आडवाणी होंगे अगले राष्ट्रपति !
नई दिल्ली। भाजपा में कभी पीएम पद के उम्मीदवार रहे वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी भारत के अगले राष्ट्रपति बन सकते हैं। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव में मिले भारी बहुमत के बाद अब भाजपा को पसंद का राष्ट्रपति मिलना तय है। इसके लिए पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी का नाम सामने आया है। इस बारे में चुनाव नतीजे आने से पहले 8 मार्च को सोमनाथ में एक मीटिंग में चर्चा हुई थी, जिसमें नरेंद्र मोदी, अमित शाह समेत खुद आडवाणी भी मौजूद थे। गत दिनों श्री मोदी ने मीटिंग में यह संकेत दिया था कि उनकी तरफ से यह आडवाणी को गुरुदक्षिणा होगी। वहीं जानकारी के मुताबिक नतीजों के बाद अब आडवाणी का नाम फाइनल माना जा रहा है। यूपी विधानसभा चुनाव के नतीजे आने से पहले पीएम मोदी दो दिवसीय गुजरात दौरे पर थे। पीएम के दौरे के दौरान सोमनाथ में एक खास बैठक हुई थी जिसमें मोदी, शाह, आडवाणी के अलावा केशूभाई पटेल भी मौजूद थे। उसी बैठक के दौरान मोदी ने संकेत दे दिए थे कि यदि यूपी में चुनाव के नतीजे भाजपा के मनमुताबिक हुए तो वह अपने गुरु आडवाणी को राष्ट्रपति पद पर देखना चाहेंगे।
सोमनाथ से ही आडवाणी और मोदी का नैशनल करियर शुरु हुआ था। दरअसल 1990 में आडवाणी ने सोमनाथ से अयोध्या की यात्रा शुरू की थी और उस दौरान उन्होंने मोदी को अपने सारथी के रूप में प्रोजेक्ट किया था। इतना ही नहीं, मोदी को गुजरात का सीएम बनवाने में भी अडवाणी की अहम भूमिका रही थी। 2002 के गुजरात दंगों को लेकर मोदी से जब अटल बिहारी वाजपेयी नाराज हुए थे, तो उस वक्त भी अडवाणी ने मोदी का बचाव किया था। इसी साल जुलाई में राष्ट्रपति पद के चुनाव होने वाले है।
अमेरिका में भारतीयों को सुषमा का आश्वासन
नई दिल्ली। अमेरिका में भारतीयों की हत्या और नस्लीय हमलों पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संसद में बयान दिया। उन्होने कहा कि भारत सरकार अमरीका में भारतीयों पर हुए नस्लीय हमलों पर नजर बनाए हुए है। भारत सरकार ने यह मुद्दा अमरीकी सरकार के समक्ष उठाया और उन्हें अपनी चिंताओं से भी अवगत कराया है। विदेश मंत्री ने अपने बयान में कहा कि अमरीकी प्रशासन ने हमें जल्द से जल्द न्याय का भरोसा दिलाया है। उन्होंने कहा कि अमरीकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने भी 28 फरवरी को कांग्रेस में दिए अपने संबोधन में इन हमलों की निंदा की। श्रीनिवास और दीप राय के पीडि़त परिवार वालों से मैंने खुद बात की और उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिया।
विदेश मंत्री ने विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खडग़े के उन आरोपों का जवाब दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि अमरीका में भारतीयों पर हमले हो रहे हैं और पीएम और सरकार चुप है। खडग़े ने कहा था कि हर मुद्दे पर ट्वीट करने वाले पीएम इस मुद्दे पर मौन क्यों हैं। सुषमा ने कहा कि कोई भारतीय बाहर संकट में हो और बीजेपी सरकार चुप्पी साधे ऐसा हो ही नहीं सकता। विदेश मंत्री ने कहा कि मेरा ऑपरेशन हुआ था, फिर भी हम लगातार इस मसले पर नजर बनाए रखे थे। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी घटना के दिन चुनाव प्रचार में व्यस्त थे, फिर भी वो लगातार इस मुद्दे पर हमसे बातचीत कर रहे थे। संसद में सुषमा का बयान खत्म होने के बाद स्पीकर सुमित्रा महाजन ने उनसे कहा कि बहुत दिनों बाद आपकी दमदार आवाज संसद में सुनाई दी। दरअसल, गुर्दे के प्रत्यारोपण के बाद सुषमा स्वराज के आज पहली बार लोकसभा पहुंचने पर पूरे सदन ने उनका भावभीना स्वागत किया और उनके उत्तम स्वास्थ्य एवं दीर्घायु की कामना की।
