भोपाल। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने व्यापमं मामले में आरोपी बनाए गए निजी मेडिकल कॉलेजों और चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों की अग्रिम जमानत अर्जियों पर फैसला सुरक्षित रख लिया।दोनों पक्षों की दलीलों पर सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश हेमंत गुप्ता की खंडपीठ ने फैसला सुरक्षित रख लिया।
चिकित्सा शिक्षा विभाग के दो तत्कालीन आला अधिकारियों एस सी तिवारी और एन एम श्रीवास्तव, एक निजी मेडिकल कॉलेज में एडमीशन कमेटी के सदस्य डॉ विजय कुमार पंड्या और डॉ विजय कुमार रामनानी की ओर से कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिकाएं दायर की गईं थीं, जिन पर सीबीआई और याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ताओं की ओर से बहस की गई। विभाग के तत्कालीन अधिकारियों की ओर से दलील दी गई कि 2012 व्यापमं मामले में उनकी ओर से गड़बड़ी नहीं की गई क्योंकि काउंसलिग की प्रक्रिया पूरी कर ली थी। वहीं कटऑफ डेट के बाद मेडिकल कॉलेजों में हुए एडमिशन की कोई भी जानकारी अधिकारियों तक नहीं पहुंचाई गई, लिहाजा पूरे फर्जीवाड़े में उनकी तरफ से गड़बड़ी नहीं हुई है। एडमिशन कमेटी के सदस्यों की ओर से आरोपियों की उम्र और बीमारियों का हवाला देते हुए अग्रिम जमानत याचिका दिए जाने की मांग की गई। एक अन्य मेडिकल कॉलेज के चेयरमैन सुरेश सिंह भदौरिया की अग्रिम जमानत याचिका पर एक दिन के लिए सुनवाई टल गई है। (हिफी)
त्रिवेन्द्र के मंत्रियों की भी समीक्षा
देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के मंत्रियों ने किस तरह से कार्य किया है इसकी समीक्षा की जाएगी इसके तहत उत्तराखंड के हल्द्वानी में भाजपा कार्यसमिति की बैठक का आयोजन किया जा रहा है। यह दो दिवसीय बैठक 16-17 दिसंबर को होगी। इस बैठक में मंत्रियों के कार्यों का मूल्यांकन किया जाएगा। इस बैठक में पिछले 8 महीनों से मंत्रियों द्वारा अपने विभाग में जो कार्य किए गए हैं, उसकी समीक्षा की जाएगी। प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट के अनुसार कार्यसमिति बैठक का उद्देश्य सरकार के कार्यों को जनता तक पहुंचाना है। इसके साथ-साथ मंत्रियों से लोगों के हित के लिए उठाए जा रहे कदमों की जानकारी ली जाएगी।
जानकारी के अनुसार, कार्यसमिति बैठक में प्रदेश में मंत्रिमंडल के दो रिक्त मंत्री पदों के लिए अधिकारियों का चयन भी किया जा सकता है। इस बैठक के बाद रिपोर्ट के आधार पर कुछ मंत्रियों के विभागों में फेरबदल भी हो सकता है। इसके साथ ही यह जानकारी भी दी गयी कि टिहरी और नैनीताल की झीलों में सी-प्लेन चलेगा। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि उनकी सरकार की केंद्र के सहयोग से टिहरी बांध की विशाल झील तथा नैनीताल की मशहूर झीलों के साथ ही राज्य की कई अन्य बड़ी झीलों और नदियों में सी-प्लेन चलाने की योजना है। (हिफी)
प्रवासी श्रमिकों को ममता देंगी रोजगार
कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस प्रमुख व पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य के प्रवासी श्रमिको को बंगाल लौटने का आह्वान किया है और कहा कि उन्हें साल में कम से कम 200 दिन का कार्य दिया जाएगा।
राजस्थान की घटना को लेकर पुरुलिया जिले के कोटशिला में सभा में सुश्री बनर्जी ने कहा कि राज्य में काम की कोई कमी नही, कोई यदि वापस लौटता है तो सरकार उसे सभी प्रकार की सहायता देगी। उन्होंने ऐसे श्रमिको को रोजगार हेतु तत्काल 50 हजार रुपये देने का भी आश्वासन दिया। सुश्री बनर्जी ने कहा जो लोग कहीं और काम करने के लिए चले गए है और उन्हें किसी भी प्रकार का भय हो तो राज्य में उनका स्वागत है। मैं उनके लिए काम की गारंटी दूगी। यदि आवश्यक हुआ तो ऐसे लोगों के लिए साल में 200 दिन रोजगार सुनिश्चित किया जाएगा। इस बाबत ममता ने कहा, मैने सभी जिला अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे प्रवासी मजदूरों के लिए कम से कम 100 दिन रोजगार गारंटी की व्यवस्था करें। उन्होने कहा कि राजस्थान मे राज्य के एक व्यक्ति को जिंदा जला दिया गया जबकि देश मे किसी को भी कहीं जाने की इजाजत है। उल्लेखनीय है कि बीते सप्ताह मालदा के मजदूर अफराजुल खान की राजसमंद मे निर्मम तरीके से जिंदा जलाए जाने की घटना प्रकाश मे आई थी। (हिफी)
अवैध कालोनियों को वैध करेंगे चैहान
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान मे करीब पांच हजार अवैध कॉलोनियों को वैध करेंगे। इस प्रक्रिया में हो रही देरी को लेकर मुख्यमंत्री ने नगरीय विकास विभाग की बैठक बुलाई थी। बैठक में मुख्यमंत्री ने नगरीय विकास आयुक्त विवेक अग्रवाल से कहा कि लोग बहुत परेशान हैं, अवैध कॉलोनियों को वैध करने के लिए जो भी कार्रवाई करना है, जल्द करें। लोगों को इसका फायदा जल्द मिलना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नगरीय निकायों को कॉलोनियां वैध करने की प्रक्रिया जल्द पूरी करने के निर्देश दें। गौरतलब है कि नगरीय विकास विभाग ने मप्र नगर पालिक (कॉलोनाइजर का रजिस्ट्रेशन) नियम 1998 में संशोधन किया था। 19 साल बाद अवैध कॉलोनी को वैध करने के लिए नोटिफिकेशन जारी किया गया था। इसके लिए तीन महीने की मियाद भी तय की गई थी, लेकिन नगरीय निकायों ने प्रक्रिया पूरी नहीं की। नियम के तहत 31 दिसंबर 2016 तक बनी अवैध कॉलोनियों को वैध किया जाना था। (हिफी)
