जयंती पर विशेष
स्वप्निल संसार । चन्द्रशेखर सिंह का जन्म 1 जुलाई, 1927 को बलिया जिले के इब्राहिमपट्टी के कृषक परिवार में हुआ था। इनकी स्कूली शिक्षा भीमपुरा के राम करन इण्टर कॉलेज में हुई। उन्होंने एम ए डिग्री इलाहाबाद विश्वविद्यालय से किया। उन्हें विद्यार्थी राजनीति में एक “फायरब्रान्ड” के नाम से जाना जाता था। विद्यार्थी जीवन के पश्चात वह समाजवादी राजनीति में सक्रिय हुए।
1962 से1967 तक वह राज्य सभा के सदस्य थे। उन्होंने 1984 में भारत की पदयात्रा की, जिससे उन्होंने भारत को अच्छी तरह से समझने की कोशिश की। 1977 मे जब जनता पार्टी की सरकार बनी तो उन्होने मंत्री पद न लेकर जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद लिया था। 1977 मे वो बलिया से पहली बार लोकसभा के सांसद बने।
उन्होंने 1990 में समाजवादी जनता पार्टी की स्थापना की। विश्वनाथ प्रताप सिंह सरकार के पतन के बाद वे प्रधान मंत्री कांग्रेस के समर्थन से बने । कांग्रेस ने राजीव गांधी की मुखबिरी करने के आरोप के कारण समर्थन वापस ले लिया था ।
प्रधान मन्त्री के पद में 7 महीने तक रहे चन्द्रशेखर ने मार्च 6,1991 में इस्तीफा दिया । उन्होंने लेकिन राष्ट्रीय चुनाव तक प्रधानमन्त्री का पद संभाला। चन्द्रशेखर संसदीय वार्तालाप के लिए बहुत चर्चित थे। उन्हें 1995 में आउटस्टैण्डिंग पार्लिमेन्टेरियन अवार्ड भी मिला था। चन्द्र शेखर लोक सभा के सदस्य थे। उन्होंने यहाँ समाजवादी जनता पार्टी (राष्ट्रीय) का नेतृत्व किया था। 8 बार उत्तर प्रदेश के बलिया क्षेत्र से संसद चुने गए। 1984 मे इन्दिरा गांधी की हत्या से उपजे आक्रोश के कारण एक बार चुनाव हारे थे।
शेखरजी को मल्टिपल मायलोमा, एक प्रकार का प्लाज्मा कोष कैंसर हुआ था। 3 मई,2007 को उनको इस रोग के इलाज हेतु गंभीर अवस्था में अस्पताल में भर्ती किया गया। उनकी अवस्था बिगड़ती गयी और आखिर में 8 जुलाई,2007 में नई दिल्ली में अस्पताल में उनका देहावसान हो गया।