पाकिस्तान के ‘लिटिल मास्टर ‘ कहे जाने वाले हनीफ मोहम्मद ने 1952 से 1969 के बीच 55 टेस्ट मैच खेले थे। इसमें उनका औसत 43.98 था और उन्होंने 12 शतक लगाए थे। पाकिस्तान को टेस्ट टीम का दर्जा दिलाने में हनीफ मोहम्मद का भी योगदान था। पाकिस्तानी टीम ने कराची जिमखाना क्रिकेट ग्राउंड में 288 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए हनीफ के 64 रनों की मदद से मेलबर्न क्रिकेट क्लब को चार दिवसीय फर्स्ट क्लास मैच में हराया था।
हनीफ मोहम्मद दोनों हाथों से बोलिंग करने के लिए भी जाने जाते थे। उनकी वेस्ट इंडीज के खिलाफ 16 घंटे लंबी 337 रनों की पारी से पाकिस्तान की हार बच सकी थी। यह टेस्ट के इतिहास की सबसे लंबी पारी है और 40 सालों तक फर्स्ट क्लास क्रिकेट की भी सबसे लंबी पारी रही। यह लंबे समय तक टेस्ट इतिहास की दूसरी पारी में लगाई अकेली ट्रिपल सेंचुरी भी थी, 2014 में न्यू जीलैंड के ब्रेंडन मैकलम ने भारत के खिलाफ मैच में इसकी बराबरी की थी।
1958-59 में उन्होंने 499 के स्कोर पर रनआउट होने से पहले क्रिकेट के सबसे महानतम बल्लेबाज माने जाने वाले डॉन ब्रेडमैन के फर्स्ट क्लास में सबसे लंबी पारी का रेकॉर्ड भी तोड़ा। उनका यह रेकॉर्ड 35 सालों तक कायम रहा, 1994 में ब्रायन लारा ने उनका यह रेकॉर्ड तोड़ा। उन्होंने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 52.52 के औसत से रन बनाए और 55 शतक लगाए।
उन्हें 1968 में ‘विज्डन क्रिकेटर ऑफ द इयर’ घोषित किया गया था। 2009 में उन्हें पाकिस्तान के दो और खिलाड़ियों इमरान खान और जावेद मियांदाद (कुल 55 खिलाड़ी) के साथ आईसीसी के हॉल ऑफ फेम में शामिल किया गया था। हनीफ मोहम्मद : 21 दिसंबर 1934, को जूनागढ़ में हुआ था। बॅटवारे के वक्त हनीफ मोहम्मद का परिवार पाकिस्तान चला गया था।
पाकिस्तान के सबसे बेहतरीन बल्लेबाजों में से एक हनीफ मोहम्मद का निधन 11 अगस्त 2016 को हो गया था। इससे पहले उनके मरने की गलत खबर दुनिया भर में चल गई थी। धड़कन बंद हो जाने पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत समझ लिया, लेकिन वह मौत के मुंह से बाहर आ गए थे। इस बार बल्लेबाज हनीफ मोहम्मद मौत को चकमा नहीं दे पाए।
81 साल के हनीफ मोहम्मद ब्लड कैंसर से जूझ रहे थे। उनकी 2013 में सर्जरी भी हुई थी। तबीयत खराब होने के बाद से वह वेंटिलेटर पर थे। जुलाई 2016 में सांस लेने में परेशानी होने पर उन्हें आगा खान हॉस्पिटल करांची में भर्ती कराया गया था। एजेंसी