पूरे विश्व में कई तरह के खेल खेले जाते है, और इन खेलों से संबंधित सैकड़ो या कह सकते है हजारों तरह की प्रतियोगिताए कई जगह पर संचालित होती रहती है, इन प्रतियोगिताओ में कई तरह के इतिहास भी रचे जाते है. इन प्रतियोगिताओं के संबंध में सभी तरह की जानकारी विश्व के हर एक खेल प्रशंसक को स्पोर्ट्स जर्नलिस्ट की ही वजह से आसानी से अपने घर बैठे मिल पाती है. हमें स्पोर्ट्स जर्नलिस्ट का शुक्रिया अदा करना चाहिये, क्यूँकि उनकी मुस्तैदी, निष्पक्षता और प्रतिभा की ही बदौलत हम हर खेल की हर जानकारी प्राप्त कर पाते है और खेल के संबंध में अपनी चॉइस और राय बना पाते है।
विश्व खेल पत्रकार दिवस की स्थापना 1994 में इंटरनेशनल स्पोर्ट्स प्रेस एसोसिएशन द्वारा अपनी स्थापना की 70वीं वर्षगांठ मनाने के लिए की गई थी। AIPS का गठन 2 जुलाई 1924 को पेरिस में ग्रीष्मकालीन ओलंपिक के दौरान किया गया था। खेल पत्रकारिता 1800 के दशक के दौरान विकसित हुई, लेकिन 1900 के दशक में ही इसने किसी अन्य चीज़ की तुलना में खेल पर अधिक ध्यान केंद्रित करने वाले पेशे के रूप में आकार लेना शुरू किया। खेल पत्रकारिता केवल विशिष्ट खेलों पर जोर देती थी और खेलों के दौरान होने वाली घटनाओं के सामाजिक संदर्भ को कवर करती थी। 1920 के दशक में ही इसे खेल से संबंधित खबरें लाने वाले एक गंभीर पेशे के रूप में पहचाना जाने लगा और इस पेशे को बढ़ावा देने के लिए चार साल बाद इंटरनेशनल स्पोर्ट्स प्रेस एसोसिएशन का गठन किया गया।
खेल मीडिया के सदस्यों के द्वारा इस दिन को उनके द्वारा खेल जगत में किए गए उत्कृष्ट प्रयासो को सेलिब्रेट करने और अपने साथियों के अच्छे कामो के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से मनाया जाता है, ताकि वे अपने काम के प्रति उत्साहित होकर और अधिक लगन से अपना कार्य कर सके. खेल मीडिया के सदस्यों को विश्व में होने वाले खेलों को विश्व शांति के एक हथियार के रूप में उचित और निष्पक्ष रूप से उपयोग करना चाहिए. वर्ल्ड स्पोर्ट्स जर्नलिज़्म के सदस्यों का यह उत्तरदायित्व है, कि वह विश्व के सामने एक उदाहरण प्रस्तुत करे. एक स्पोर्ट्स जर्नलिस्ट न केवल खेल जगत के उत्थान के लिए अपितु विश्व शांति , संस्कृति और अच्छे कार्यो के लिए भी उत्तरदाई होता है । एजेंसी।