स्मृति शेष। मेरा नाम मुसलमानों जैसा है मुझ को कत्ल करो और मेरे घर में आग लगा दो। मेरे उस कमरे को लूटो जिस में मेरी बयाज़ें जाग रही हैं और मैं जिस में तुलसी की रामायण से सरगोशी कर के कालिदास... Read more
अख़तरुल ईमान ने ज़िंदगी में बहुत कुछ देखा और बहुत कुछ झेला। वो 12 नवंबर 1915 को बिजनौर की एक छोटी सी बस्ती क़िला पत्थरगढ़ में निर्धन घराने में पैदा हुए। वालिद का नाम हाफ़िज़ फ़तह मुहम्मद था... Read more
कृष्ण चन्दर’ यशस्वी कथाकार थे। वे हिन्दी और उर्दू के कहानीकार थे। उन्हें साहित्य एवं शिक्षा क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा 1969 में ‘पद्म भूषण’ से सम्मानित किया गया था। उन... Read more
स्मृति शेष । सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’ हिन्दी में अपने समय के सबसे चर्चित कवि, कथाकार, निबन्धकार, पत्रकार, सम्पादक, यायावर, अध्यापक रहे हैं। इनका जन्म 7 मार्च 1911... Read more
जयंतो पर विशेष-फणीश्वरनाथ रेणु हिन्दी कथा साहित्य के महत्त्वपूर्ण रचनाकार थे। फणीश्वरनाथ ‘रेणु’ का जन्म 4 मार्च 1921 को बिहार के पूर्णिया के ‘औराही हिंगना’ गांव में... Read more
फ़िराक़ गोरखपुरी उर्दू भाषा के प्रसिद्ध रचनाकार है। उनका जन्म 28 अगस्त 1896 को गोरखपुर, में कायस्थ परिवार में हुआ। इनका मूल नाम रघुपति सहाय था। रामकृष्ण की कहानियों से शुरुआत के बाद की शिक्ष... Read more
स्मृति शेष। पंडित नरेंद्र शर्मा हिन्दी के प्रसिद्ध कवि, लेखक एवं सम्पादक थे। नरेंद्र शर्मा का जन्म 28 फ़रवरी, 1913 को खुर्जा के जहाँगीरपुर में हुआ था । पंडित ने नरेंद्र शर्मा इलाहाबाद विश्वव... Read more
वृंदावनलाल वर्मा ऐतिहासिक उपन्यासकार एवं निबंधकार थे। इनका जन्म मऊरानीपुर में हुआ था। इनके पिता का नाम अयोध्या प्रसाद था। वृंदावनलाल वर्मा जी के विद्या-गुरु स्वर्गीय पण्डित विद्याधर दीक्षित... Read more
पुण्य तिथि पर विशेष स्वप्निल संसार। अमृतलाल नागर,हिंदी के प्रसिद्ध साहित्यकार थे। इन्होंने नाटक, रेडियोनाटक, रिपोर्ताज, निबन्ध, संस्मरण, अनुवाद, बाल साहित्य आदि के क्षेत्र में भी महत्त्वपू... Read more
जयंती पर विशेष- सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’ हिन्दी कविता के छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में हैं। वे जयशंकर प्रसाद, सुमित्रानंदन पंत और महादेवी वर्मा के साथ हिन्दी साहित्... Read more