उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में लालबाग क्रिश्चियन एजुकेशनल सोसाइटी के अंतर्गत लगभग 150 सालों से एक विद्यालय संचालित किया जा रहा है, जिसका नाम है लालबाग गर्ल्स इंटर कॉलेज, इस विद्यालय की अपनी साख है, यह सरकारी वित्तीय सहायता प्राप्त विद्यालय है। इस विद्यालय के विज्ञान भवन को तत्कालीन प्रधानाचार्य ने बिना किसी अनुमति के अपने करीबियों को पटटे (लीज़) पर दे दिया, जहाँ शिक्षा माफिया लालबाग ईसाबेला थार्रबन स्कूल का संचालन कर रहे है। हाल ही में सेंटिनियल इण्टर कालेज पर कब्ज़ा कर यहीं गिरोह फर्जी स्कूल का संचालन कर रहा था जिसको योगी सरकार ने बंद करा दिया, ऐसे में लालबाग इसाबेला थार्रबन स्कूल के छात्रो का भविष्य अधर में दिख रहा है । लालबाग क्रिश्चियन एजुकेशनल सोसाईटी में बड़ा भ्रष्टाचार्य उजागर हो रहा है, ईसाई संस्थान कि जमीनों पर चंद जालसाजों की मिलीभगत से भू-माफिया, शिक्षा माफिया कब्ज़ा कर रहे है । लालबाग गर्ल्स इंटर कालेज की प्रधानाचार्य रहते समय अणिमा रिसाल सिंह ने साल 2020 और साल 2021 में संस्थान की जमीनों को लीज पर दे दिया, बकायदा ऐसा करने के लिये उन्होंने प्रबंधक मंजू सनी प्रसाद को भी भरोसे में ले लिया, लेकिन उत्तरप्रदेश शिक्षा अधिनियम 1974 के अनुसार किसी भी अल्पसंख्यक क्रिश्चियन संस्थान की जमीन बिना कोई ठोस कारण के साथ साथ निदेशक माध्यमिक शिक्षा विभाग की पूर्वानुमति के बिना लीज पर नहीं दी जा सकती है, ऐसा करना अपराध की श्रेणी में आता है ।
यह सारा खेल इसलिए खेला गया क्योंकि प्रधानाचार्य महोदया अपने पति अजय रिसाल सिंह, बेटे अक्षय रिसाल सिंह का भविष्य सुधारना चाहती थी, लीज पर दी गयी जमीन पर जिस लालबाग इसाबेला थोर्बन स्कूल का संचालन हो रहा है उसका प्रबंधक कोई और नहीं बल्कि अक्षय रिसाल सिंह है और सोसाइटी के अध्यक्ष पद पर अजय रिसाल सिंह है, जो तत्कालीन प्रधानाचार्य अणिमा रिसाल सिंह के पारिवारिक सदस्य है । यही नहीं इस गिरोह के अन्य सदस्य भी इस अपराधिक षंडयंत्र में बराबर के हिस्सेदार है, इन सभी पर कोतवाली वजीरगंज में कई मुक़दमे दर्ज हैं, ये मुक़दमे सेंटिनियल इण्टर कालेज पर कब्ज़ा करने को लेकर दर्ज कराये गये थे ।
इस भ्रष्टाचार की नीव पड़ती है लाभ के दो पदों पर बैठने से तत्कालीन प्रधानाचार्य अणिमा रिसाल सिंह, द लखनऊ क्रिशचियन कालेज सोसाईटी में प्रबंधक के पद पर भी विराजमान हो गई, दो ईसाई समुदाय के शिक्षण संस्थान पर अपनी पैठ जमा चुकी महोदया ने अब अपने पारिवारिक सदस्यों और गिरोह के लोगो को समायोजित करने का फैसला लिया, ऐसे में शिक्षा माफिया से मिलकर एक संस्था बनायीं गयी, जिसका नाम है लालबाग इजाबेला थोर्बन पब्लिक स्कूल सोसाईटी, इस सोसाईटी में प्रधानाचार्य महोदया के बेटे और पति के साथ शिक्षा माफिया का भी परिवार ऐडजस्ट किया गया यही से शुरू हुआ ज़मीनो पर अवैध लीज देने का षड्यंत्र, इसी क्रम में दो स्कूलो का उदय हुआ पहला था मेथोडिष्ट चर्च स्कूल जो सरकारी सहायता प्राप्त सेंटिनियल इंटर कालेज की बिल्डिंग पर शुरू किया गया जिसको सरकार ने समय रहते कब्ज़ा मुक्त करा दिया लेकिन दूसरा लालबाग इजाबेला थोर्बन स्कूल अवैध लीज के साये में छात्रों के भविष्य के साथ खेल रहा है, शिकायत सरकार के दरबार में पहुँच चुकी है कार्यवाही भी होना तय है लेकिन समय रहते वहाँ पढ़ रहे छात्र और उनके अभिभावक नहीं चेतें तो खुद को ठगा महसूस करेंगे ।