लखनऊ।स्वप्निल संसार। मतदाता जागरण संस्थान द्वारा यू०पी० प्रेस क्लब में प्रेस वार्ता एवं गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ० शेख़ सिराज बाबा ने बर्मा में हो रहे रोहिंग्या मुसलमानों पर अत्याचार व माली जानी हमलों पर तत्काल रोक लगाने के लिए एक ज्ञापन महामहिम राष्ट्रपति भारत सरकार एवं एक पत्र यू०एन०ओ० को भेजकर माँग की है कि म्यांमार में रहने वाले रोहिंग्या मुसलमानों पर हो रहे नरसंहार व अत्याचार को तत्काल रोका जाये।
1. म्यांमार के फौजी जवानों और कट्टरपंथी बौध्दों द्वारा राखीन प्रदेश में रोहिंग्या मुसलमानों का नरसंहार व अत्याचार तुरन्त बन्द किया जाये और अपराधियों पर सख्त कार्यवाही की जाये।
2. म्यांमार की सरकार सोहिंग्य के मुसलमानों की जानमाल की सुरक्षा हेतु सिक्योरिटी दे इसके लिए सख्त कानून बनाया जाये ।
3. लाखों रोहिंग्या मुसलमान जिन्होंने अपनी जानें बचाकर दूसरे देश चले गये है उनको वापस सुरक्षित लाया जाये । पूर्व सेकेट्री जनरल यू०एन०ओ० कूफी अन्नान ने म्यांमार के दौरे के बाद सौ सदस्यों के कमीशन ने भी मांग की है कि म्यांमार के रोहिंग्या मुसलमानों के आने जाने पर पाबन्दी समाप्त कर सरकार उनकी आर्थिक व सामाजिक स्थिति के सुधारने पर जोर दें प्रेस वार्ता में संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ०शेख़ सिराज बाबा ने नाराज़गी प्रकट करते हुए कहा कि म्यांमार सरकार की घिनौनी हरकत दुनिया के सामने आ चुकी है मानवता को शर्मसार कर देने वाली सोच शान्ति का संदेश देने वाले महात्मा बुध्द के मानने वाले इन्सानों ने खूखार जानवरों की तरह रोहिंग्या मुसलमानों का नरसंहार छोटे -छोटे मासूम बच्चों की हत्या नव जवानों को जिन्दा जलाना महिलाओं के साथ बलात्कार कर क़त्ल किया जा रहा है दिल दहला देने वाली तस्वीरें सामने आ रही है इससे भारत के मुसलमानों में ही नहीं बल्कि पुरे विशव के हक़ पसन्द इंसानों में रोष व्याप्त है शान्ति का नोवेल प्राप्त अवार्ड (सान सूकी) से नोवेल अवार्ड वापस लिया जाये। यदि हमारी जायज़ मांगों को शीघ्र पूरा न किया गया तो कट्टरपंथी बौद्धों के ख़िलाफ़ जनआंदोलन छेड़ा जायेगा और भारत छोड़ो अभियान चलाया जायेगा। प्रेस वार्ता एवं गोष्ठी में मौलाना अकरम नदवी,शेख़ ताहिर सिद्दीकी ,कारी तैय्यब ज़िया साहब,डॉ० आफ़ताब अहमद,डॉ० शकील ,मुन्ना जीनियस,ज़ैद फ़ारूक़ी,डॉ०इक़बाल,कमरुल हुदा जर्नलिस्ट ,राकेश कुशवाह, तारिक सिद्दीकी,आशीष वर्मा आदि ने अपने विचार एवं रोष प्रकट किया।