किसानों के साथ यह धोखा, किसानों के साथ दुश्मनी जैसा बर्ताव-अखिलेश यादव
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि यह दुःखद है कि भाजपा सरकार प्रदेश में छल कपट,रागद्वेष और धोखाधड़ी की राजनीति को बढ़ावा दे रही है। लोकतंत्र में पारदर्शिता और साध्य-साधन की पवित्रता पर विशेष ध्यान दिया जाता है लेकिन भाजपा की राज्य सरकार ने वर्ष 2018 -19 का जो बजट आज पेश किया है उसमें अनर्गल बयानबाजी और वादों का अम्बार हैं। इसमें नागरिक सुरक्षा, नौजवानों के भविष्य और किसानों को लूट से मुक्ति दिलाने की दिशा में किसी समयबद्ध योजना का दूर-दूर तक पता नहीं। यह बजट इस तरह विकास की दृष्टि से पूर्णतः निराशाजनक, हतोत्साहित करने वाला तथा प्रदेश के भविष्य को अंधकार युग में ले जाने वाला साबित होगा।
भाजपा सरकार ने 4 लाख 28 हजार 384 करोड़ 52 लाख रूपए का जो बजट पेश किया है उसमें 44 हजार 53 करोड़ 32 लाख रूपए का राजकोषीय घाटा अनुमानित है जो वर्ष 2018-19 के लिए अनुमानित सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 2.96 प्रतिशत है। राज्य की ऋणग्रस्तता सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 29.8 प्रतिशत अनुमानित है। स्पष्ट है कि लोककल्याण संकल्प-पत्र में विकास की संकल्पना पूरी तरह भ्रामक है।
भाजपा सरकार का यह दूसरा बजट था जबकि पहले बजट का व्यय अस्पष्ट है। जिन मदों में धनराशि पहले बजट में रखी गई थी उसका भी क्या हुआ, पता नहीं चला। अच्छा होता पहले का हिसाब दिया जाता कि कहां गया राजकोष का ब्योरा। विगत एक वर्ष में भाजपा सरकार की उपलब्धि सिफर रही है। आखिर यह भाजपा सरकार समाजवादी सरकार के कामों के सहारे कब तक अपनी गाड़ी खींचेगी? पूरे बजट में रोजगार की योजनाओं का कोई उल्लेख नहीं है। स्टार्टअप, ईज आॅफ इण्डिया बिजनेस, समिट के सुनहरे सपने तो बढ़चढ़कर दिखाए गए है पर रोजगार की योजनाएं नदारद हैं। बजट में जनकल्याण की किसी नई योजना का जिक्र नहीं है। समाजवादी सरकार के समय की तमाम योजनाओं का नाम बदलकर उन्हें ही लागू किया जा रहा है। लेकिन भाजपा सरकार इसके लिए समाजवादी सरकार का नाम लेने की नैतिकता भी नहीं निभाती है, कृतज्ञता ज्ञापन तो दूर की बात है।
सबसे बड़ी बात तो यह है कि इस बजट में अपराध नियंत्रण की कोई ठोस योजना सामने नहीं आई है। महिलाओं और बच्चियों के साथ दुष्कर्म की घटनाएं कम नही हो रही है। एनकाउण्टर के नाम पर न निर्दोषों की हत्यायें रूक रही है और न पुलिस थानों पर भाजपा नेताओं के हमले रूक रहे हैं। प्रदेश में अराजकता और जंगलराज की स्थिति है। समाजवादी सरकार ने जनहित की जो तमाम योजनाएं लागू की थी उनमें से कई भाजपा के रागद्वेष की शिकार हो गई हैं। समाजवादी पेंशन, य शभारती पेंशन, बंद हो गई है। अल्पसंख्यक दहशत में जी रहे हैं। व्यापारियों के लिए बजट में कोई सुविधा नहीं है। अधिवक्ताओं,शिक्षामित्रों, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का कोई जिक्र नहीं हैं। भाजपा ने ऐसा बजट दिया है जो दिशशून्य की ओर ले जाता है। भाजपा ने 5 साल में 70 लाख नौकरियां देने का वादा किया था, साल भर में कोई नौकरी नहीं मिली। 33000 पुलिस भर्ती की घोषणा भी हवाई साबित हुई। प्रधानमंत्री की स्वास्थ्य बीमा योजना के लिए कोई धन नहीं दिया गया फिर प्रदेश के 1.6 करोड़ परिवारों को कैसे बीमा का लाभ मिल पाएगा? कृषि के मद में भाजपा ने 36653 करोड़ रूपए पिछले बजट में रखे थे कहां गया बजट? किस किसान का कितना कर्जा माफ हुआ? जबकि कर्जे के बोझ से किसान आज भी आत्महत्या करनेको मजबूर है। 2017 के संकल्प-पत्र में लैपटाप वितरण का भी वादा था उसका कोई जिक्र नहीं है। अपने को किसान हितैशी बताने वाली भाजपा सरकार का
