पुण्य तिथि
ऊदा देवी वीरांगना थीं, जिन्होंने 1857 के ‘भारतीय स्वतंत्रता संग्राम’ में प्रमुखता से भाग लिया था। ये अवध के नवाब वाजिद अली शाह के महिला दस्ते की सदस्या थीं। ऊदा देवी लखनऊ की रहने वाली थीं और उन्होंने लखनऊ के सिकन्दर बाग़ में एक पेड़ पर चढ़कर दो दर्जन से अधिक अंग्रेज़ सिपाहियों को मार डाला था। यद्यपि इस लड़ाई में काफ़ी देर तक संघर्ष करने के बाद ऊदा देवी भी शहीद हो गईं। कहा जाता है कि उनकी इस स्तब्ध कर देने वाली वीरता से अभिभूत होकर अंग्रेज़ काल्विन कैम्बेल ने हैट उतारकर शहीद ऊदा देवी को श्रद्धांजलि दी थी। वो दिन था 16 नवम्बर, 1857।
करतार सिंह सराभा 24 मई, 1896, लुधियाना- 16 नवम्बर, 1915- प्रसिद्ध क्रान्तिकारियों में से एक थे। उन्हें अपने शौर्य, साहस, त्याग एवं बलिदान के लिए हमेशा याद किया जाता रहेगा। महाभारत के युद्ध में जिस प्रकार वीर अभिमन्यु ने किशोरावस्था में ही कर्तव्य का पालन करते हुए मृत्यु का आलिंगन किया था, उसी प्रकार सराभा ने भी अभिमन्यु की भाँति केवल उन्नीस वर्ष की आयु में ही हँसते-हँसते देश के लिए अपने जीवन का बलिदान कर दिया। उनके शौर्य एवं बलिदान की मार्मिक गाथा आज भी भारतीयों को प्रेरणा देती है और देती रहेगी। यदि आज के युवक सराभा के बताये हुए मार्ग पर चलें, तो न केवल अपना, अपितु देश का मस्तक भी ऊँचा कर सकते हैं।
जयंती
शंभू महाराज 16 नवम्बर, 1907, लखनऊ- 4 नवम्बर, 1970 शास्त्रीय नृत्य शैली कत्थक के प्रसिद्धि प्राप्त गुरु तथा नर्तक थे। वे लखनऊ घराने से सम्बंधित थे। उनका वास्तविक नाम ‘शंभूनाथ मिश्रा’ था। नृत्य के संग ठुमरी गाकर उसके भावों को विभिन्न प्रकार से इस अदा से शंभू महाराज प्रदर्शित करते थे कि दर्शक मुग्ध हुए बिना नहीं रह सकता था।
बोमिरेड्डी नरसिम्हा रेड्डी , 16 नवम्बर 1908 – 8 नवम्बर 1977 तेलुगु सिनेमा के प्रसिद्ध फ़िल्म निर्देशक थे। उन्हें सिनेमा में अभूतपूर्व योगदान के लिए 1974 में भारतीय सिनेमा के सर्वोच्च पुरस्कार ‘दादा साहब फाल्के सम्मान’ से सम्मानित किया गया था।
मिहिर सेन 16 नवम्बर, 1930, पुरुलिया, पश्चिम बंगाल- 11 जून, 1997, कोलकाता प्रसिद्ध लम्बी दूरी के तैराक थे। उन्होंने 1966 में पनामा नहर की एक छोर से दूसरे छोर तक 77 किलोमीटर की दूरी तैरकर पार की थी। मिहिर सेन 1958 में इंग्लिश चैनल तैरकर पार करने वाले प्रथम भारतीय ही नहीं, प्रथम एशियाई भी थे। उन्होंने ‘साल्ट वाटर’ तैराकी में अनोखी दक्षता हासिल करके 5 महत्वपूर्ण रिकार्ड बनाए थे। उन्हें 1959 में ‘पद्मश्री’ प्रदान किया गया तथा 1967 में ‘पद्मभूषण’ देकर सम्मानित किया गया था।
मुबारक साल गिरह
पुलेला गोपीचंद 16 नवम्बर, 1973 बैडमिंटन खिलाड़ी हैं। 11 मार्च 2001 को ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन चैंपियनशिप जीत कर भारत के स्टार शटलर पुलेला गोपीचंद ने भारतीय खेल जगत् में एक नया इतिहास लिख डाला।