 में नाज़िया हसन की शादी कराची के बिजनेसमैन इश्तियाक बेग से हुई थी। 1997 में इन दोनों का एक बेटा हुआ जिसका नाम अरेज रखा गया। बेटे के पैदा होने के बाद पति-पत्नी के बीच अनबन शुरू हो गई। अनबन का दो कारण बताया गया, पहला पति इश्तियाक बेग का पाकिस्तानी एक्ट्रेस से अफेयर और दूसरा ससुराल वालों ने इश्तियाक के पहली शादी के बारे में बात छुपाई थी। ये दोनों बात पता चलने के बाद नाज़िया हसन ने एतराज जताया जिसके बाद पति ने उनके साथ मारपीट शुरू कर दी। पति के मारपीट और जुल्मों के बारे में नाज़िया हसन ने पहली बार 2000 में हुए एक इंटरव्यू में बात की। नाज़िया ने बताया कि उनके पति उनपर मारपीट कर दबाव बनाते हैं और जबरदस्ती यह कहलवाते हैं कि उनकी शादी शुदा जिंदगी खुशहाल है, लेकिन यह सच नहीं है। नाज़िया के भाई ने बताया की इश्तियाक नाज़िया को बंदी बनाकर रखे थे।
जब नाज़िया हसन के पति को पता चला कि नाजिया को कैंसर हो गया है तो इश्तियाक ने नाज़िया के इलाज करवाने से मना कर दिया। नाज़िया हसन के मायके वालों ने उनका इलाज करवाया।नाज़िया हसन की 5 बार कीमोथेरेपी हुई और उन्होंने इलाज के दौरान ही यह बयान दिया की उनके पति उन्हें स्लो पॉइजन दे रहे थे। जिससे उनके शरीर के अंग खराब हो रहे थे। 10 अगस्त 2000 को नाजिया की हालत खराब होने लगी और 13 अगस्त को मात्र 35 साल की उम्र में नाज़िया हसन ने आखिरी सांस ली और दुनिया को अलविदा कह दिया।
नाज़िया की मौत के बाद 5 महीने तक उनके दिए बयान के अनुसार जांच हुई और इश्तियाक के घर पर फोरेंसिक टीम भेजी गई,बताया गया कि सिंगर की मौत का कारण लंग कैंसर था। जांच के दौरान 5 महीने तक उनके शव को मुर्दाघर में रखा गया था। 9 जनवरी, 2001 को नाजिया का शव उनके परिवार को सौंपा गया। नाज़िया का अंतिम संस्कार पाकिस्तान में होना था लेकिन शव मिलने में देरी की वजह से लंदन में ही उनका अंतिम संस्कार किया गया। 2002 में पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने उन्हें प्राइड ऑफ पाकिस्तान का अवॉर्ड दिया। 2018 में गूगल ने नाजिया की 53वीं बर्थ एनिवर्सरी पर उन्हें डूडल बनाकर ट्रिब्यूट दिया था। साभार