मुंबई। एजेंसी । पचास और साठ के दशक में हिंदी सिनेमा की बेहतरीन अभिनेत्रियों में से एक श्यामा का मंगलवार को मुंबई में निधन हो गया। वो 82 साल की थीं।
पारिवारिक सूत्रों के मुताबिक मुंबई के मरीन लाइंस में उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया। अपने 40 साल से अधिक के करियर में करीब 175 फिल्मों में काम कर चुकीं श्यामा का असली नाम ख़ुर्शीद अख़्तर था लेकिन निर्देशक विजय भट्ट ने उन्हें श्यामा नाम दिया था। श्यामा को गुरुदत्त की आर पार में उनके अभिनय के लिए याद रखा जाता है। उन्होंने बरसात की रात, सावन भादो, दिल दिया दर्द लिया फिल्मों में काम किया था। 1980 में आई पायल की झंकार उनकी आखिरी फिल्म थी। श्यामा का असली नाम खुर्शीद अख्तर था। निर्देशक विजय भट्ट ने उन्हें श्यामा नाम दिया।
,श्यामा का जन्म 7 जून 1935 को लाहौर में हुआ था । श्यामा ने 45 साल की उम्र तक करीब 175 फिल्मों में काम किया। श्यामा को ‘मिलन’ में काम करने के लिए फिल्मफेयर का बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस का अवॉर्ड मिला था। फिल्म शारदा के लिए उन्हें फिल्म फेयर का बेस्ट स्पोर्टिंग एक्ट्रेस का अवॉर्ड मिला था। उन्होंने 1953 में अपने समय के मशहूर सिनेमेटोग्राफर फली मिस्त्री से शादी की थी। श्यामा ने जॉनी वॉकर के साथ छू मंतर , मुसाफ़िरखाना और खोटा पैसा जैसी फिल्मों में काम किया था। जॉनी वॉकर के बेटे नासिर खान ने श्यामा के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त करते हुए पिता जी के साथ उनकी जोड़ी सदाबाहर रही है। श्यामा के निधन की वजह अभी पता नहीं चल पाई है।