लखनऊ। अलीगंज इलाके सेक्टर ई में स्थित भारतीय भू वैज्ञानिक सर्वेक्षण की बिल्डिंग में सोमवार को भीषण आग लगने से हड़कंप मच गया। आग लगते ही बिल्डिंग परिसर में अफरा तफरी मच गई। देखते ही देखते आग ने विकराल रूप लिया तो जीएसआई कर्मचारियों में भगदड़ मच गई। घटना की जानकारी पाकर अपर पुलिस अधीक्षक ट्रांसगोमती दुर्गेश कुमार समेत अलीगंज फोर्स व फायर की टीम मौके पर पहुंची। लगभग दो घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद दमकल की छ: गाडिय़ों ने आग पर काबू पाया। भारतीय भू वैज्ञानिक सर्वेक्षण के उत्तरी जोन की सेंटर बिल्डिंग अलीगंज के सक्टर ई में स्थित है। सोमवार दोपहर लगभग 12रू30 बजे जीएसआई के आठवें माले पर स्थित केमिकल डिवीजन के चौंबर में विस्फोट हुआ और आग लग गई। इस आग से जहाँ एक ओर अफरा तफरी मची तो दूसरी ओर केमिकल रिफ्लेक्शन से आग सातवें और नौवें माले पर स्थित चौंबर में भी पहुँच गई। जीएसआई के एमटी विभाग के कर्मचारी कपिल ने बताया कि इन तीनो मंजिलों पर केमिकल डिवीजन के चौम्बर्स है। घटना की जानकारी फायर टीम को दी गई हालांकि फायर टीम को घटनास्थल पर पहुँचने में पौन घंटे लग गए और तब तक आग विकराल रूप ले चुकी थी। लगभग दो घंटो की मशक्कत के बाद फायर की छ: गाडिय़ां आग पर काबू पा सकी। जीएसआई के अपर महानिदेशक एसपी निम्म ने आग का कारण शार्ट सर्किट बताया है। वही सीएफओ अभय भान पांडेय ने बताया कि निश्चित तौर पर आग केमिकल रिएक्शन से लगी है। सीएफओ अभय भान ने बताया कि घटनास्थल को देखकर बताया जा सकता है कि प्रयोगशाला में एक्सपेरिमेंट करते समय केमिकल रिएक्ट हुए जिससे ब्लास्ट हुआ और आग लग गई और फिर केमिकल टपकने से आग ने सातवे और आठवें माले को भी अपनी जद में ले लिया। केंद्र सरकार भारतीय भू वैज्ञानिक सर्वेक्षण की इस महत्वपूर्ण बिल्डिंग में आग से लडऩे के कोई संसाधन नही थे। आग लगी तो कर्मचारियों ने डिब्बो और पाइप के सहारे आग बुझाने के प्रयास शुरू किये लेकिन वे असफल रहे। जीएसआई का फायर फाइटिंग सिस्टम पूरी तरह से डेड था। कुछ कर्मचारियों ने बताया की वर्षों से यहाँ कोई संसाधन नही है और हाल यही बना हुआ है। ऐसे में आपत्त स्थिति में जीएसआई कर्मचारियों की जिंदगी दांव पर रहती है। आठवें माले के जिस चौंबर में आग लगी उस वक्त चौंबर में लगभग दर्जन भर वैज्ञानिक एक्सपेरिमेंट में लगे थे। वही आग की जद में आई तीनो मंजिलों में लगभग 200 कर्मचारी मौजूद थे। आग लगते ही तीनो मंजिलों में हाहाकार मच गया। गनीमत रही की वक्त रहते सभी बाहर आ गए वरना कोई बड़ा हादसा हो सकता था। जीएसआई अपर महानिदेशक एसपी निम्म ने बताया कि सातबें, आठवें और नॉवें माले के केमिकल डिवीजन में राष्ट्रीय स्तर के प्रोजेक्ट पर एक्सपेरिमेंट होते है। हादसे के वक्त भी राष्ट्रीय स्तर के एक प्रोजेक्ट पर रिसर्च चल रहा था। घटनास्थल पर फायर की गाडिय़ां देर से पहुंची जिस कारण आग ने विकराल रूप ले लिया और फायर की छ: गाडिय़ां बुलवानी पड़ी। आग की सूचना फायर ब्रिगेड को मिली तो विभिन्न फायर स्टेशन से फायर की गाडिय़ां निकली लेकिन शहर के जाम के झाम में फंस गई। इसके बाद कंट्रोल रूम से वायरलेस से सूचना प्रसारित कर फायर की गाडिय़ों को जाम से निकलवाया गया तब जाकर फायर की गाडिय़ां घटनास्थल पर पहुंची।