पुण्य तिथि पर विशेष।
एजेन्सी। प्रिंसिली स्टेट के नागौर जिले के छोटी खाटू ग्राम में बस्तीमल जोशी, यशोदा देवी (अब स्व.) के घर पर 27 मार्च 1936 को बनवारी लाल जोशी का जन्म हुआ था । प्रारंभिक शिक्षा पूरी कर स्कॉटिश चर्च कॉलेज, कलकत्ता से स्नातक की उपाधि ली थी। कलकत्ता विशविधालय के यूनिवर्सिटी लॉ कॉलेज से कानून पढ़ते हुए पुलिस सेवा में चयनित हो जाने पर पुलिस से आपने अपना केरियर शुरू किया था । 1962 में श्री जोशी का चयन भारत सरकार के गृह मंत्रालय में हो गया जहाँ इन्हें इंटरपोल, जालसाजी के मामलात, नारकोटिक्स, औद्योगिक सुरक्षा, संयुक्त राष्ट्र सुधारक कार्य और बाल अपराध के विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करने का अवसर मिला । लम्बे सेवाकाल में श्री जोशी अनेको प्रशासनिक ओहदों पर कार्यरत रहे जिनमे तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री एवं श्रीमती इंदिरा गाँधी के साथ आपने प्रधानमंत्री कार्यालय को अपनी विशिष्ठ सेवाए दी । विदेश मंत्रालय में कार्यरत रहकर श्री जोशी ने इस्लामाबाद (पाकिस्तान) एवं लन्दन (इंग्लैंड) के भारतीय उच्चायोग में प्रथम सचिव के पद की ज़िम्मेवारी निभाई और वाशिंगटन डीसी (अमेरिका) में भारतीय राज. दूतावास में चांसरी के प्रमुख के रूप में चार वर्षो तक अपनी सेवाए दी । प्रारंभ से ही गंभीर और स्वच्छ छवि के कारण श्री जोशी ने हर पद पर सम्मान एवं प्रसंशा ही अर्जित की। 1991 में भारतीय पुलिस सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर इन्होने पूरा समय समाज सेवा को समर्पित कर दिया।
1993 में श्री जोशी ने अमेरिका का रुख किया और वहाँ उन्होंने दो अमेरिकी सॉफ्टवेर कंपनीयो में काम किया और कैलिफ़ोर्निया के एक एनजीओ में कार्यकारी निदेशक के रूप में कार्य करते हुए अनेको योग्य एवं जरूरतमंद भारतीय प्रतिभाओ की स्कालरशिप के माध्यम से मदद की। मार्च 2000 में वापसी के बाद आपको राजस्थान राज्य मानवाधिकार आयोग के सदस्य का कार्यभार सोंपा गया जो पद उच्च न्यायलय के न्यायधीश के समकक्ष होता है । इस गरिमामय पद पर इन्होने चार वर्ष तक अपनी सेवाए देश को दी ।
आपको 9 जून 2004 में दिल्ली के 18वे लेफ्टिनेंट गवर्नर का महत्वपूर्ण कार्यभार सोंपा गया। अप्रेल 2007 में आपको मेघालय एवं बाद में उत्तराखण्ड के राज्यपाल की महती ज़िम्मेवारी सोंपी गई। 28 जुलाई 2009 को आपने भारत के सबसे बड़े राज्य उत्तर-प्रदेश के राज्यपाल पद की शपथ ग्रहण की । राज्यपाल रहते हुए हर प्रदेश में श्री जोशी ने अपनी कार्यक्षमता एवं कार्यकुशलता की छाप छोड़ी । 17 जून 2014 को उत्तर प्रदेश के राज्यपाल पद से स्वेच्छा से इस्तीफा देकर पुन: समाज की सेवा में लग गए थे । 22 दिसंबर, 2017 को नई दिल्ली में बीमारी के चलते चलत्येन पूर्व राज्यपाल बनवारी लाल जोशी का निधन हो गया था । वह 82 वर्ष के थे।