अमृतलाल नागर ,हिंदी के प्रसिद्ध साहित्यकार थे। इन्होंने नाटक, रेडियोनाटक, रिपोर्ताज, निबन्ध, संस्मरण, अनुवाद, बाल साहित्य आदि के क्षेत्र में भी महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है। इन्हें साहित्य जगत में उपन्यासकार के रूप में सर्वाधिक ख्याति प्राप्त हुई तदपि उनका हास्य-व्यंग्य लेखन कम महत्त्वपूर्ण नहीं है।
अमृतलाल नागर का जन्म सुसंस्कृत गुजराती परिवार में 17 अगस्त, 1916 को गोकुलपुरा, आगरा, में इनकी ननिहाल में हुआ था। इनके पितामह पण्डित शिवराम नागर 1895 से लखनऊ आकर बस गए। इनके पिता पण्डित राजाराम नागर की मृत्यु के समय नागर जी कुल 19 वर्ष के थे।
अमृतलाल नागर की विधिवत शिक्षा अर्थोपार्जन की विवशता के कारण हाईस्कूल तक ही हुई, किन्तु निरन्तर स्वाध्याय द्वारा इन्होंने साहित्य, इतिहास, पुराण, पुरातत्त्व, समाजशास्त्र, मनोविज्ञान आदि विषयों पर तथा हिन्दी, गुजराती, मराठी, बांग्ला एवं अंग्रेज़ी आदि भाषाओं पर अधिकार प्राप्त किया।
अमृतलाल नागर ने एक छोटी सी नौकरी के बाद कुछ समय तक मुक्त लेखन एवं हास्यरस के प्रसिद्ध पत्र ‘चकल्लस’ के सम्पादन का कार्य 1940 से 1947 तक कोल्हापुर में किया इसके बाद बम्बई एवं मद्रास के फ़िल्म क्षेत्र में लेखन का कार्य किया। यह हिन्दी फ़िल्मों में डबिंग कार्य में अग्रणी थे। दिसम्बर, 1953 से मई, 1956 तक आकाशवाणी, लखनऊ में ड्रामा, प्रोड्यूसर, उसके कुछ समय बाद स्वतंत्र लेखन का कार्य किया।
उपन्यास : महाकाल (1947) (1970 से ‘भूख’ शीर्षक प्रकाशित), बूँद और समुद्र (1956), शतरंज के मोहरे (1959), सुहाग के नुपूर (1960), अमृत और विष (1966), सात घूँघट वाला मुखड़ा (1968), एकदा नैमिषारण्ये (1972), मानस का हंस (1973), नाच्यौ बहुत गोपाल (1978), खंजन नयन (1981), बिखरे तिनके (1982), अग्निगर्भा (1983), करवट (1985), पीढ़ियाँ (1990) कहानी संग्रह : वाटिका (1935), अवशेष (1937), तुलाराम शास्त्री (1941), आदमी, नही! नही! (1947), पाँचवा दस्ता (1948), एक दिल हजार दास्ताँ (1955), एटम बम (1956), पीपल की परी (1963), कालदंड की चोरी (1963), मेरी प्रिय कहानियाँ (1970), पाँचवा दस्ता और सात कहानियाँ (1970), भारत पुत्र नौरंगीलाल (1972), सिकंदर हार गया (1982), एक दिल हजार अफसाने (1986 – लगभग सभी कहानियों का संकलन) नाटक : युगावतार (1956, बात की बात (1974), चंदन वन (1974), चक्करदार सीढ़ियाँ और अँधेरा (1977), उतार चढ़ाव (1977), नुक्कड़ पर (1981), चढ़त न दूजो रंग (1982) व्यंग्य : नवाबी मसनद (1939), सेठ बाँकेमल (1944), कृपया दाएँ चलिए (1973), हम फिदाये लखनऊ (1973), मेरी श्रेष्ठ व्यंग्य रचनाएँ (1985), चकल्लस (1986) : उपलब्ध स्फुट हास्य-व्यंग्य रचनाओं का संकलन। अन्य कृतियाँ : गदर के फूल (1957 – 1857 की इतिहास-प्रसिद्ध क्रांति के संबंध में महत्त्वपूर्ण सर्वेक्षण), ये कोठेवालियाँ (1960 – वेश्याओं की समस्या पर एक मौलिक एवं अनूठा सामाजिक सर्वेक्षण), जिनके साथ जिया (1973 – साहित्यकारों