स्वप्निल संसार। लखनऊ। अदीब वॉल्टर।
बुलंदशहर से लखनऊ आया प्रदर्शन करा फिर ट्रेनिंग हुई सिपाही बना और अब हत्यारा !
यह घटना सभी के लिए सीख है की पुलिस किसी की सगी नहीं, पुलिस अपराधियों और आम जनता में फर्क नहीं कर पाती मामला है उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के गोमतीनगर इलाके का जहाँ शुक्रवार रात एप्पल सेल्स मैनेजर विवेक तिवारी अपनी सहकर्मी सना के साथ एक लांच इवेंट से घर लौट रहे थे। मौके पर मौजूद सना के बयान के मुताबिक रात करीब 2 बजे गोमतीनगर में 2 पुलिस वाले विवेक की गाड़ी को रोकते है सड़क सुनसान होने के कारण विवेक ने वहां गाड़ी न रोकी और जब गाड़ी आगे बढ़ाई तो पुलिस की बाइक को छू गयी जिसपे सिपाही प्रशांत चौधरी ने विवेक के सर में गोली मार दी।
विवेक की पत्नी कल्पना ने बताया की रात 12 बजे से ही विवेक फ़ोन नहीं उठा रह थे और फिर काफी देर बाद फ़ोन आता है के आपके पति का एक्सीडेंट हुआ है और मैं लोहिया अस्पताल से बोल रहा हूँ। कल्पना ने लखनऊ पुलिस पर आरोप लगाया की पुलिस ने क्यों नहीं जानकारी दी। आनन-फानन में परिवार अस्तपाल की ओर दौड़ता है और तब तक विवेक तिवारी दम तोड़ चुका होता है। लेकिन परिवार वालों के लिए ‘मौत’ पर यकीन करना मुश्किल था। दरअसल, विवेक के सिर में गोली लगी थी और गोली उत्तर प्रदेश पुलिस के सिपाही प्रशांत चौधरी ने मारी थी।
गोली सिर्फ इसलिए मारी क्योंकि उसे ‘शक’ था और विवेक ने सुनसान जगह गाड़ी न रोकी। तो क्या अब पुलिस जैसे जिम्मेदार महकमे का सिपाही कानून और कोर्ट को दरकिनार कर सिर्फ शक होने पर लखनऊ जैसे शहर में गोली मारकर हत्या कर देगा? पुलिस की कार्रवाई के बाद लोग पूछ रहे हैं कि क्या अब लोग पुलिस को बता के घर से निकलें?
विवेक तिवारी की पत्नी ने कहा कि पुलिस ने हमें बताया कि वे (विवेक तिवारी) एक लड़की के साथ कार में आपत्तिजनक हालात में थे। पुलिस को ये किसने अधिकार दिया कि वो गाड़ी नहीं रोकने पर गोली चला दे? मुझे जवाब चाहिए। योगी जी ने कौन सा ऐसा कानून बना रखा है। आपत्तिजनक हालात में थे तो भी पुलिस गोली चलाने वाली कौन होती है? सुप्रीम कोर्ट ने 497 धारा को लेकर अभी ही फैसला दिया है। कोई भी मामला हो फिर भी पुलिस कैसी गोली चला सकती है?
लखनऊ पुलिस अपने आप को बचाने के लिए शनिवार सुबह दोनों सिपाहियों पर हत्या का केस दर्ज करती है और डीजीपी और एसएसपी कहते है के सिपाहियों को जेल भेज दिया गया है लेकिन शाम को वही सिपाही अपनी पत्नी जो खुद एक सिपाही है गोमतीनगर थाने में जमकर बवाल काटते है और मीडिया को बाइट देते है की मेरी कोई गलती नहीं।
अगर डीजीपी और एसएसपी की माने तो सिपाही तो दिन में ही जेल चला गया था तो शाम होते होते थाने कैसे आ गया।
योगी सरकार के सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह ने विवादित बयान दिया की गोली तो अपराधी को ही लगती है।
मामला बेहद गंभीर था और इस मामले को कई राजनैतीक पार्टियों ने उठाया। कांग्रेस ने इस मामले में सीबीआई जांच की मांग करी तो वही अखिलेश यादव ने ट्वीट कर सरकार और पुलिस पर आरोप लगाया और पीड़ित परिवार के प्रति दुःख व्यक्त किया। लखनऊ में शनिवार शाम कांग्रेस ने कैंडल मार्च निकला और आम आदमी पार्टी ने हज़रतगंज में प्रदर्शन किया।