नरेश दीक्षित #मीटू अभियान ने मीडिया, फिल्म इंडस्ट्री के साथ ही अब भारत की राजनीति को भी झकझोर कर रख दिया है । भारत सरकार के विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर पर नौ महिला पत्रकारों ने गंभीर यौन शोषण के आरोप लगाए है । गजला वहाब वरिष्ठ महिला पत्रकार ने कहा है कि जब वह द एशियन एज अखबार में काम करती थी और अकबर इस के संपादक थे अपने केबिन में बुलाकर उनके साथ अश्लील हरकते करते थे । अकबर जब मीडिया जगत में ऊंचे पायदान पर थे तो इनके किस्से वरिष्ठ पत्रकारो के बीच चर्चित हुआ करते थे लेकिन यह बड़े अखबारो व पत्रिकाओ में संपादक की कुर्सी पर रहने के कारण इसके खिलाफ महिला या पुरुष पत्रकार कभी मुंह नही खोलते थे उनके सामने नौकरी जाने का खतरा बना रहता था । तत्कालीन मीडिया जगत का यह शबाब और शराब का शौकीन होटलों, घरो, आफिसों के कैबिनों में कितनी मजबूर महिलाओं को अपनी हबस का शिकार बनाया होगा, महिलाओं की इज्जत तार – तार की होगी । धन्य हो हैशटैग मी टू अभियान की बहस का जिसने ऐसे चरित्र हीन पत्रकार से नेता बने, को बेनकाब कर दिया है । देश के कई मीडिया संस्थानो में अपने संपादन के समय रोब – रुतबे का फायदा उठाते हुए महिला पत्रकारो का यौन शोषण करने वाले का सच अब सामने आने लगा है । देश की महिला पत्रकारो ने उसके यौन शोषण के खुलासे से केंद्र सरकार भी सन्न रह गई है । सरकार का अब कोई प्रवक्ता इस पर मुंह नही खोल रहा है यहां तक कि जब पत्रकारो ने सुषमा स्वराज से अपने कनिष्ठ विदेश राज्य मंत्री के संबंध में सवाल पूछे तो वह भी मुंह लटका कर बाहर निकल गई । सरकार के प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद जो बहुत प्रबचन देश को देते है इस मुद्दे पर खामोश है।
एमजे अकबर अपनी पहुंच और रोब के चलते अभी सिर्फ महिला पत्रकारो का यौन उत्पीड़न की दास्तान सुनाई पड़ी है इसने देश की किन किन महिलाओ का शोषण किया है समाज, परिवार की बदनामी के कारण अपना मुंह नही खोल रही है यदि सरकार इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई कर दे तो शायद वे महिलाएं भी इसके और काले कारनामे देश के सामने आयेगें ।
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने कहा है कि यौन प्रताड़ना के आरोपो को गंभीरता से लेना चाहिए क्योंकि इस मुद्दे पर महिलाएं बोलती नही है और यदि कोई महिला इस पर बोलती है तो यह बहुत गंभीर बात होती है । उन्होंने कहा जो पुरुष अधिकार संपन्न होते है वे अक्सर ऐसा करते है । यह सिर्फ मीडिया तक ही सीमित नही है राजनीति, कंपनियो, समाज के किसी भी क्षेत्र में उच्च पदों पर आसीन पुरूषो पर लागू होती है । जब महिलाएं इस मुद्दे पर खुल कर बोल रही है तो आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए । इसी प्रकार का आरोप टाइम्स आफ इंडिया के हैदराबाद संस्करण के संपादक के आर श्रीनिवासन के विरुद्ध यौन उत्पीड़न का आरोप लगा है प्रबंधन ने उन्हे छुट्टी पर भेज दिया है। कई वर्ष पूर्व तहलका के प्रबंध संपादक ने गोवा में अपनी सहकर्मी पत्रकार के यौन शोषण पर जेल जाना पड़ा था । देश में #मीटू के अभियान में रोज नए खुलासे से मीडिया, फिल्म जगत, राजनीति को झकझोर कर रख दिया है । अब जनता की निगाहें केंद्र सरकार पर हैं की वह क्या काय॔वाही करती है? । संपादक समर विचार