उनकी पहली फ़िल्म ‘अपराधी कौन’ 1957 में असित सेन के निर्देशन में बनी थी, पर उन्हें असल पहचान मिली फिल्म मधुमती (1958), ‘बंदिनी’ (1963), ‘गुमनाम’ (1965) और ‘अनुपम’ (1966) से। वे अपने हर किरदार को बड़े सरल तरीके से निभाते थे। मध्यम वर्गीय व्यक्ति के सकारात्म अभिनय के लिए वे अपने दौर के चहेते अभिनेता बने। उनकी आखिरी फिल्म ‘जीवन संगम’ जो कि 1974 को बड़े पर्दे पर आई थी।

1949 में उनकी शादी हुई थी। उनका एक बेटा और एक बेटी थी। वे निजी जिंदगी में बेहद चंचल स्वभाव के थे। वे अक्सर बच्चों के साथ बच्चे बनकर खेला करते थे। उनकी बेटी शिल्पी बोस का कहना है कि उनके पिता की कोई बहन न होने के कारण उन्हें ये कमी बहुत खलती थी। यही कारण था कि उन्हें अपनी बेटी से बहुत लगाव था। उन्हें कुत्तों से काफी प्यार था। उनके सबसे पहले पाले हुए कुत्ते का नाम ‘जैक’ था जिसे वे अपने जैकेट के जेब में रख कर लाये थे।

उनका निधन 8 मार्च 1972 को 44 वर्ष की उम्र में कलकत्ता अब कोलकत्ता में हुआ था। उस ही दिन उनकी बेटी का जन्मदिन भी था।