“अगर एक मुसलमान संगीतज्ञ हो तो उसे उस्ताद कहा जाता है, अगर वह हिन्दू हो तो उसे पंडित कहा जाता है। परन्तु केसरबाई तथा मोगुबाई जैसी संगीत विदुषियाँ केवल बाई ही रह जाती हैं।” -गंगूब... Read more
जयन्ती पर विशेष। जगजीत सिंह ग़ज़लों की दुनिया के बादशाह और अपनी सहराना आवाज से लाखों-करोड़ों सुनने वालों के दिलों पर राज करने वाले प्रसिद्ध गजल गायक थे। खालिस उर्दू जानने वालों की मिल्कियत समझी... Read more
पुण्य तिथि पर विशेष-पंडित भीमसेन जोशी किराना घराने के शास्त्रीय गायक थे। उन्होंने 19 साल की उम्र से गायन शुरू किया था और वे सात दशकों तक शास्त्रीय गायन करते रहे। उनकी योग्यता का आधार उनकी मह... Read more
पुण्य तिथि पर विशेष – नरेंद्र चंचल प्रसिद्ध गायकों में थे। मुख्य रूप से उन्हें माता के भजन गायक के रूप में जाना जाता था। नरेंद्र चंचल ने बहुत-से भजन और हिंदी फिल्म में गीत गाए थे। उनके... Read more
हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत और नृत्य में तो गौहर जान पारंगत थी हीं, लेकिन उन्हें सबसे ज्यादा इसलिए याद किया जाता है क्योंकि भारतीय संगीत के इतिहास में अपने गानों को रिकॉर्ड करने वाल... Read more
बात पुरानी है. भोपाल के एक परंपरागत मुस्लिम परिवार की ग्यारह साल की पंच वक्ता नमाज़ी लड़की की तारीफ उसके घर वालों के पास पहुंची तो वो खुश होने के बजाए चिंतित हो गए. लड़की की धर्मभीरू मां... Read more
पुण्य तिथि पर विशेष। पंडित रवीन्द्र शंकर चौधरी, विश्व में भारतीय शास्त्रीय संगीत की उत्कृष्टता के सबसे बड़े उदघोषक थे। सितार वादक के रूप में उन्होंने ख्याति अर्जित की। रवि शंकर और सितार मानो... Read more
स्मृति शेष। -श्रीमती मदुरै षण्मुखवडिवु सुब्बुलक्ष्मी कर्णाटक संगीत की मशहूर संगीतकार थीं। आप शास्तीय संगीत की दुनिया में एम. एस. के नाम से जानी जाती थीं। मदुरै षण्मुखवडिवु सुब्बुलक्ष्मी का... Read more
रेशमा सितारा-ए-इम्तियाज़ से सम्मानित पाकिस्तानी लोक गायिका थीं। वो भारत में भी काफ़ी लोकप्रिय थी। रेशमा का जन्म राजस्थान की रतनगढ़ तहसील के लोहा गाँव में 1947 में बंजारों के परिवार में हुआ।... Read more