रामविलास पासवान की आज जयन्ती है । रामविलास पासवान उन नेताओं में माने जाते हैं जो राजनीतिक हवा का रुख वक्त रहते भाँप लेते हैं। माना जाता है कि रामविलास पासवान समय रहते ही उस दल के साथ हो लेते हैं जो सत्ता में रहने वाला है। रामविलास पासवान उन अलबेले नेताओं में हैं जो छह प्रधानमंत्रियों के कैबिनेट में मंत्री रह चुके हैं। पाँच जुलाई 1946 को खगड़िया जिले में जन्मे थे रामविलास पासवान।
मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाले यूपीए सरकार में भी केंद्रीय मंत्री रहे तो नरेंद्र मोदी कैबिनेट में भी शामिल हैं। रामविलास पासवान विश्वनाथ प्रताप सिंह सरकार में भी केंद्रीय मंत्री रहे। 1990 के दशक में जब एचडी देवगौड़ा और इंद्र कुमार गुजराल के नेतृत्व में अल्पायु खिचड़ी सरकारें बनीं तो रामविलास पासवान दोनों की ही सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे। रामविलास पासवान भारतीय जनता पार्टी के राजनीतिक भविष्य को भांपने में भी काफी हद तक सफल रहे। इसीलिए जब अटल बिहारी वाजपेयी तीसरी बार प्रधानमंत्री बने तो उनके मंत्रिमंडल में रामविलास पासवान भी शामिल थे।
रामविलास पासवान का निर्णायक राजनीतिक करियर 1969 में तब शुरू हुआ जब वो संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर विधायक बनकर बिहार विधान सभा में पहुँचे। 1974 में जब लोक दल बना तो रामविलास पासवान उसके हो लिए। इस नई पार्टी के रामविलास पासवान महासचिव बनाए गये। रामविलास पासवान ने तमाम समाजवादी नेताओं की तरह इंदिरा गांधी सरकार द्वारा लगाए गए आपातकाल का विरोध किया और गिरफ्तार भी हुए।
1977 में रामविलास पासवान नवगठित जनता पार्टी के टिकट पर बिहार के हाजीपुर से लोक सभा चुनाव लड़े और जीते। हाजीपुर से वो 1980, 1984, 1989, 1996 और 1998 में लोक सभा चुनाव जीते। 2000 में रामविलास पासवान ने अपनी नई पार्टी बना ली और उसका नाम रखा लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी)। 2004 का लोक सभा जीतकर वो संसद पहुंचे और मनमोहन सिंह की यूपीए-1 सरकार में केंद्रीय मंत्री बने। करीब तीन दशकों तक चुनाव जीतने के बाद पासवान को 2009 के लोक सभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा।
2010 से 2014 तक रामविलास पासवान राज्य सभा सांसद रहे। 2014 के आम चुनाव में उन्होंने हाजीपुर संसदीय सीट से जीत हासिल की और नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री बने। 2014 के लोक सभा चुनाव में रामविलास पासवान को उस समय काफी असहज स्थिति का सामना करना पड़ा जब उनके एक प्रतिद्वंद्वी ने उन पर चुनाव आयोग को दिए गये हलफनामे में जानकारी छिपाने का आरोप लगाते हुए अदालत से रामविलास पासवान की उम्मीदवारी रद्द करने की माँग की। रामविलास पासवान पर चुनावी हलफनामे में अपनी पहली पत्नी राजकुमारी देवी के बारे में जानकारी छिपाने का आरोप था। मामला सामने आने पर रामविलास पासवान ने खुलासा किया कि उन्होंने अपनी पहली पत्नी राजकुमारी देवी को 1981 में ही तलाक दे दिया था।
रामविलास पासवान ने 1983 में एयरहोस्टेस रीना शर्मा से दूसरी शादी की थी। रामविलास पासवान और रीना की दो संतानें हैं। रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान ने फिल्मी दुनिया में अपनी किस्मत आजमायी लेकिन विफल रहे। अब वो पिता के साथ राजनीति में हाथ आजमा रहे हैं। चिराग पासवान जमुई संसदीय सीट से लोक सभा सांसद हैं।केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान का 74 साल की उम्र में 8 अक्टूबर 2020 को दिल्ली में निधन हो गया था । एजेन्सी