बारिश के बीच लगे हर हर माहदेव के जयकारे
लखनऊ। सावन के पहले सोमवार पर रविवार देर रात से ही हुई मूसलाधार बारिश शिव भक्तों का हौसला नहीं डिगा पाई। सुबह तड़के से हो रही बारिश ने समय बढने के साथ अपनी गति तेज कर दी। इसके बाद भी बड़ी संख्या में शिव भक्त शिवालयों में जलाभिषेक करने उमड़े। सावन के पहले सोमवार को राजधानी लखनऊ झमाझम बारिश के बीच मंदिरों में हर-हर महादेव के जयकारे गूंजे। बेलपत्र, दूध, शहद, अक्षत, भांग, रोली, चंदन के साथ शिवभक्तों ने आदि देव महादेव का जलाभिषेक किया। सावन के पहले सोमवार को लखनऊ के शिवालयों में शिव भक्तों का जनसैलाब उमड़ पड़ा। सुबह से हो रही बारिश पर भी आस्था भारी पड़ी और जलाभिषेक के लिए भक्तों का तांता लगा रहा। शिव भक्तों नें राजधानी के मनकामेश्वर मन्दिर, सिद्धनाथ मन्दिर समेत अन्य शिव मंदिर में जलाभिषेक कर पुण्य कमाया। श्रद्धालुओं ने महादेव का हर मंदिर में जलाभिषेक आज तड़के से ही मनकामेश्वर मंदिर में दर्शन के लोग कतारबद्ध थे। लाइन में लगकर जलाभिषेक कर रहे थे। भीड़ के चलते तिल रखने की जगह नहीं थी।पहले सावन पर जलाभिषेक के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।
सावन मास के प्रत्येक सोमवार को भगवान शिव के निमित्त व्रत किए जाते हैं। इस मास में शिव की पूजा का विशेष विधान है। कुछ भक्त तो पूरे मास ही भगवान शिव की पूजा-आराधना और व्रत करते हैं। अधिकांश व्यक्ति केवल श्रावण मास में पड़ने वाले सोमवार का ही व्रत करते हैं। श्रावण मास के सोमवारों में शिव के व्रतों, पूजा और शिव जी की आरती का विशेष महत्त्व है। शिव के ये व्रत शुभदायी और फलदायी होते हैं। इन व्रतों को करने वाले सभी भक्तों से भगवान शिव बहुत प्रसन्न होते हैं। यह व्रत भगवान शिव की प्रसन्नता के लिए किये जाते हैं। व्रत में भगवान शिव का पूजन करके एक समय ही भोजन किया जाता है। व्रत में भगवान शिव और माता पार्वती का ध्यान कर ‘शिव पंचाक्षर मन्त्र’ का जप करते हुए पूजन करना चाहिए।