स्वप्निल संसार लखनऊ । भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने जनता के प्रमुख मुददों को लेकर उत्तर प्रदेश के जिला मुख्यालयों, तहसीलों तथा ब्लाकों पर 30 व 31 अगस्त को प्रदर्शन किया तथा जुलूस निकाला। केन्द्र की भाजपा की मोदी सरकार को उसके चुनावी वादों की याद दिलाते हुए उन्हें पूरा करने की मांग की। मोदी सरकार के तीन साल केवल झूठ बोलते और सब्जबाग दिखाते हुए बीत गये। इन मांगों में सभी किसानों की कर्जा माफी, कृषि उपज का डेढ़ गुना दाम देने, हर वर्ष दो करोड़ लोगों को रोजगार देने का वादा पूरा करते हुए युवाओं को रोजगार देने, सार्वजनिक क्षेत्रांें का निजीकरण रोकने, बिजली दरों में प्रस्तावितवृद्धि वापस लेने और छुट्टा पशुओं से फसलों की हिफाजत करने आदि प्रमुख थीं।
15 अगस्त से 29 अगस्त तक पर्चों, बैठकों, जत्थों तथा जनता के बीच मांगों को लेकर प्रचार अभियान चलाने के बाद 30 व 31 अगस्त को जुलूस निकाले गये और प्रदर्शन किये गये। जिलाधिकारियों के माध्यम से प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजे गये।
पूर्वी उत्तर प्रदेश में देवरिया, बलिया, आजमगढ़, चंदौली, वाराणसी, इलाहाबाद,मिर्जापुर आदि में जुलूस निकाले गये। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर,
कासगंज, आगरा अलीगढ़ आदि जिलों में तहसीलों, ब्लाकों तथा जिलाधिकारियों के कार्यालय पर विशाल प्रदर्शन हुए। मध्य उ0प्र0 में लखनऊ, कानपुर, रायबरेली,फतेहपुर आदि जिलों में धरना प्रदर्शन किया गया। कुल 32 जिलों और लगभग 4000 गांवों में मांगों को लेकर जन संपर्क किया गया।
भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने एक प्रस्ताव पास करके यह मांग की है कि बकरीद के त्योहार पर योगी सरकार कुर्बानी के लिए कोई विशेष व्यवस्था करे ताकि सुचारू रूप से त्योहार मनाया जा सके।
