एजेंसी। मध्य प्रदेश के रीवा जिले में धर्मातरण के आरोप में बंधक बनाकर पीटे गए पादरी रामपाल कोरी और उनके साथी तो जेल में बंद हैं, लेकिन उन्हें पीटने वाले बजरंगी अभी भी खुलेआम घूम रहे हैं. पुलिस ने बजरंगियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया है, लेकिन अब तक गिरफ्तारी नहीं हो पाई है.
बजरंगियों ने 21-22 जुलाई की रात पादरी रामपाल कोरी और उनके साथ नंदलाल को अगवा कर लिया और पेड़ से बांधकर उनकी बेरहमी से पिटाई की. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर उन्हें रिहा कराया था. बजरंगियों का आरोप था कि पादरी रामपाल कोरी धर्मातरण कराते हैँ .पादरी रामलाल कोरी मउगंज में नंदलाल के घर पर प्रार्थना आदि कराते रहे हैं. बीते गुरुवार की रात नंदलाल के ससुर के निधन की खबर पाकर रामपाल और नंदलाल मोटरसाइकिल से शाहपुर थाना क्षेत्र के गडरा गांव गए हुए थे, तभी बजरंग दल से जुड़े लोग वहां आ गए और उनसे मारपीट करने लगे.बजरंग दल के कार्यकर्ता उन्हें घसीटते हुए जंगल की ओर ले गए, मारपीट की और पेड़ से बांध दिया. देर रात जब उनकी पत्नी ने पुलिस को अपहरण की सूचना दी, तब पुलिस ने मौके पर पहुंचकर दोनों को छुड़ाया.
मउगंज के उप-मंडलाधिकारी (पुलिस) कमलेश शर्मा ने बताया, 21 -22 जुलाई को सरकारी स्कूल में शिक्षक रामनगरी के रहने वाले संतराम साकेत ने पादरी रामपाल कोरी और नंदलाल के खिलाफ धर्मातरण के लिए दवाब डालने की शिकायत की. श्री शर्मा के अनुसार,पादरी ‘रामपाल और नंदलाल को बंधक बनाकर मारपीट करने वाले बजरंग दल के 12 सदस्यों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया गया है, लेकिन उनकी गिरफ्तारी नहीं हो पाई है.’
इस बारे में पादरी रामयश कहना था कि, “रामपाल व नंदलाल को बंधक बनाकर मारपीट करने वाले खुलेआम घूम रहे हैं और पुलिस उन्हें गिरफ्तार नहीं कर रही