मुबारक साल गिरह
एजेन्सी। नरी कॉन्ट्रेक्टर का जन्म 7 मार्च 1934 को गोधरा में हुआ था। वह शुरुआत से ही क्रिकेट के दीवाने थे और उन्होंने भारत के लिए 1955 में पहला टेस्ट मैच खेला, जो न्यूजीलैंड के साथ खेला गया। 1958-59 में वेस्टइंडीज के खिलाफ 92 की पारी से वे सुर्खियों में आए। 1959 में इंग्लैंड दौरे से भी कॉन्ट्रेक्टर ने छाप छोड़ी। भारतीय टीम के पूर्व कप्तान नरी कॉन्ट्रैक्टर के साथ 61 साल पहले क्रिकेट के मैदान पर हादसा हो गया था। वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट मैच के दौरान तेज गेंदबाज चार्ली ग्रिफ़िथ की खतरनाक बाउंसर नरी कॉन्ट्रेक्टर के सिर पर लग गई थी। उन्हें तुरंत ही मैदान से बाहर ले जाना पड़ा था। गेंदबाज ग्रिफ़िथ की वह खतरनाक बाउंसर कॉन्ट्रैक्टर के सिर के पिछले हिस्से पर लगी, उन्हें रिटायर हर्ट होना पड़ा था। वह हादसा इतना भयंकर था कि नरी कॉन्ट्रैक्टर के सिर की सर्जरी की गई और ऑपरेशन कर उनके सिर में प्लेट डाली गई। सिर पर गेंद लगने के बाद नरी कॉन्ट्रैक्टर 6 दिनों तक बेहोश रहे थे। उनका काफी सारा खून बह गया था, ऐसे में भारतीय खिलाड़ियों के अलावा कैरेबियाई कप्तान ने भी उन्हें अपना खून दिया था जिससे उनका जिन्दगी बच सके। कॉन्ट्रैक्टर ठीक जरूर हो गए लेकिन उनके करियर का यह आखिरी टेस्ट मैच साबित हुआ था। 60 साल के बाद डॉक्टरों के सुझाव पर नारी कॉन्ट्रैक्टर के सिर पर लगा हुआ प्लेट अब ऑपरेशन कर निकाल दिया गया था।
1962 के दौरे पर यह घटना घटी थी. जब बारबाडोस के तेज गेंदबाज की बाउंसर उनको सिर पर जा लगी थी। इंग्लैंड के 1959 दौरे पर लॉर्ड्स टेस्ट मैच के दौरान नरी कॉन्ट्रेक्टर की पसलियां टूट गई थी, लेकिन इसके बाद भी उन्होंने बल्लेबाजी की और शानदार 81 रन बनाए थे।
नरी कॉन्ट्रेक्टर ने अपने करियर में 31 टेस्ट मैच खेले और इस दौरान 1611 रन बनाने में सफल रहे थे। टेस्ट करियर में कॉन्ट्रैक्टर ने 1 शतक भी जमाया था।