आज ही के दिन टकसाल में बना था 1 रुपये का पहला सिक्का। साल 1757 में 19 अगस्त को ईस्ट इंडिया कंपनी ने कलकत्ता अब कोलकाता में रुपये का पहला सिक्का बनाया था और कंपनी द्वारा बनाए गए पहले सिक्के को बंगाल के मुगल प्रांत में चलाया गया। बंगाल के नवाब के साथ एक संधि के तहत ईस्ट इंडिया कंपनी ने 1757 में यह टकसाल बनाई थी।
प्लासी का युद्ध जीतने के बाद अंग्रेजों ने बंगाल के नवाब के साथ संधि की थी और इससे उन्हें बंगाल और बिहार में कमाई करने का अधिकार मिल गया था। इसके साथ ही उन्हें सिक्के बनाने का अधिकार मिला। इस तरह ईस्ट इंडिया कंपनी ने सबसे पहले कलकत्ता अब कोलकाता में टकसाल की नींव रखी। 1757 में एक पुराने किले में यह टकसाल स्थापित की गई।
ईस्ट इंडिया कंपनी ने इससे पहले सूरत, बॉम्बे और अहमदाबाद में भी टकसाल की स्थापना की थी लेकिन एक रुपये का पहला सिक्का कलकत्ता अब कोलकाता की टकसाल से ही निकला था। पूरे देश में अलग-अलग सिक्के प्रचलन में होने की वजह से व्यापार में दिक्कतें आती थी। व्यापार में आने वाली दिक्कतों को देखते हुए 1835 में यूनिफॉर्म कॉइनेज एक्ट पारित किया गया जिसके बाद पूरे देश में एक जैसे सिक्के जारी किए जाने लगे। उस समय चलने वाले सिक्कों के अगले भाग में ब्रिटिश शासकों या महारानियों की तस्वीर होती थी। इनमें से महारानी बिक्टोरिया की तस्वीर सबसे प्रमुख थी। 1947 में देश को अंग्रेजी शासन से आजादी मिलने के बाद भी 1950 तक ब्रिटिश काल के सिक्कों का चल रहा। भारत का पहला सिक्का 1950 में ढाला गया। इसके बाद 1962 में एक रुपये का सिक्का चलन में आया जो आज तक बाजारों में चल रहा है। एजेन्सी