मुबारक साल गिरह-स्वप्निल संसार’ समाचार। मैरी कॉम का पूरा नाम मैंगते चंग्नेइजैंग मैरी कॉम है परंतु मैरी कॉम अधिक लोकप्रिय है। मैरी कॉम पांच बार की विश्व चैम्पियन मुक्केबाज हैं। मैरी कॉम मणिपुर से हैं। मैरी कॉम का जन्म 1 मार्च, 1983 को मणिपुर के चुराचांदपुर जिले में गरीब किसान के परिवार में हुआ।
मैरी काम के जीवन की कहानी मुश्किलों में भी हार न मानने के जज्बे को बयान करती है। परिवार की आर्थिक स्थिति को देखते हुए मैरी कॉम के लिए खेलों में अपनी रूचि के आधार पर इस क्षेत्र में प्रोफेशनल ट्रेनिंग और उपलब्धियों का ख्वाब संजोना कठिन था, पर जहाँ चाह हो, वहाँ राह निकल ही आती है।
उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा लोकटक क्रिश्चियन मॉडल स्कूल और सेंट हेवियर स्कूल से पूरी की। आगे की पढाई के लिये वह आदिमजाति हाई स्कूल, गयीं लेकिन परीक्षा में फेल होने के बाद उन्होंने स्कूल छोड़ दिया और फिर राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय से परीक्षा दी। मैरी कॉम की रुचि बचपन से ही एथ्लेटिक्स में थी। उनके मन में बॉक्सिंग का आकर्षण 1999 में उस समय उत्पन्न हुआ जब उन्होंने खुमान लम्पक स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में कुछ लड़कियों को बॉक्सिंग रिंग में लड़कों के साथ बॉक्सिंग के दांव-पेंच आजमाते देखा। मैरी कॉम बताती है कि “मैं वह नजारा देख कर स्तब्ध थी। मुझे लगा कि जब वे लड़कियां बॉक्सिंग कर सकती है तो मैं क्यों नहीं?”मणिपुरी बॉक्सर डिंग्को सिंह की सफलता ने भी उन्हें बॉक्सिंग की ओर आकर्षित किया। मैरीकॉम की शादी ओन्लर कॉम से हुई है। उनके जुङवाँ बच्चे हैं।
मैरी कॉम के अनुसार शुरुआत में उनके पिता उनके इस फैसले के खिलाफ थे। पिता को लगता था कि बॉक्सिंग महिलाओं के लिए निषेध है। मैरी कॉम ने 2001 में पहली बार नेशनल वुमन्स बॉक्सिंग चैंपियनशिप जीती। प्रथम अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता के अपने अनुभव के बारे में वह बताती है कि मैं काफी घबराई हुई थी। तब मैंने सोचा मेरे पास खोने के लिए कुछ भी नहीं है,। पर पाने के लिए बहुत कुछ है।