गिरीश मालवीय। पाकिस्तान की न्याय व्यवस्था देखिए , जब पनामा पेपर्स में नाम आया तो पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ और उनकी बेटी मरियम को लंदन में चार फ्लेट रखने के घोटाले में दोषी ठहराया गया और कल नवाज शरीफ को भ्रष्टाचार मामले में कोर्ट ने 10 साल की सजा सुनाई है । एक साल पहले पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें भ्रष्टाचार मामले में दोषी पाया था।
किस बारीकी से जांच की गयी ये भी देखिए …..पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने पनामा मामले में जांच के लिए जेआईटी गठित की थी। इस जेआईटी को नवाज़ शरीफ़ की बेटी मरियम ने गुमराह करने की कोशिश की। मरियम ने पनामा गेट से जुड़े जो दस्तावेज भेजे थे वो कैलिबरी फॉन्ट में टाइप थे और 2006 के थे। जबकि कैलिबरी फॉन्ट 31 जनवरी 2007 से पहले व्यावसायिक प्रयोग के लिए उपलब्ध नहीं था,जांच में ये बहुत महत्वपूर्ण सुबूत सिध्द हुआ।
अब अपने यहाँ जज लोया वाला केस देख लीजिए हर कदम पर सुबूत उपलब्ध है लेकिन यहाँ की अदालत ने वाकई में आंख पर पट्टी बांध रखी है।
भारत मे अमिताभ बच्चन का नाम पनामा पेपर्स में प्रमुखता से आया लेकिन आप यहाँ की न्यायिक व्यवस्था की विडम्बना देखिए, अमिताभ बच्चन को जीएसटी का ब्राण्ड एम्बेसेडर बना दिया गया वैसे नाम तो संजय दत्त की पत्नी मान्यता दत्त उर्फ दिलनशीं का भी इसमे आया लेकिन इस बारे में बात करे कौन ? वैसे भी ‘बाबा बोलता है अभी बस हो गया।