परवीन की बात पर किसी ने यकीन नहीं किया
पुण्य तिथि पर विशेष-संजोग वॉल्टर । 1972 में परवीन बाबी के मॉडलिंग करियर की शुरुआत हुई। परवीन का फि़ल्मी कैरियर 1973 में ‘चरित्र से शुरू हुआ था। इसके बाद आई चरित्रहीन,जिसमें किर्केटर सलीम दुर्रानी हीरो की भूमिका में थे । बहरहाल जिस फि़ल्म ने उन्हें मशहूर किया वह थी, दीवार। परवीन की अदाकारी की श्रेष्ठता के लिए केवल इतना कहना ही काफ़ी है कि उन्हें कऱीब 10 फि़ल्मों में कला के उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया गया। इनमें मजबूर, दीवार, अमर अकबर एंथनी, सुहाग, कालिया, मेरी आवाज़ सुनो, नमक हलाल, अशांति, खुद्दार, रंग बिरंगी आदि शामिल हैं। बहरहाल ये तो चंद फि़ल्मों के नाम हैं। परवीन की अन्य फि़ल्में भी कुछ कम नहीं हैं और कुछ में तो उन पर फि़ल्माए गए एक गाने ने ही धूम मचा दी। अमिताभ बच्चन के साथ परवीन ने कऱीब आठ फि़ल्मों में काम किया और दर्शकों ने उनकी जोड़ी को खूब पसंद किया।
परवीन बाबी का जन्म 4 अप्रैल 1949 को जूनागढ़, गुजरात में हुआ था। परवीन बाबी ने औरंगाबाद में अपनी प्रारम्भिक स्कूली शिक्षा की और उसके बाद सेंट जेवियर्स कॉलेज, अहमदाबाद से शिक्षा ग्रहण की। उनके पिता वली मोहम्मद बाबी, जूनागढ़ रियासत प्रशासक थे। परवीन अपने माता-पिता की शादी के चौदह साल बाद पैदा हुई थीं और यह इकलौती संतान थीं। उन्होंने अपने पिता को सात साल की उम्र में ही खो दिया था।
परवीन बाबी ग्लैमरस भूमिकाओं के लिए जानी जाती थीं। 1970-80 के दशक में सिल्वर स्क्रीन पर अपनी सुन्दरता का जलवा बिखरने वाली परवीन बाबी की ज़्यादातर फि़ल्में सुपर हिट रहीं हैं।
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एक हिंदी फिल्म के बाद वो अपसेट हो गई थी यह फिल्म 80 के दशक ही आई थी फिल्मों से उनका नाता टूट गया । परवीन बाबी की मौत बहुत ही दर्दनाक रही। परवीन ने अपनी जिंदगी के अंतिम दिन अकेले ही काटे और एक व्हील चेयर,दो जोड़ी कपड़े, कुछ दवाइयां,चंद पेंटिंग्स और कैनवास ही परवीन के अंतिम दिनों के साथी थे। बताया जाता है कि परवीन डायबिटीज़ और पैर की बीमारी गैंगरीन से पीडि़त थीं जिसकी वजह से उनकी किडनी और शरीर के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था। गुमनामी की जिंदगी जी रही थीं परवीन बाबी का 2002 में अपनी माँ के निधन के बाद परवीन का मानसिक संतुलन बिगड़ गया वह अकेले रहने लगीं और एक चर्च से जुडी रहीं वह इसी धर्म की अनुयाई थीं और कभी कभार वह चर्च से संपर्क कर लिया करती थीं पुलिस का कहना था कि अपनी मौत के दो महीने पहले उन्होंने सभी जानने पहचानने वालों से संपर्क तोड़ लिया था उनके फ्लैट के बाहर तीन दिन पुराने अख़बार और दूध की बोतले रखी थी जिससे यह अंदाज़ा लागया की परवीन बॉबी की मौत 20 जनवरी 2005 को हुई थी । परवीन बाबी ने एक बड़े अभिनेता का नाम लिया की उसने उनकी (परवीन) ज़िंदगी तबाह कर दी परवीन की बात पर किसी ने किसी ने यकीन नहीं किया। फोटो pinterest.com से