मुबारक साल गिरह।
हिंदी और पंजाबी फिल्मो की बिलोरी आँखों वाली खूबसूरत अभिनेत्री ‘इंद्रा बिल्ली ‘ को हिंदी फिल्मो में छोटी भूमिकाये ही मिली इंदिरा खूबसूरत अभिनेत्री थीं और उनमें नृत्य करने की गजब की क्षमता थी । उनकी पहली हिंदी फिल्म मिलाप (1955) देव आनंद के साथ थी । राज कपूर की फिल्म ‘श्री 420’ में उनका छोटा सा रोल था एक अन्य क्लासिक फिल्म ‘बसंत बहार’ में वह निम्मी और भारत भूषण के साथ थी । उन्होंने 1958 में रिलीज़ हुई दिलीप कुमार की फिल्म’ यहूदी’ में अभिनय किया फिल्म मेरी सूरत तेरी आंखें ’(1963) में, जिसमें सचिन देव बर्मन का संगीत था में इंदिरा बिली ने एक वैंप की भूमिका निभाई थी। ऐतिहासिक सुपरहिट फिल्म ‘जहाँआरा’ (1964) में, इंदिरा ने ‘रोशनारा’ का किरदार निभाया था वह वास्तव में हिंदी फिल्मों में कोई बड़ी भूमिका नहीं निभा सकीं दर्शको ने उन्हें हिंदी फिल्मों में छोटी भूमिकाएं और बी, सी ग्रेड वाली भूमिकाओं में ही अक्सर देखा ……पर । 1960 के दशक के पंजाबी सिनेमा की दुनिया में इंद्रा बिल्ली ‘ने काफी नाम कमाया था पंजाबी फिल्मो यमला जट्ट ,दो लच्छियां (1960 ) बिल्लो (1961 ),जग्गा ,मामा ,सत्त सलियाँ (1964 ) शशि पुन्नू (1965 ) कनका दे ओले, दुप्पटा (1970 ) पटोला (1973 ) में अपनी यादगार भूमिकाओं के लिए उन्हें आज भी याद किया जाता है । इंद्रा ने पंजाबी फिल्मो में खैराती ,रविंदर कपूर, शिव कुमार, जोगिंदर सरमा, कमल कपूर और सुंदर के साथ कई फिल्मों में अभिनय किया है।
उनकी शादी दिल्ली के चांदनी चौंक के मशहूर कुमार टाकीज़ के मालिक शिव कुमार से हुई थी लोग उनके पति को अक्सर गलती से अभिनेता, निर्देशक शिव कुमार समझ लेते है जो सही नहीं है… मूल रूप से उनका नाम इंदिरा कौर था, बिल्लोरी आँखों के कारण ही उनके नाम के साथ ‘बिल्ली’जुड़ गया । फ़िल्म मेरे हुज़ूर में उनके हिस्से में फिरदौस का रोल था। जो #राजकुमार जी इस सम्वाद के कारण आज याद किया जाता है।” #लखनऊ में ऐसी कौन सी फिरदौस है जिसे हम नहीं जानते” ? आज अभिनेत्री इंद्रा बिल्ली जी का जन्म दिन है भगवान उन्हें लंबी आयु प्रदान करे….𝟲 𝗔𝘂𝗴𝘂𝘀𝘁 𝟭𝟵𝟯𝟲-पवन मेहरा-