पूर्णिमा तिथि 8 अक्टूबर, शनिवार की रात 2:24 बजे शुरू हो गई है. इस तरह रविवार को पूर्णिमा का मान पूरा दिन रहेगा और पूरे दिन स्नान-दान किया जा सकेगा. 9 अक्टूबर को ही शरद पूर्णिमा या कोजागिरि का व्रत रखा जाएगा और पूरे दिन पूजा का मुहूर्त रहेगा। शरद पूर्णिमा पर इस बार ग्रहों का बेहद शुभ योग बन रहा है। ज्योतिष के अनुसार आज चंद्रमा और बृहस्पति मीन राशि में रहकर गजकेसरी योग बना रहे हैं।बुध और सूर्य मिलकर बुधादित्य और बुध और शुक्र मिलकर लक्ष्मी नारायण योग का निर्माण कर रहे हैं। साथ ही बुध भद्र नामक पंच महापुरुष, बृहस्पति हंस नामक पंच महापुरुष योग और शनिदेव श्राद्ध नाम पंच महापुरुष योग का निर्माण कर रहे हैं।
शरद पूर्णिमा, जिसे कोजागरी पूर्णिमा या रास पूर्णिमा भी कहते हैं; हिन्दू पंचांग के अनुसार आश्विन मास की पूर्णिमाको कहते हैं। ज्योतिष के अनुसार, पूरे साल में केवल इसी दिन चन्द्रमा सोलह कलाओं से परिपूर्ण होता है। हिन्दू धर्म में इस दिन कोजागर व्रत माना गया है। इसी को कौमुदी व्रत भी कहते हैं। इसी दिन श्रीकृष्ण ने महारास रचाया था। मान्यता है इस रात्रि को चन्द्रमा की किरणों से अमृत झड़ता है। तभी इस दिन उत्तर भारत में खीर बनाकर रात भर चाँदनी में रखने का विधान है।
शरद पूर्णिमा काफी महत्वपूर्ण तिथि है, इसी तिथि से शरद ऋतु का आरम्भ होता है। इस दिन चन्द्रमा संपूर्ण और सोलह कलाओं से युक्त होता है। इस दिन चन्द्रमा से अमृत की वर्षा होती है जो धन, प्रेम और सेहत तीनों देती है। प्रेम और कलाओं से परिपूर्ण होने के कारण कृष्ण ने इसी दिन महारास रचाया था। इस दिन विशेष प्रयोग करके बेहतरीन सेहत, अपार प्रेम और खूब सारा धन पाया जा सकता है
व्रत विधि
पूर्णिमा के दिन सुबह इष्ट देव का पूजन करना चाहिए। इन्द्र और महालक्ष्मी जी का पूजन करके घी के दीपक जलाकर उसकी गन्ध पुष्प आदि से पूजा करनी चाहिए।ब्राह्मणों को खीर का भोजन कराना चाहिए और उन्हें दान दक्षिणा प्रदान करनी चाहिए।लक्ष्मी प्राप्ति के लिए इस व्रत को विशेष रुप से किया जाता है। इस दिन जागरण करने वालों की धन-संपत्ति में वृद्धि होती है।रात को चन्द्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही भोजन करना चाहिए।मंदिर में खीर आदि दान करने का विधि-विधान है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन चांद की चांदनी से अमृत बरसता है।
शरद पूर्णिमा पर पूजा करने से होता है लाभ
शरद पूर्णिमा की रात जब चारों तरफ चांद की रोशनी बिखरती है उस समय मां लक्ष्मी की पूरा करने आपको धन का लाभ होगा।
मां लक्ष्मी को सुपारी बहुत पसंद है। सुपारी का इस्तेमाल पूजा में करें। पूजा के बाद सुपारी पर लाल धागा लपेटकर उसको अक्षत, कुमकुम, पुष्प आदि से पूजन करके उसे तिजोरी में रखने से आपको धन की कभी कमी नहीं होगी।
शरद पूर्णिमा की रात भगवान शिव को खीर का भोग लगाएं। खीर को पूर्णिमा वाली रात छत पर रखें। भोग लगाने के बाद उस खीर का प्रसाद ग्रहण करें। उस उपाय से भी आपको कभी पैसे की कमी नहीं होगी।
शरद पूर्णिमा की रात को हनुमान जी के सामने चौमुखा दीपक जलाएं। इससे आपके घर में सुख शांति बनी रहे।