के संस्मरण), चैतन्य महाप्रभु (1978 – आत्मपरक लेखों का संकलन), टुकड़े-टुकड़े दास्तान (1986 – आत्मपरक लेखों का संकलन), साहित्य और संस्कृति (1986 – साहित्यिक एवं ललित निबंधों का संकलन), अमृत मंथन (1991 – अमृतलाल नागर के साक्षात्कार, संपादक : डॉ. शरद नागर एवं डॉ. आनंद प्रकाश त्रिपाठी), अमृतलाल नागर रचनावली (संपादक : डॉ. शरद नागर, 12 खंडों में, 1992), फिल्मक्षेत्रे रंगक्षेत्रे (2003 – नागरजी के फिल्म, रंगमंच तथा रेडियो नाटक संबंधी लेखों का संकलन), अत्र कुशलं, तत्रास्तु (2004 – नागरजी एवं रामविलास शर्मा के व्यक्तिगत पत्राचार का संग्रह) बाल साहित्य : नटखट चाची (1941), निंदिया आजा (1950), बजरंगी नौरंगी (1969), बजरंगी पहलवान (1969), बाल महाभारत (1971), इतिहास झरोखे (1970), बजरंग स्मगलरों के फंदे में (1972), हमारे युग निर्माता (1982), छ: युग निर्माता (1982), अक्ल बड़ी या भैंस (1982), आओ बच्चों नाटक लिखें (1988), सतखंडी हवेली का मालिक (1990), फूलों की घाटी (1997), बाल दिवस की रेल (1997), सात भाई चंपा (1998), इकलौता लाल (2001), साझा (2001), सोमू का जन्मदिन (2001), शांति निकेतन के संत का बचपन (2001), त्रिलोक विजय (2001) अनुवाद : बिसाती (1935 – मोपासाँ की कहानियाँ), प्रेम की प्यास (1937 – गुस्ताव फ्लाबेर के उपन्यास ‘मादाम बोवरी’ का संक्षिप्त भावानुवाद), काला पुरोहित (1939 – एंटन चेखव की कहानियाँ), आँखों देखा गदर (1948 – विष्णु भट्ट गोडसे की मराठी पुस्तक ‘माझा प्रवास’ का अनुवाद), 5. दो फक्कड़ (1955 – कन्हैयालाल माणिकलाल मुन्शी की तीन गुजराती नाटक), सारस्वत (1956 – मामा वरेरकर के मराठी नाटक का अनुवाद) संपादन : सुनीति (1934), सिनेमा समाचार (1935-36), अल्लाह दे (20 दिसंबर, 1937 से 3 जनवरी 1938, साप्ताहिक), चकल्लस (फरवरी, 1938 से 3 अक्टूबर, 1938, साप्ताहिक), नया साहित्य (1945), सनीचर (1949), प्रसाद (1953-54)।
सम्मान : ‘बूँद और समुद्र’ पर काशी नागरी प्रचारिणी सभा का विक्रम संवत 2015 से 2018 तक का बटुक प्रसाद पुरस्कार एवं सुधाकर पदक, ‘सुहाग के नूपुर’ पर उत्तरप्रदेश शासन का 1962-63 का प्रेमचंद पुरस्कार, ‘अमृत और विष’ पर 1970 का सेवियत लैंड नेहरू पुरस्कार, 1967 का ‘अमृत और विष’ पर साहित्य अकादेमी पुरस्कार, ‘मानस का हंस’ पर मध्य प्रदेश शासन साहित्य परिषद का 1972 का अखिल भारतीय वीरसिंह देव पुरस्कार, ‘मानस का हंस’ पर उत्तर प्रदेश शासन का 1973-74 का राज्य साहित्यिक पुरस्कार, हिंदी रंगमंच की विशिष्ट सेवा हेतु 1970-71 का उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, ‘खंजन नयन’ पर भारतीय भाषा, कलकत्ता (कोलकाता) का 1984 का नथमल भुवालका पुरस्कार, 1985 का उ.प्र. हिंदी संस्थान का सर्वोच्च भारत भारती सम्मान (22 दिसंबर, 1989 को प्रदत्त), हिंदी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग द्वारा साहित्य वाचस्पति उपाधि से विभूषित। 23 फरवरी, 1990 को लखनऊ में उनका निधन हो गया था ।एजेन्सी