अंतरराष्ट्रीय मित्रता दिवस/ फ्रैंडशिप डे हर वर्ष अगस्त के पहले रविवार को मनाया जाता है। सर्वप्रथम मित्रता दिवस 1958 को आयोजित किया गया था।
World Friendship Day दोस्ती मनाने के लिए एक दिन है। यह दिन कई दक्षिण अमेरिकी देशों में काफी लोकप्रिय उत्सव हो गया था जबसे पहली बार 1958 में पराग्वे में इसे World Friendship Day ‘ के रूप में पहली बार मनाया गया था। शुरुआत में ग्रीटिंग कार्ड उद्योग द्वारा इसे काफी प्रमोट किया गया, बाद में सोशल नेटवर्किंग साइट्स के द्वारा और इंटरनेट के प्रसार के साथ साथ इसका प्रचलन, विशेष रूप से भारत, बांग्लादेश और मलेशिया में फैल गया। इंटरनेट और सेल फोन जैसे डिजिटल संचार के साधनों ने इस परंपरा को को लोकप्रिय बनाने में बेहद मदद की ।
World Friendship Day का विचार पहली बार 20 जुलाई 1958 को डॉ रामन आर्टिमियो ब्रैको द्वारा प्रस्तावित किया गया था | दोस्तों की इस बैठक में से, World Friendship Day का जन्म हुआ था।World Friendship Day ऐसी नींव है जो जाति, रंग या धर्म के बावजूद सभी मनुष्यों के बीच दोस्ती और फैलोशिप को बढ़ावा देती है। ब्राजील, अर्जेंटीना, इक्वाडोर और उरुग्वे देशों में हर साल 20 जुलाई को फ्रेंडशिप डे मनाया जाता है। बॉलीवुड में दोस्ती को काफी अहम दर्जा दिया गया है। जिस पर बेहतरीन फिल्म बनाई गई है. इनमें खास है:- ‘दोस्ती’, आनंद, शोले ,याराना और दिल चाहता है। दोस्ती में कमाल की बात ये है कि इसका कोई मजहब नहीं होता। हम चाहे किसी से भी दोस्ती कर सकते हैं। बिना किसी बंधन के हम किसी को भी अपना दोस्त बना सकते हैं। इस अवसर पर दोस्तों को फ्रेंडशिप बैंड, कार्ड, गिफ्ट्स दिए जाते हैं ।दोस्ती वह रिश्ता है जो आप ख़ुद तय करते हैं, जबकि बाक़ी सारे रिश्ते आपको बने-बनाये मिलते हैं। जरा सोचिए कि एक दिन अगर आप अपने दोस्तों से नहीं मिलते हैं, तो कितने बेचैन हो जाते हैं और मौका मिलते ही उसकी खैरियत जानने की कोशिश करते हैं। आप समझ सकते हैं कि यह रिश्ता कितना ख़ास है। आज जिस तकनीकी युग में हम जी रहे हैं, उसने लोगों को एक-दूसरे से काफ़ी क़रीब ला दिया है लेकिन साथ ही साथ इसी तकनीक ने हमसे सुकून का वह समय छीन लिया है जो हम आपस में बांट सकें। आज हमने पूरी दुनिया को तो मुट्ठी में कैद कर लिया है, लेकिन इसके साथ ही हम ख़ुद में इतने मशगूल हो गये हैं कि एक तरह से सारी दुनिया से कट से गये हैं।