सतीश कौल हिंदी और पंजाबी फिल्मों के अभिनेता थे। सतीश कौल का जन्म 8 सितंबर, 1948 को कश्मीर, में हुआ था। वह 300 फिल्मों का हिस्सा रहे थे और उन्होंने शाहरुख ख़ान, अमिताभ बच्चन, देव आनंद व दिलीप कुमार दिग्गज अभिनेताओं के साथ काम किया था। उम्र के आखिरी पड़ाव में सतीश कौल तंगहाली से जूझ रहे थे। सतीश कौल ने एक्टिंग स्कूल लुधियाना में शुरू किया था, जिसमें उन्हें काफी घाटा हुआ और बाद में उन्हें इसे बंद करना पड़ा। उनका पारिवारिक जीवन भी कुछ खास अच्छा नहीं रहा था। सतीश की पत्नी ने उन्हें तलाक दे दिया था और अपने बच्चों के साथ वह अमेरिका शिफ्ट हो गईं। सतीश कौल बीते कुछ साल से गुमनामी की जिंदगी जी रहे थे। पहले वह लुधियाना के एक वृद्ध आश्रम में रहते रहे, बीते कुछ साल से उनकी प्रशंसक सत्या देवी ही उनकी देखभाल कर रहीं थीं। दोनों ही एक किराये के घर में रह रहे थे। उनकी आर्थिक हालत इस कदर खराब हो चुकी थी कि 2019 में उन्हें आम लोगों से सहायता मांगने की नौबत आ गई थी। उस समय पंजाब सरकार ने उन्हें पांच लाख रुपये दिए थे।
‘प्यार तो होना ही था’, आंटी नं. 1,जंजीर (1998) याराना (1995) ऐलान (1994) इल्जाम (1986) शिवा का इंसाफ (1985) कसम(1984) ‘कर्मा’, ‘राम लखन’, ‘प्यार तो होना ही था’ । पंजाबी फिल्मों ‘आजादी’, ‘शेरा दे पुत्त शेर’, ‘मौला जट्ट’, ‘गुड्डो’, ‘पटोला’ और ‘पींगा प्यार दीयां’ का हिस्सा रहे।
पीटीसी पंजाबी फिल्म अवॉर्ड्स में सतीश कौल को लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से नवाजा गया था। सतीश कौल अपनी जिंदगी में कुछ सबसे बड़े प्रोजेक्ट्स का हिस्सा रहे हैं। उन्होंने बी. आर. चोपड़ा की महाभारत में काम करने से लेकर सदी के महानायक तक के साथ काम किया था।
वे 2011 में मुंबई छोड़कर लुधियाना चले गए थे और उन्होंने वहां एक्टिंग स्कूल खोल लिया था। वह लंबे समय से लुधियाना में रह रहे थे। कूल्हे में फ्रैक्चर होने के कारण वह काफी समय से बीमार चल रहे थे। 8 अप्रैल 2021 को उन्हें बीमार होने के कारण लुधियाना के चैरिटेबल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां उपचार के दौरान पता चला कि वह कोरोना संक्रमित भी हैं। सतीश कौल का निधन 10 अप्रॅल, 2021 को हुआ। उनका लुधियाना के मॉडल टाउन एक्सटेंशन स्थित श्मशान घाट में अंतिम संस्कार कर दिया गया।एजेन्सी।