विश्व हिन्दी दिवस 10 जनवरी को पूरे विश्व में मनाया जाता है। इसका उद्देश्य विश्व में हिन्दी के प्रचार-प्रसार के लिये जागरूकता पैदा करना तथा हिन्दी को अन्तराष्ट्रीय भाषा के रूप में पेश करना है। विदेशों में भारत के दूतावास इस दिन को विशेष रूप से मनाते हैं। सभी सरकारी कार्यालयों में विभिन्न विषयों पर हिन्दी में व्याख्यान आयोजित किये जाते हैं।
वहीं हर साल 14 सितंबर को ‘राष्ट्रीय हिन्दी दिवस’ मनाया जाता है। इन दोनों ही दिनों को मनाने का अपना अलग-अलग उद्देश्य और महत्व है। अंग्रेजी और मंदारिन के बाद दुनिया की बोली जाने वाली भाषाओं में से एक, हिन्दी में इतिहास का भार है और यह भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग है। स्वतंत्र भारत की राष्ट्रभाषा के रूप में हिन्दी भाषा को भारतीय संविधान के भाग 17 के अध्याय की अनुच्छेद 343 (1) में इस प्रकार वर्णित किया गया है: संघ की राष्ट्रभाषा हिन्दी और लिपि देवनागरी होगी। संघ के राजकीय प्रयोजनों के लिए प्रयोग होने वाले अंकों का रूप अंतर्राष्ट्रीय रूप होगा। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा विश्व हिन्दी सम्मेलन के उद्घाटन के बाद से, भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका , यूनाइटेड किंगडम, त्रिनिदाद और टोबैगो और मॉरीशस जैसे विभिन्न देशों में हिन्दी के महत्व को चिह्नित करने और इसे वैश्विक भाषा के रूप में बढ़ावा देने के लिए ‘विश्व हिन्दी दिवस’ आयोजित किया गया है।
‘विश्व हिन्दी दिवस’ का इतिहास विश्व हिन्दी दिवस हर साल 10 जनवरी को मनाया जाता है। 1975 में, जब भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने पहले विश्व हिन्दी सम्मेलन का उद्घाटन किया था। सम्मेलन में 30 देशों के 122 प्रतिनिधियों के साथ मुख्य अतिथि के रूप में मॉरीशस के प्रधानमंत्री सीवसागुर रामगुलाम ने भाग लिया। तब से, भारत, मॉरीशस, यूनाइटेड किंगडम, त्रिनिदाद और टोबैगो, और संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे विभिन्न देशों में विश्व हिन्दी सम्मेलन का आयोजन किया गया है।
तत्कालीन प्रधानमन्त्री मनमोहन सिंह ने 10 जनवरी 2006 को प्रति वर्ष विश्व हिन्दी दिवस के रूप मनाये जाने की घोषणा की थी। उसके बाद से भारतीय विदेश मंत्रालय ने विदेश में 10 जनवरी 2006 को पहली बार विश्व हिन्दी दिवस मनाया था। इसका उद्देश्य विश्व में हिन्दी के प्रचार – प्रसार के लिये जागरूकता पैदा करना तथा हिन्दी को अन्तराष्ट्रीय भाषा के रूप में पेश करना है। विदेशों में भारत के दूतावास इस दिन को विशेष रूप से मनाते हैं। सभी सरकारी कार्यालयों में विभिन्न विषयों पर हिन्दी में व्याख्यान आयोजित किये जाते हैं।