पुण्य तिथि पर विशेष। यशपाल का जन्म 3 दिसंबर, 1903 को फिरोजपुर छावनी (पंजाब) में हुआ था। उनके पूर्वज काँगड़ा जिले के निवासी थे। यशपाल जी को अनेक पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। 1955 में रीवा सरकार द्वारा ‘देव पुरस्कार’, 1970 में सोवियत लैंड पुरस्कार. 1971 में मंगला प्रसाद पारितोषिक’ तथा भारत सरकार ने ‘पद्मभूषण’ की उपाधि से सम्मानित किया।
इन्हें पढ़ने-लिखने के लिए गुरुकुल कांगड़ी भेज दिया गया। गुरुकुल के वातावरण ने उन्हें अंग्रेजी शासन का विरोधी बना दिया। इसके बाद वे लाहौर के डी. ए. वी. स्कूल में पढ़ने लगे। यहाँ उन पर आर्य समाज का प्रभाव पड़ने लगा। 1921 में मैट्रिक को परीक्षा उत्तीर्ण करने के पश्चात् असहयोग आंदोलन में शामिल हो गए।
1922 में इनका परिचय भगतसिंह और सुखदेव से हुआ। अब इन पर मार्क्सवाद और मनोविश्लेषणवाद का प्रभाव पड़ने लगा। मार्क्सवाद को अपना प्रेरणा स्रोत बनाने वाली विचारधारा कथा साहित्य में प्रेमचंद की परंपरा का ही विकास था। 1926 में यशपाल क्रांतिकारी बन गए। 1929 में उन्होंने वायसराय को गाड़ी के नीचे बम विस्फोट का दुस्साहसी कार्य किया, लेकिन सफलता नहीं मिली। 1912 में पुलिस से मुठभेड़ हो जाने पर यशफल को गिरफ्तार कर लिया गया और 14 वर्ष की सजा काटी। 1936 में जेल में ही प्रकाशवती के साथ इनका विवाह सम्पन्न हुआ। 1938 में जेल से मुक्त होने पर इन्होंने ‘विप्लव’ मासिक पत्र निकाला। ‘बागी’ नाम से उर्दू संस्करण भी निकलने लगा।
चन्द्रशेखर आज़ाद के शहीद हो जाने पर वे ‘हिन्दुस्तानी समाजवादी प्रजातंत्र’ के कमाण्डर नियुक्त हुए। इसी समय दिल्ली और लाहौर में दिल्ली तथा लाहौर षड्यंत्र के मुक़दमें चलते रहे। यशपाल इन मुक़दमों के प्रधान अभियुक्तों में थे। पर ये फ़रार थे और पुलिस के हाथ में नहीं आ पाये थे। 1932 में पुलिस से मुठभेड़ हो जाने पर गोलियों का भरपूर आदान-प्रदान करने के अनन्तर, ये गिरफ़्तार हो गये। उन्हें 14 वर्ष की सख़्त सज़ा हुई।1938 में संयुक्त प्रान्त अब उत्तर प्रदेश में जब कांग्रेस मंत्रिमण्डल बना तो अन्य राजनीतिक बन्दियों के साथ इनको भी मुक्त कर दिया गया।
यशपाल जी का राजनीतिक तथा अध्ययन-अध्यापन का कार्य साथ-साथ चलता रहा। जल-जीवन में उन्होंने खूब अध्ययन किया। बंगला, फ्रेंच रूसी इटैलियन भाषाओं का इन्होंने खूब अध्ययन किया। जेल से रिहा होने के बाद उन्होंने कुछ कहानियों के संग्रह ‘पिंजड़े की उड़ान’ और वो दुनिया’ शीर्षक से प्रकाशित किए। 26 दिसम्बर 1976 में उनकी मृत्यु हो गई थी । एजेन्सी।