राकेश अचल-बड़ी पुरानी कहावत है कि-‘ हाथी के पांव में सबका पांव ‘ में सबका पांव समा जाता है। आजकल देश में यही हो रहा है , सियासत के हाथी के पांव में कॉमनवेल्थ खेलों की हमारी उपलब्धिया,तीसरे विश्व युद्ध के आहट की खबरें ही नहीं बल्कि सिनेमा और बाजार की खबरें तक समा कर रह गयीं हैं । हाथी का पांव होता ही इतना बड़ा है ,कोई करे भी तो क्या करे ? आजकल हाथी और उसका पांव यानि ईडी कांग्रेस के पीछे पड़ा हुआ है। भाजपा का हाथी कांग्रेस को वैसे नहीं रौंद पा रहा तो ईडी के जरिये नेस्तनाबूद कर देना चाहता है । नेशनल हेराल्ड मामले की आड़ में कांग्रेस के प्रमुख राहुल गांधी और उनकी माँ श्रीमती सोनिया गाँधी को जेल यात्रा करने की तैयारी लगभग कर ली गयी है । एक तरह से ये अच्छा ही है । इस बहाने कम से कम मरी हुई कांग्रेस का या तो पुनर्जन्म हो जाएगा या फिर ‘कांग्रेस’ शब्द ही शब्दकोश से विलोपित कर दिया जाएगा। मै तो उस दिन की बेताबी से प्रतीक्षा कर रहा हूँ जिस दिन माँ-बेटे को जेल भेजा जाएगा। प्रतिद्वंदी से साम,दाम ,दंड और भेद से लड़ना पड़ता है । खुशी की बात ये है कि भाजपा अपनी प्रमुख प्रतिद्वंदी कांग्रेस से इन्हीं आजमाए हुए तरीकों से लड़ रही है । लड़ क्या रही है ,उसे मजबूरी में लड़ना पड़ रहा है ,क्योंकि बाक़ी के राजनीतिक दल तो ईडी के सामने हथियार डाल चुके हैं । एक कांग्रेस ही है जो लगातार काबू में नहीं आ रही । कांग्रेस तो क्या कांग्रेस की छाया तक से भाजपा को भय लगता है । भय का भूत असली भूत से बड़ा होता है । शायद इसीलिए भाजपा के सभी महाबली सियासत में खलबली मचाने के लिए पूरी तरह से कमर कसे हुए नजर आ आ रहे हैं । दरअसल मै आज आपको बताने वाला था कि राष्ट्रमंडल खेलों में भारत अभी तक पांच पदक जीत चुका है । मै आपको ये खुश खबरी दे ही नहीं पाया, क्योंकि सुख़िर्यों में तो नेशनल हेराल्ड के मुख्यालय पर तालाबंदी और कांग्रेस मुख्यालय के सभी रास्तों की बाड़ाबंदी की खबरें है । मै आपको सिनेमा जगत की खबरें भी बताता लेकिन सब गुड़ -गोबर हो गया । हो क्या गया,कर दिया गया । अब मै आपको ये भी नहीं बता सकता कि ताईवान की वजह से दुनिया में तीसरे विश्व युद्ध की आहटें सुनाई देने लगीं हैं । वे लोग दुर्भाग्यशाली हैं जो अतीत में देश के स्वतंत्रता संग्राम में किसी भी रूप में हिस्सा नहीं ले पाए । मै भी ऐसे ही लोगों में से हूँ ,लेकिन मुझसे ज्यादा वे लोग दुखी हैं जो आजकल राष्ट्रवाद के तमगे तो बांटते हैं लेकिन कभी खुद राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम का अंग नहीं बने । ऐसे लोग कांग्रेस के पीछे पड़े हैं,क्योंकि ये श्रेय कांग्रेस के हिस्से में है । कांग्रेस को इसीलिए परिदृश्य से अदृश्य करने की कोशिश की जा रही है । ये एक अच्छी कोशिश है । कांग्रेस को महात्मा गाँधी के कहे अनुसार खुद ही मिट जाना था ,लेकिन नहीं मिटी । मजबूरी में भाजपा को ये काम करना पड़ रहा है । भाजपा ने कांग्रेस में पलीता लगाने के पूरे इंतजाम कर दिए