किसानों के साथ यह धोखा, किसानों के साथ दुश्मनी जैसा बर्ताव है।
कांग्रेस ने कहा शब्दजाल से सब्ज़बाग दिखाने की कोशिश
उत्तर प्रदेश की वर्तमान सरकार द्वारा शुक्रवार को दूसरा बजट पेश किया गया। किसान प्रधान प्रदेश में किसानों के प्रति कहीं भी संवेदनशीलता देखने को नहीं मिली। किसानों की आय 2022 तक दो गुनी करने की बात कही गयी है जो कृषि विकास दर इस समय है और जितने का लक्ष्य लेकर सरकार चल रही है उससे 2052 तक कृषि आय दो गुनी हो पायेगी। इसलिए किसानों की आय दो गुनी करने की बात किसानों के साथ छलावा है क्योंकि बगैर एमएसपी बढ़ाये या कृषि पर लागत मूल्य कम किये बिना कृषि आय बढ़ाई नहीं जा सकती।
प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता कृष्णकान्त पाण्डेय ने बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार में आने के बाद किसानों की कर्जमाफी एक बड़ा मुद्दा था। पुवर फाइनेन्शियल स्टेट्स होने की वजह से बजट पूरा नहीं हेाने के कारण घोषित सभी किसानों की कर्जमाफी नहीं हो पायी थी जिसका जिक्र इस बजट में नहीं है कि शेष किसानों की कर्ज कैसे माफ करेंगे? गन्ना एवं आलू किसानों की समस्या प्रदेश की मुख्य समस्या है। इस बजट में मूल्य सम्बन्धी समस्या का कोई जिक्र नहीं है। छुट्टा जानवर जो किसानों के लिए अभिशाप बन गये हैं उनके रखरखाव की कोई बात नहीं की गयी है।
श्री पाण्डेय ने कहा कि जहां पिछली बार इस अनुभवहीन सरकार ने जमीन से पानी निकालने का कार्य एड़ी से रगड़कर करने की कर रही थी लगता है अब सरकार चलाना कितना कठिन है यह समझ में आने लगा है कि इस बार पानी निकालने का जिक्र खुदाई से करने की बात की गयी है। गरीबों के लिए अन्नपूर्णा येाजना पूरे बजट से ही गायब कर दी गयी है।
रोजगार के बारे में कोई खास योजना प्रस्तुत नहीं की गयी है। स्वरोजगार के नाम पर सौ करोड़ का बजट 22 करोड़ की जनता के लिहाज से ऊंट के मुंह में जीरा के समान है।
प्रवक्ता ने कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर बेहतर चिकित्सा व्यवस्था हेतु कोई बजट का निर्धारण नहीं है जो सबसे जरूरी चीज है।
श्री पाण्डेय ने कहा कि एक तरफ जहां उ0प्र0 के 10 लाख छात्रों ने माध्यमिक शिक्षा की परीक्षा छोड़ दी है उसके गुणवत्ता सुधार के लिए एवं वित्तविहीन विद्यालयों के शिक्षकों के लिए न्यूनतम मानदेय जो पांच सौ रूपये प्रतिदिन के हिसाब से चुनाव घोषणापत्र में बड़े जोर शोर से उठाया गया है उसका कोई जिक्र नहीं है।
प्रवक्ता ने कहाकि कुल मिलाकर पूरा बजट शब्दजाल से सब्ज़बाग दिखाने की कोशिश है इसे बहुत निराशाजनक कहा जा सकता है।
युवाओं पर फोकस किया गया
लोक कल्याणकारी बजट के लिए संसदीय कार्य मंत्री ने मुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री को बधाई दी
उत्तर प्रदेश के संसदीय कार्य एवं नगर विकास मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने विधान सभा में पेश किये गये वर्ष 2018-19 के बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि इस बजट में गांव, गरीब, किसान तथा युवाओं को फोकस किया गया है। मौजूदा सरकार उद्योगों के माध्यम से नौजवानों को रोजगार देने एवं किसानों तथा गरीबों को आवास देने के लिए बजट में प्राथमिकता दी है।
संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार स्मार्ट सिटी से लेकर स्वच्छ भारत अभियान तथा छोटे नगरों को मूलभूत सुविधाओं से संतृप्त करने का संकल्प इस बजट में दोहराया है। बजट में समाज के सभी वर्गों के लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाने के लिए कदम उठाये हैं, जिसका स्वागत किया जाना चाहिए।
