कुछ आदमियों की देखा देखी सियार ने भी ‘भगवान’ बनने की सोची. उसने बकरियों को इकटठा किया और प्रवचन करने लगा. कुछ ही देर में दर्जनों बकरियां वहां जमा हो गईं. सियार जो सुनकर गया था उसी को दोहराने लगा—‘यह काया मिट्टी की है. इसका मोह कभी मत करना. इससे किसी का उपकार हो तो [... Read more