पुण्य तिथि पर विशेष। संजोग वॉल्टर। पांच दशक के करियर में रीता भादुड़ी कोई मेरे दिल में है मैं माधुरी दीक्षित बनना चाहती हूँ मुलाकात दिल विल प्यार व्यार कितने दूर कितने पास क्या कहना होते होते प्यार हो गया जाने जिगर तमन्ना विरासत हीरो नम्बर वन राजा डाँस पार्टी आतंक ही आतंक स्टंटमैन रंग इंसानियत के देवता कभी हाँ कभी ना अंत आशिक आवारा दलाल गेम तिलक युद्धपथ बेटा आई मिलन की रात लव नया खून नेहरू घर हो तो ऐसा घर में राम गली में श्याम दिलजला मैं बलवान नास्तिक चलती का नाम ज़िन्दगी बेज़ुबान उन्नीस बीस ख़ंजर गहराई सावन को आने दो राधा और सीता विश्वनाथ खून की पुकार रानी कुलवधू दिन अमादेर बंगाली फ़िल्म अनुरोध जूली काम कर चुकी हैं। उन्होंने गुजराती फिल्मों में भी काम किया है। 70 से ज्यादा फिल्मों में उन्होंने अहम किरदार निभाया। वह टीवी इंडस्ट्री में काफी चर्चित रहीं और 30 से ज्यादा सीरियल से जुड़ीं। ‘साराभाई वर्सेज साराभाई’, ‘एक नई पहचान’, ‘कुमकुम’, ‘अमानत’ टीवी शोज में उन्होंने मां या दादी मां का किरदार निभाया। स्टार भारत के शो ‘निमकी मुखिया’ में रीता इमरती देवी का कैरेक्टर प्ले कर रही थीं। फ़िल्म और टीवी की चर्चित अभिनेत्री रीता भादुड़ी का निधन 17 जुलाई, 2018 को मुम्बई,में हुआ। वह 62 साल की थीं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उनकी दोनों किडनी काफी कमजोर हो गयी थीं और लंबे समय से वह हर दूसरे दिन डायलिसिस के लिए जाया करती थीं। अपने अंतिम दिनों में रीता जी मुंबई के सुजय अस्पताल के आईसीयू में भर्ती थीं, जहां उनका इलाज चल रहा था।
रीता भादुड़ी को अभिनय विरासत में मिला था । रीता भादुड़ी की माँ चंद्रिमा भादुड़ी भी बीते दौर की अभिनेत्री रही है। जिन्होंने सावन भादों ,रंगा खुश ,चोर मचाये शोर,श्रवण कुमार ,सावन के गीत,आनंद आश्रम,हत्यारा ,त्याग ,चलते चलते,नाच उठे संसार,खुशबु अग्निरेखा ,बाबुल की गलियां,दो बच्चे दस हाथ, गोमती के किनारे ,संजोग ,हलचल ,कंगन,लाल पत्थर ,संसार ,अधिकार,नन्ही कलियाँ ,होली आई रे ,लव कुश शराफत ,छोटा भाई ,रिश्ते नाते ,तीसरा कौन ,ज़िंदगी और मौत ,एक दिन का बादशाह ,नर्तकी ,बंदिनी ,आरती। रीता भादुड़ी इंदौर में जन्मी थीं 4 नवम्बर 1955 को । रीता भादुड़ी ने FTII से डिप्लोमा लिया था,जहाँ उनके साथ ज़रीना बहाब भी थी (गौर तलब है की ज़रीना बहाब की आज साल गिरह भी है )