श्री खन्ना ने कहा कि यह बजट सर्व समाज के लिए हितकारी है। उन्होंने बजट का स्वागत करते हुए यह भी कहा है कि इस कल्याणकारी बजट के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ एवं वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल बधाई के पात्र है।
अपना दल(एस) ने योगी सरकार के बजट को ऐतिहासिक बताया इस बजट में शिक्षा ,स्वास्थ्य, बिजली ,अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास जैसे सभी पहलुओं पर विशेष जोर दिया गया है ।बजट में साफ है कि सरकार की मंशा यूपी को देश के समृद्ध देश के समृद्धि राज्यों की कतार में सबसे आगे ले जाने की है। उत्तर प्रदेश के इतिहास में योगी सरकार द्वारा अब तक का सबसे बड़ा बजट प्रस्तुत किया गया।
अपना दल (एस) के प्रदेश प्रवक्ता अरविंद शर्मा ने बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा सरकार ने इस बजट के माध्यम से स्वास्थ्य की सेवाएं आम जनमानस तक पहुंचाने की अनूठी पहल की है इस कड़ी में प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में 100 नये आयुर्वेदिक चिकित्सालयों की स्थापना की जाएगी इससे ना केवल लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मुहैया होंगी बल्कि भारतीय चिकित्सा पद्धति को भी प्रोत्साहन मिलेगा इसके साथ ही एसजीपीजीआई मैं रोबोटिक सर्जरी तथा केजीएमयू मैं ऑर्गन ट्रांसप्लांट यूनिट स्थापना का प्रावधान इस बजट में प्रस्तावित है इससे सूबे के मरीजों को इन सुविधाओं के लिए अब देश की राजधानी दिल्ली अथवा अन्य शहरों का मुंह नहीं देखना पड़ेगा।
इस बजट में प्रधानमंत्री के हर गरीब के सर पर छत के संकल्प को पूरा करने के लिए 11,500 करोड़ों रुपए की व्यवस्था की गई है अपने आप में यह एक ऐतिहासिक कदम है तथा प्रधानमंत्री के मंशा के अनुरूप यूपी सरकार हर गरीब के सर पर छत के वायदे को पूरा करने के लिए तेजी से आगे बढ़ चलि है। इस बजट में आज औद्योगिक निवेश नीति के लिए 600 करोड़ की व्यवस्था की गई है तथा बुंदेलखंड मैं एक्सप्रेस वे परियोजना के लिए 650 करोड़ की व्यवस्था कर यूपी के इस पिछड़े हिस्से को विकास की मुख्यधारा में लाने की कवायद आरंभ कर दी गई है।
वर्तमान सरकार का यह मानना है कि बेहतर सड़कों एवं पुलों के निर्माण के साथ ही प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक नया आयाम दिया जा सकता है इसीलिए सड़कों और पुलों} के निर्माण के लिए 12000 करोड़ से अधिक यह धनराशि की व्यवस्था की गई है।
पिछली सरकारों की लापरवाही के चलते उत्तर प्रदेश की करीब डेढ़ करोड़ परिवार आज भी अंधेरे में जीवन यापन करने को मजबूर है वर्तमान सरकार ने इन परिवारों को घरों में रोशनी लाने के लिए मार्च 2019 तक का लक्ष्य तय करते हुए बजट में प्रावधान दिया है।आगामी वर्ष में होने वाले कुंभ मेले के यूपी की छाप देश-विदेश में जरिए बेहतरीन बनाने के लिए सरकार ने 15 सौ करोड़ की व्यवस्था की गई। इसके साथ ही प्रदेश के कारागारों में एनर्जी आधारित पावर प्लांट के लिए 10 करोड रुपए की व्यवस्था इस बजट में की गई है।
अवस्थापना और औद्योगिक विकास के क्षेत्र में जो बजट में प्रावधान दिए गए हैं उससे आने वाले समय में उत्तर प्रदेश में ना केवल निवेश बढ़ेगा बल्कि उसके बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर पैदा होंगे जो प्रदेश से बाहर जाने वाला मेधा का पलायन रुक सकेगा।
22 करोड़ की आबादी की इच्छाओं तथा उनकी अपेक्षाओं के अनुरूप नये उत्तर प्रदेश के निर्माण के लिए योगी सरकार ने एक पुख्ता नींव रख दी है।