हैं । मुमकिन है कि जिस दिन देश में आजादी के अमृत महोत्सव का समापन हो उसी दिन कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को जेल भेज दिया जाये । एक तरह से भाजपा कांग्रेस पर उपकार ही कर रही है । श्रीमती सोनिया गाँधी भी तो पहले कभी जेल नहीं गयीं । भाजपा वाले तो कम से कम आजादी की जंग में न सही किन्तु बाद में आपातकाल के दौरान 19 माह की जेल काट आये थे । इस एवज में सोनिया को,राहुल को कम से कम 19 सप्ताह तो जेल में रहना ही चाहिए ।इस समय देश दुनिया में हर कोई परम स्वतंत्र है । कोई किसी के आगे झुकने को राजी नहीं है । अब देखिये न अमेरिका की नैनसी चीन को धता बताते हुए ताइवान पहुँच गयीं । वे अपने साथ युद्धक विमानों का पूरा दस्ता ले गयीं । चीन टापता रह गया । कायदे से विश्व गुरु होने के नाते हमें इसी तरह तिब्बत जाना चाहिए ,लेकिन दिल-गुर्दा अभी विश्राम कर रहा है । उसकी ड्यूटी फिलवक्त कांग्रेस को जमींदोज करने की है ।
बात हाथी पांव की हो रही थी । नेशनल हेराल्ड मामले की वजह से उपराष्ट्रपति चुनाव की सुर्खियां भी दब गयीं हैं । कौन ,किसे समर्थन दे रहा है ,इसमें किसी की दिलचस्पी नहीं है । सबकी दिलचस्पी इसमें है कि मैडम जिन्हें भाजपा के भद्र पुरुष ‘ जर्सी गाय ‘ के नाम से जानते हैं ,कब जेल जाएंगी ? भाजपा को लगता है कि एक बार मैडम और उनका बेटा जेल चला जाये तो पूरी कांग्रेस अपने आप समाप्त हो जाएगी । मुमकिन है कि ऐसा हो भी और न भी हो । हो गया तो बहुत ठीक, किन्तु यदि न हुआ तो क्या होगा ?भारत में लोकसभा की वास्तविक क्षमता 545 सीटों की है लेकिन चुनाव 530 पर ही होता है । यदि कांग्रेस निबट जाये तो 2024 में भाजपा सभी 530 सीटों पर अकेले चुनाव लड़े । भाजपा भविष्य में कोई गठबंधन नहीं चाहती गठीली पार्टी के समाने कुछ न कुछ समस्याएं होती ही हैं । पता नहीं ,कब कौन सा सहयोगी आँखें दिखने लगे ! भाजपा की रणनीति और चीन की रणनीति के बारे में अख्खा दुनिया आजतक नहीं जान पायी । कांग्रेस तो लगातार आठ साल से पिट रही है । लगातार पिटते-पिटते कांग्रेस को अब पिटने की आदत हो गयी है । पिटी हुई कांग्रेस भाजपा का क्या खाकर सामना करेगी भला ? उसे भी हाथी पांव में समाना होगा ।
जब गोपद में सिंधु समा सकता है ,आग शीतल हो सकती है तो देश कांग्रेस विहीन क्यों नहीं हो सकता ? कांग्रेस को एक तिरंगे पर बहुत नाज था न ! उसे भी भाजपा ने कांग्रेस से छीन लिया .अब आजादी के अमृत महोत्सव का समापन देश भर में करोड़ों तिरंगे फहराने के साथ होगा । इतने तिरंगे तो आजादी की लड़ाई में भी नहीं फहराए होंगे ? तब देश की आबादी ही कितनी थी ? आज देश में जितने लोग मुफ्त का राशन पा रहे हैं उससे आधे भी स्वतंत्रता संग्राम में शामिल नहीं थे । मुफ्तखोरों की फ़ौज जिस पार्टी के साथ होगी सत्ता में वो ही पार्टी रहेगी । इस फ़ौज में वे लोग भी शामिल होंगे जो मनरेगा में काम करने के बावजूद मजदूरी नहीं पा सके,जो बूढ़े होने के बाद रेल में रियायतों से महरूम कर दिए गए ।
