नई दिल्ली। “केंद्रीय कैबिनेट ने आज गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) के अनुपूरक बिलों को मंजूरी दे दी है। कैबिनेट की तरफ से मंजूरी मिलने के बाद इन बिलों को संसद में पेश किया जाएगा। इन बिलों के पास होने के बाद जीएसटी को कानूनी आधार मिल जाएगा और 1 जुलाई से इसे लागू करना आसान हो सकेगा।”
जानकारी के अनुसार, जीएसटी के लागू होने से पहले इसके (जीएसटी) सहयोगी बिलों को संसद की मंजूरी मिलनी जरूरी है। इसमें कम्पनसेशन लॉ, सेंट्रल-जीएसटी (सी-जीएसटी) और इंटिग्रेटेड जीएसटी (आई-जीएसटी), यूनियन टेरिटरी-जीएसटी (यूटी-जीएसटी) शामिल है। कैबिनेट की मंजूरी के बाद इन बिलों को संसद में रखा जाएगा।
सरकार ने नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था एक जुलाई से लागू करने का लक्ष्य रखा है। जीएसटी परिषद ने अपनी पिछली दो बैठकों में राज्य जीएसटी (एस-जीएसटी) के साथ चारों विधेयकों को मंजूरी दे दी। मंजूरी के बाद जीएसटी कानूनी रूप से वैध हो जाएगा।