फुल्का होंगे पंजाब में विपक्ष के नेता
चंडीगढ़। पंजाब में मिली हार के बाद विपक्षी पार्टी बनी आम आदमी पार्टी ने सीनियर नेता और विधायक एच.एस. फुल्का को पंजाब विधानसभा में विपक्ष का नेता बनाने का फैसला लिया है। आम आदमी पार्टी की अहम मीटिंग दिल्ली में पार्टी सुर्पीमों अरविन्द केजरीवाल के नेतृत्व में हुई जिसमें पार्टी के सीनियर नेता एच.एस. फुलका को विरोधी पक्ष का नेता चुना गया जबकि सुखपाल सिंह खैहरा को चीफ व्हिप (मुख्य सचेतक) चुना गया।
इस मीटिंग में पार्टी के जीते हुए विधायक, पंजाब इकाई के इंचार्ज संजय सिंह, दुर्गेश पाठक, पंजाब के कनवीनर गुरर्पीत सिंह वड़ैच और संसद सदस्य भगवंत मान शामिल थे। पंजाब में सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस सरकार बना रही है।
कांग्रेस की जीत के बाद अब मंत्री पदों को लेकर भागदौड़ शुरू हो गई है। सूत्रों के अनुसार इस बार मंत्रिमंडल में युवा और नए चेहरों को प्राथमिकता दी जा सकती है। इसे लेकर अभी से लॉबिंग शुरू हो गई है। जिनको मंत्रिमंडल में लिए जाने की संभावना है, उनमें डिप्टी सीएम के तौर पर नवजोत सिंह सिद्धू शामिल हैं, जबकि वित्तमंत्री बठिंडा से जीते मनर्पीत बादल का बनना तय है। सी.एल.पी.लीडर चरणजीत सिंह चन्नी, डॉ राजकुमार वेरका और अरुणा चौधरी को दलित चेहरों के रूप में कैबिनेट में शामिल किया जाएगा। चुनाव में पार्टी को बेशक रिकॉर्ड जीत प्राप्त हुई है लेकिन कई दिग्गज मैदान से बाहर हो गए हैं। पूर्व सी.एम. बीबी राजिंदर कौर भ_ल, सुनील जाखड़, मोहिंदर सिंह केपी, जगमोहन सिंह कंग, अश्वनी सेखड़ी चुनाव हार गए हैं जबकि लाल सिंह, अवतार हैनरी जैसे दिग्गजों को टिकट ही नहीं मिली थी। राणा गुरजीत सिंह, राणा गुरमीत सिंह सोढी, राणा केपी सिंह, तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, सुखजिंदर रंधावा, कुलजीत नागरा, अमरिंदर सिंह राजा वडिंग व विजय इंर्द सिंगला की चर्चा है। अल्पसंख्यक चेहरे के रूप में रजिया सुल्ताना को लेना तय है।
पर्रिकर ने सीएम का कार्यभार संभाला
पणजी। मनोहर पर्रिकर ने गोवा के मुख्यमंत्री का कार्यभार संभाल लिया है। कामकाज संभालने के बाद उन्होंने कहा कि पिछले ढाई वर्ष के दौरान कुछ नेताओं और मंत्रियों ने सरकार की छवि खराब करने का काम किया है। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे लोगों को तलाश कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। पद संभालने के बाद उनके द्वारा दिया गया यह बयान काफी मायने रखता है। ऐसा इसलिए भी है कि क्योंकि उनके राज्य से केंद्र में जाने के बाद से ही गोवा के राजनीतिक हालात काफी बिगड़ गए थे। सरकार की सहयोगी गौमंतक पार्टी ने खुलेतौर पर लक्ष्मीकांत पारसेकर पर कई आरोप लगाए थे और केंद्रीय नेतृत्व से उन्हें हटाने तक की मांग कर डाली थी। इतना ही नहीं चुनाव से कुछ समय पहले गोमंतक पार्टी ने सरकार से समर्थन तक वापस ले लिया था। ऐसे में पार्टी की छवि को काफी धक्का लगा था। इसीलिए चुनाव के दौरान ही संकेत दे दिया गया था कि रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर राज्य के मुख्यमंत्री बनेंगे। भाजपा ने यहां कांग्रेस से कम सीटें पायीं लेकिन कांग्रेस ने सरकार बनाने का दावा ही नहीं किया। इसलिए राज्यपाल ने भाजपा को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया था। भाजपा ने सरकार बनाने के लिए विधायक भी जुटा लिये। (हिफी)