पुण्य तिथि पर विशेष। रुस्तमजी होमुसजी मोदी उर्फ़ ‘रूसी मोदी’ टाटा समूह के शीर्ष सदस्य थे। वे एयर इंडिया और तत्कालीन इंडियन एयरलाइंस के पूर्व संयुक्त अध्यक्ष और टाटा स्टील के सीएमडी थे। रूसी मोदी 1939 में तत्कालीन टेस्को कंपनी में दैनिक वेतन भोगी के तौर पर प्रशिक्षु के रूप में जुड़े थे। तब उन्हें 50 पैसे दैनिक वेतन मिलता था। धीरे-धीरे वे कंपनी के लिए काम करते गए और 1993 में टाटा स्टील के अध्यक्ष नियुक्त किये गए। इन्होंने जमशेदपुर को इस्पात नगरी बनाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
रूसी मोदी का जन्म 17 जनवरी , 1918 को बम्बई प्रेसीडेंसी (ब्रिटिश कालीन भारत) में पारसी परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम सर होमी मोदी था और माता लेडी जेराबाई थीं। इनके दो भाई थे। रूसी मोदी का विवाह सिलु मुगासेठ से हुआ था। इनकी कोई संतान नहीं थी। रूसी मोदी की प्रारम्भिक शिक्षा भारत में ही हुई थी। हालाँकि आगे की शिक्षा पूरी करने के लिए उन्हें विदेश भेज दिया गया था। उन्होंने लंदन के हैरो स्कूल से शिक्षा पाई और फिर वहीं के क्राइस्ट चर्च कॉलेज, ऑक्सफ़ोर्ड से अपनी स्नातक की शिक्षा पूर्ण की ।रूसी मोदी को इंग्लैंड के ‘ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय’ में पढ़ाई के दौरान महान् वैज्ञानिक आइंसटीन के साथ भी वक्त बिताने का मौका मिला था।
रुसी मोदी के पिता Sir Hormasji Pherozshah Modi (सर होमी मोदी ) संयुक्त प्रांत (अब उत्तर प्रदेश ) के अंतिम राज्यपाल रहे व 26 जनवरी 1950 को उत्तर प्रदेश के पहले राज्यपाल नियुक्त हुए थे।
अपनी शिक्षा पूर्ण करने के बाद 1939 में रूसी मोदी भारत वापस लौट आये और फिर ‘टिस्को कम्पनी’ में ऑफ़िस असिस्टेंट के रूप में दैनिक वेतन भोगी के तौर पर एक प्रशिक्षु के रूप में काम करना शुरू किया। उस समय उन्हें पचास पैसे दैनिक वेतन मिलता था। वे अपनी मेहनत और लगन के साथ कम्पनी के लिए कार्य करते रहे।
इसके बाद अपनी कठोर मेहनत के बल पर रूसी मोदी 1953 में कंपनी के कार्मिक निदेशक बने और 1965 में कच्चे माल के निदेशक बने। 1970 में वह संचालन निदेशक नियुक्त किए गए और 1972 में संयुक्त प्रबंध निदेशक बन गए। दो वर्ष बाद ही वह प्रबंध निदेशक बन गए और 1984 में कंपनी के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक बने। नौ वर्ष तक टाटा स्टील का नेतृत्व करने के बाद टाटा ग्रुप के चेयरमैन रतन टाटा के साथ कथित विवाद के कारण उन्हें 1993 में टिस्को से बाहर होना पड़ा।
टिस्को से सेवानिवृति के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री पी. वी. नरसिंह राव ने रूसी मोदी को एयर इंडिया और पूववर्ती इंडियन एयरलाइंस का संयुक्त अध्यक्ष नियुक्त किया। ‘भारत सरकार’ ने उनकी उपलब्धियों को देखते हुए उन्हें 1989 में ‘पद्मभूषण’ पुरस्कार से नवाजा। काम से सेवानिवृत्त के बाद उन्होंने कोलकाता में अपना घर बना लिया। रूसी मोदी टाटा स्टील में तीन दशकों तक बेताज बादशाह थे। मैनेजमेंट गुरू रूसी मोदी को भारत के स्टील मैन की उपाधि से भी सम्मानित किया गया था।
रूसी मोदी टाटा स्टील के कर्मचारियों के अतिरिक्त जमशेदपुर की जनता को भी बहुत प्रिय थे। उनमें हमेशा यहां के लोगों के बीच रहने की ललक रहती थी। एक बार उन्होंने जयराम यूथ क्लब का अध्यक्ष होने के नाते आदित्यपुर दुर्गा पूजा पंडाल का उद्घाटन करने का आग्रह किया तो सहर्ष तैयार हो गए थे। वह जब पंडाल का उद्घाटन करने पहुंचे तो उन्हें देखने के लिए इतनी भीड़ उमड़ी कि कई लोग रूसी मोदी को देखने से वंचित रह गए।
रूसी मोदी ने 1998 में जमशेदपुर लोकसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव भी लड़ा था। इस लोकसभा चुनाव में वे दूसरे स्थान पर रहे थे। उन्हें लगभग दो लाख वोट मिले थे, लेकिन वे 97,000 मतों से हार गए थे। खेल में रुचि रखने वाले रूसी मोदी ने जमशेदपुर में 1987 में ‘टाटा फुटबाल एकेडमी’ की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
अधिक उम्र के बावजूद जब तक रूसी मोदी ने बिस्तर नहीं पकड़ा, तब तक वह सार्वजनिक रूप से सक्रिय जीवन व्यतीत करते रहे। दक्षिण कोलकाता के अलीपुर स्थित अपने आवास पर उन्होंने 16 मई, 2014 को अंतिम सांस ली। वह 97 वर्ष के थे। अधिक उम्र होने के कारण वह शारीरिक रूप से लाचार हो गये थे।एजेन्सी।