येदियुरप्पा को भाजपा ने चुना नेता
बेंगलुरू। कर्नाटक में अपनी सरकार बनाने की प्रक्रिया के तहत प्रदेश भारतीय जनता पार्टी विधायक दल ने बी एस येदियुरप्पा को अपना नेता चुन लिया और पार्टी नेताओं ने तत्काल राज्यपाल वाजूभाई वाला से मुलाकात कर राज्य में सरकार गठन को लेकर उनके समक्ष अपना दावा पेश किया।
राज्य विधानसभा चुनाव में भाजपा 104 सीटें जीतकर सबसे बड़ी एकल पार्टी के रूप में उभरी है, हालांकि वह सरकार बनाने के लिए सात सीटों के अंतर से चूक गयी। येदियुरप्पा ने राज्यपाल को 104 विधायकों की सूची सौंपी है और कहा है कि उनकी पार्टी बाहरी समर्थन से सरकार गठन के लिए सक्षम है। उन्होंने नयी सरकार बनाने के लिए अपनी पार्टी को आमंत्रित किये जाने का अनुरोध किया है।
प्रदेश भाजपा मुख्यालय में 10 मिनट के लिए आयोजित बैठक में पार्टी विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद येदियुरप्पा ने पार्टी के कर्नाटक मामलों के प्रभारी प्रकाश जावड़ेकर एवं पी मुरलीधर राव तथा अन्य नेताओं के साथ राज्यपाल से मुलाकात की ओर भाजपा विधायकों की सूची सौंपी। पार्टी सूत्रों के मुताबिकयेदियुरप्पा ने राज्यपाल से भाजपा को सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते सरकार बनाने के लिए पहले प्राथमिकता देने की अपील की। वहीं, पूर्व अटार्नी जनरल और प्रसिद्ध न्यायविद सोली सोराबजी ने कहा कि राज्यपाल को सबसे बड़ी पार्टी को सरकार बनाने के लिए बुलाना चाहिए लेकिन राज्यपाल यह भी सुनिश्चित करें कि विधायकों की खरीद-फरोख्त न हो। (हिफी)
त्रिवेन्द्र को थराली में मिलेगी मदद
देहरादून। भारतीय जनता पार्टी को कर्नाटक के विधानसभा चुनाव में मिली सफलता उत्तराखंड के लिहाज से भी कई मायनों में बेहद खास है। विधानसभा की थराली सीट के उपचुनाव में यह संजीवनी का काम करेगी तो आने वाले निकाय चुनावों में भी पार्टी का मार्ग प्रशस्त करेगी। इसे देखते हुए भाजपा नेतृत्व भी खासा उत्साहित है। उसका दावा है कि न सिर्फ थराली बल्कि निकाय व पंचायत, बल्कि 2019 के लोस चुनाव में भी राज्य में भाजपा अपना परचम लहराएगी। विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत हासिल करने वाली भाजपा सत्तारूढ़ होने के बाद पहली मर्तबा उपचुनाव के जरिये जनता की अदालत में है। इस उपचुनाव में जीत के लिए पार्टी नेतृत्व जीतोड़ कोशिशों में जुटा है, लेकिन हाल में पार्टी को टिकट वितरण में अंतरविरोध भी झेलना पड़ा। ये बात अलग है कि बागी तेवर अपनाने वाले दो नेताओं को मनाने में पार्टी सफल रही है और ये प्रचार में भी जुट गए हैं। भले ही भीतरी झंझावातों को पार्टी नेतृत्व ने थाम लिया हो, फिर भी किंतु-परंतु कम नहीं है। वजह ये कि इस उपचुनाव को एक प्रकार से प्रदेश सरकार के सालभर के कामकाज को जनता की कसौटी पर खरा उतरने से जोड़कर भी देखा जा रहा है। ऐसे में भाजपा को यह सीट अपने पास रखना किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है। ऐसे में भाजपा नेतृत्व कोई रिस्क लेने के मूड में नहीं है और पूरा संगठन वहां जुट गया है। (हिफी)
ममता ने किसको दी बधाई ?
कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस प्रमुख व पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कर्नाटक में चुनाव को लेकर कहा कि कांग्रेस ने यदि जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) से गठबंधन किया होता तो पार्टी चुनाव में अच्छा प्रदर्शन कर सकती थी। सुश्री बनर्जी ने भाजपा का नाम नहीं लिया लेकिन जीतने वाले को बधाई दी। सवाल उठ रहा है कि क्या ममता बनर्जी ने भाजपा को बधाई दी है।
ममता ने ट्वीटर पर लिखा कर्नाटक चुनाव के विजेताओं को बधाई, जो हार गए हैं, वो धुंआधार वापसी करें। यदि कांग्रेस ने जेडीएस से गठबंधन किया होता तो नतीजे बहुत अलग होते। तृणमूल प्रमुख व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कर्नाटक के चुनाव परिणाम आने के बाद एक बार फिर सक्रिय हो गई हैं। उन्होंने जेडी (एस) प्रमुख एचडी देवगौड़ा से टेलीफोन पर बात की और उन्हें कांग्रेस से समर्थन लेने की सलाह भी दे दी। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री को कांग्रेस से समर्थन लेने और भाजपा को सरकार से बाहर रखने की सलाह दी। बहुमत से भाजपा के थोड़ी दूर रहने के बाद ममता ने पूर्व प्रधानमंत्री देवगौड़ा को फोन मिलाया। (हिफी)
कमलनाथ चुनाव तैयारी में जुटे
भोपाल। मध्य प्रदेश में मिशन 2018 फतह करने के लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियां ही चुनाव की तैयारी में जुटी हुई हैं. प्रदेश में कांग्रेस के सामने बीजेपी एक बड़ी चुनौती के रूप में है, क्योंकि बीते 15 सालों से कांग्रेस सत्ता से बाहर है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ एक ओर पार्टी में गुटबाजी को खत्म कर रहे हैं, वहीं कांग्रेस इस बार सत्ता में वापसी के लिए बूथ इकाई को मजबूत करने की तैयारी कर रही है।मध्य प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों में वर्तमान में कांग्रेस 57 पर काबिज है। मिशन 2018 के लिए कांग्रेस ने उच्च स्तर से लेकर मतदान केंद्र तक की तैयारी शुरू कर दी है। कांग्रेस ने माइक्रो मैनेजमेंट के आधार पर बूथ इकाई को मजबूत करने पर ध्यान देना शुरू कर दिया है. सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस माइक्रो मैनेजमेंट के अंतर्गत एमपी के 65150 बूथों पर अपनी एक स्पेशल टीम उतारेगी. इस टीम में हर बूथ पर 10 युवकों की एक टीम काम करेगी। (हिफी)
