–कमला कौल दिल्ली के प्रमुख व्यापारी पंड़ित ‘जवाहरलालमल’ और राजपति कौल की बेटी थीं। परंपरागत कश्मीरी ब्राह्मण परिवार में कमला का जन्म 1 अगस्त 1899 को दिल्ली में हुआ था। कमला कौल के दो छोटे भाई और एक छोटी बहन थी जिनके नाम क्रमश:- चंदबहादुर कौल, कैलाशनाथ कौल और स्वरूप काट्जू थी। कमला कौल का सत्रह साल की छोटी सी उम्र में ही विवाह 8 फ़रवरी 1916 को जवाहरलाल नेहरू से हो गया था। उनका पूरा नाम कमला कौल नेहरू था। ब्रिटिश लेखिका कैथरिन प्रैंसक ने अपनी पुस्तक ‘इंदिरा: द लाइफ ऑफ इंदिरा नेहरू गांधी’ में लिखा है कि दिल्ली के परंपरावादी हिंदू ब्राह्मण परिवार से सम्बंध रखने के कारण हिंदू संस्कार कमला नेहरू के चरित्र का प्रमुख हिस्सा थे लेकिन पश्चिमी परिवेश वाले नेहरू ख़ानदान में उन्हें एकदम विपरीत माहौल मिला जिसमें वह खुद को अलग थलग महसूस करती रहीं। उनकी बेटी तथा देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के जीवन पर पुस्तकें लिखने वाले लेखकों ने अपनी पुस्तकों में इस बात का प्रमुखता से उल्लेख किया है कि कमला नेहरू की धार्मिक भावनाओं को नेहरू ख़ानदान में समझा नहीं गया और वह सदैव उस परिवार में खुद को अजनबी महसूस करती रहीं। इतना सब होने पर भी कमला नेहरू ने स्वतंत्रता संग्राम में अपने पति जवाहरलाल नेहरू का कंधे से कंधा मिलाकर साथ दिया। नेहरू के राष्ट्रीय आंदोलन में कूदने पर कमला नेहरू को भी अपनी क्षमता दिखाने का अवसर मिला।
विवाह पश्चात नेहरु दंपत्ति की पहली संतान इंदिरा ने 17 नवम्बर 1917 को जन्म लिया। कमला नेहरू ने नवम्बर 1924 में पुत्र को भी जन्म दिया परन्तु वो कुछ दिन ही जीवित रहा।विवाह पश्चात कमला नेहरु को स्वाधीनता संग्राम को समझने और नजदीकी से देखने का मौका मिला क्योंकि उनके पति जवाहरलाल और ससुर मोतीलाल दोनों ही आन्दोलन में सक्रीय थे। जब तक वो जीवित रहीं अपने पति जवाहरलाल नेहरू का कंधे से कंधा मिलाकर साथ दिया। 1921 के असहयोग आंदोलन के साथ वो स्वाधीनता आन्दोलन में कूदीं। इस आन्दोलन के दौरान उन्होंने इलाहाबाद में महिलाओं का एक समूह गठित किया और विदेशी वस्त्र तथा शराब की बिक्री करने वाली दुकानों का घेराव किया। उनके अन्दर गज़ब का आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता थी जिसका परिचय उन्होंने आजादी की लड़ाई के दौरान कई बार दिया। एक बार जब जवाहरलाल नेहरु को सरकार विरोधी भाषण देने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया तो कमला नेहरु ने आगे बढ़कर उस भाषण को पूरा किया।
स्वाधीनता आन्दोलन के दौरान अंग्रेजी सरकार ने उनकी गतिविधियों के लिए उन्हें दो बार गिरफ्तार भी किया। जब गाँधी जी ने 1930 के नमक सत्याग्रह के दौरान दांडी यात्रा की तब कमला नेहरु ने भी इस सत्याग्रह में भाग लिया।कमला एक निडर और निष्कपट महिला थीं। वे जवाहरलाल नेहरू के राजनीतिक लक्ष्यों को समझती थीं और उसमें यथाशक्ति मदद भी करती थीं। 1930 में जब कांग्रेस के सभी शीर्ष नेता जेलों में बंद थे तब उन्होंने राजनीति में जमकर रुचि दिखाई। समूचे देश की महिलाएं सड़कों पर उतर पड़ीं थीं और कमला भी इनमें से एक थीं। कमला दिखने में सामान्य थीं, लेकिन कर्मठता के मामले में उनका व्यक्तित्व असाधारण था।आजादी की लड़ाई के दौरान कमला नेहरु बहुत समय तक महात्मा गाँधी के आश्रम में भी रहीं। यहाँ वो गाँधी जी की धर्मपत्नी कस्तूरबा गाँधी के संपर्क में आयीं। इसी दौरान उनकी मित्रता जय प्रकाश नारायण की पत्नी प्रभावती देवी से भी हो गयी थी। जे.पी. उच्च शिक्षा के लिए अमेरिका चले गए थे उस दौरान प्रभावती गाँधी आश्रम में ही रहीं।
कमला नेहरु टी. बी. से पीड़ित थीं और उस समय टी. बी. एक खतरनाक बीमारी मानी जाती थी। उनके इलाज और स्वास्थ्य लाभ के लिए उन्हें स्विट्ज़रलैंड ले जाया गया पर उनकी स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ और धीरे-धीरे उनका स्वास्थ्य गिरता ही गया और 28 फ़रवरी 1936 को स्विटज़रलैंड में कमला नेहरू की बेहद कम उम्र में टीबी से मृत्यु हो गयी। टी. बी. उस समय भयंकर बीमारी मानी जाती थी। उनके पति जवाहरलाल नेहरू उस समय जेल में थे। कमला नेहरु की याद में कई संस्थानों और स्थानों का नाम उनके नाम पर रखा गया है। उनमें मुख्य हैं कमला नेहरु तकनीकी संस्थान, सुल्तानपुर, कमला नेहरु कॉलेज, दिल्ली, कमला नेहरु महिला विद्यालय आदि।